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जर्मनी अमेरिका नहीं करेंगे आपसी जासूसी

१६ अगस्त २०१३

जर्मन सरकार ने अमेरिका के साथ एक दूसरे पर जासूसी न करने की संधि की आरंभिक तैयारी कर ली है, लेकिन विपक्षी एसपीडी पार्टी का कहना है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी जर्मनी में टेलीफोन और इंटरनेट पर अभी भी नजर रख रही है.

तस्वीर: Mladen Antonov/AFP/Getty Images

जर्मन मंत्रिमंडल ने आईटी सुरक्षा के लिए एक सूची को मंजूरी दे दी है, जिसमें तय किया गया है कि दोनों देश न तो एक दूसरे की जासूसी करेंगे और न ही आर्थिक जासूसी करेंगे. एसपीडी ने इस संधि में आम नागरिकों की सूचनाओं को भी शामिल करने की मांग की है.

कैबिनेट के फैसले के अनुसार अमेरिका के साथ होने वाली संधि में यह भी तय किया जाएगा कि एक दूसरे के राष्ट्रीय हितों को नुकसान नहीं पहुंचाया जाए और दोनों ही देशों के कानूनों का खयाल रखा जाएगा. जर्मन सरकार के प्रवक्ता श्टेफान जाइफर्ट ने कहा, "इस तरह की संधि का अमेरिका की ओर से मौखिक आश्वासन मिल चुका है."

जर्मनी और अमेरिका के बीच एंटी-स्पाइंग समझौता करने की घोषणा चांसलर कार्यालय के मंत्री रोलांड पोफाला ने सोमवार को खुफिया एजेंसियों की निगरानी करने वाली संसदीय आयोग की बैठक में की थी. आयोग के प्रमुख और एसपीडी के संसदीय मैनेजर थोमस ओपरमन ने कहा है, "यह काफी नहीं है कि साथी देश की सरकारें तय कर रही हैं कि वे एक दूसरे के मंत्रालयों और दूतावासों की जासूसी नहीं करेंगी." उन्होंने मांग की कि नागरिकों के अधिकारों की भी रक्षा की जानी चाहिए. जर्मनी में अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए द्वारा टेलीफोन और इंटरनेट कनेक्शन की जासूसी पर विवाद खत्म नहीं हुआ है. थोमस ओपरमन का कहना है कि अमेरिकी जासूसी प्रोग्राम प्रिज्म के बारे में अभी भी स्थिति साफ नहीं हुई है. रिपोर्टों के अनुसार प्रिज्म कार्यक्रम के तहत जर्मन नागरिकों के डेटा की भी जासूसी की गई. ओपरमन ने कहा कि प्रिज्म से हम अपनी सुरक्षा तभी कर पाएंगे जब पता चले कि वह कैसे काम करता है. "अमेरिका के साथ जर्मनी में मौलिक अधिकारों की रक्षा पर एक भरोसेमंद संधि तभी हो सकती है जब हमें जासूसी प्रोग्राम प्रिज्म के बारे में पता हो."

ओपरमन ने इस पर चिंता जताते हुए कहा है कि गृह मंत्रालय ने इस संभावना से इंकार नहीं किया है कि एनएसए अमेरिका स्थित सर्वरों के जरिए जर्मनी में होने वाले घरेलू संचार पर नजर रख रहा है. उन्होंने मांग की है कि चांसलर अंगेला मैर्केल को खुद राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ इस संधि पर बातचीत करनी चाहिए.

ग्रीन पार्टी के सांसद हंस क्रिस्टियान श्ट्रोएबेले का कहना है कि सरकार के इरादे की घोषणा इस पर पर्दा नहीं डाल सकती कि जर्मन नागरिकों को जासूसी से बचाने के लिए ठोस सुरक्षा कदम उठाना उसकी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि लोगों को यह कहकर भुलावे में नहीं रखना चाहिए कि जासूसी पूरी तरह नहीं हो रही है या जर्मनी में नहीं हो रही है, बल्कि सिर्फ बाहरी प्रोवाइडरों द्वारा की जा रही है. "यह लोगों को शांत नहीं करता क्योंकि नागरिक अधिकारों का व्यापक हनन वैसा ही गंभीर रहता है."

संधि पर अमेरिका का मौखिक आश्वासनतस्वीर: Reuters

सरकार द्वारा तय कदमों में आईटी क्षेत्र में सुरक्षा तकनीक पर एक राउंड टेबल का आयोजन भी किया गया है जिसकी पहली बैठक 9 सितंबर को होगी. उसमें राजनीतिक प्रतिनिधियों के अलावा शोध और अर्थव्यवस्था के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे. सरकारी प्रवक्ता जाइबर्ट ने कहा, "हम सुरक्षा तकनीक बनाने वाले उद्यमों के लिए बेहतर ढांचा बनाना चाहते हैं."

एसपीडी एक छह सूत्री कार्यक्रम के जरिए जर्मन उद्योग को जासूसी से बचाना चाहती है. सितंबर में होने वाले संसदीय चुनावों में पार्टी का नेतृत्व कर रहे चांसलर पद के उम्मीदवार पेअर श्टाइनब्रुक ने यह कार्यक्रम तैयार किया है. उसमें कहा गया है, "जर्मनी अंतरराष्ट्रीय जासूसी के केंद्र में है. जर्मन अर्थव्यवस्था के लिए यह गंभीर खतरा है." मीडिया रिपोर्टों के अनुसार श्टाइनब्रुक साइबर सुरक्षा पर शोध के लिए 25 करोड़ यूरो खर्च करना चाहते हैं.

एमजे/एएम (एएफपी)

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