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जरदारी भारत से दुखी

८ नवम्बर २०१०

पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने कहा है कि भारत शांति कोशिशों का सकरात्मक रूप से जवाब देने में नाकाम रहा है. यह बात उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के इस बयान के बाद कही है कि दोनों देश अपने मतभेद दूर करें.

तस्वीर: AP

जरदारी के बयान के मुताबिक पाकिस्तान की सरकार ने शांति की दिशा में भारत की तरफ हाथ बढ़ाया है लेकिन उसका उचित जबाव नहीं मिला है. उन्होंने कहा, "यह बहुत मददगार होता अगर हमारी पहलों का स्वागत किया जाता और उनका सकारात्मक जबाव दिया जाता." जरदारी ने माना कि मुंबई के आतंकवादी हमलों से शांति कोशिशों को धक्का लगा है. 26 नवंबर 2008 को हुए इन हमलों में 166 लोग मारे गए और इनके लिए पाकिस्तानी तत्वों को जिम्मेदार माना जाता है.

वैसे पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने कहा, "उग्रवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार लोगों को कानून के कठघरे तक लाने में पाकिस्तान बखूबी सहयोग कर रहा है." अपनी भारत यात्रा के दूसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि समृद्ध पाकिस्तान ही भारत के हित में होगा. उनके मुताबिक, "मुझे उम्मीद है कि वक्त के साथ दोनों देशों के बीच भरोसा कायम होगा और कम विवाद के विषयों के साथ बातचीत शुरू होगी और फिर उसमें विवाद के बड़े मुद्दे भी शामिल किए जा सकते हैं."

भारत सरकार पाकिस्तान के साथ अपने रिश्तों में किसी बाहरी हस्तक्षेप के बिल्कुल खिलाफ है और खास कर कश्मीर मुद्दे के सिलसिले में. वहीं ओबामा की कोशिश न तो अपने मेजबान भारत को निराश करने की है और न ही आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में अहम सहयोगी पाकिस्तान को नाराज करने की. वैसे पाकिस्तान में इस बात को लेकर खासी नाराजगी देखने में आ रही है कि ओबामा ने अपने एशियाई दौरे में पाकिस्तान को शामिल नहीं किया. व्हाइट हाउस का कहना है कि राष्ट्रपति ओबामा 2011 में पाकिस्तान की यात्रा पर जाएंगे, हालांकि अभी इसके लिए तारीख का एलान नहीं किया गया है.

ओबामा सरकार का कहना है कि इससे पहले पाकिस्तान को चरमपंथ पर काबू करने के लिए और कदम उठाने होंगे. जरदारी का कहना है कि पाकिस्तान तालिबानी उग्रवादियों की तरफ से पेश चुनौतियों ने निपटता रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य

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