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जर्मनी की जीडीपी पांच फीसदी सिकोड़ सकता है कोरोना

३० मार्च २०२०

देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने जर्मनी की अर्थव्यवस्था में 2.8 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत तक की कमी का अनुमान लगाया है. एक ओर जर्मनी में आर्थिक मंदी आना तय बताया जा रहा है और दूसरी ओर इटली जैसे हालात पैदा होने का खतरा है.

Deutschland Bonn Coronavirus Toilettenpapier
तस्वीर: DW/M. Müller

अर्थशास्त्रियों के विशिष्ट पैनल के अर्थशास्त्री बता रहे हैं कि अगर गर्मियों का महीना आते आते आर्थिक स्थिति सुधर जाती है तो इस साल अर्थव्यवस्था में केवल 2.8 प्रतिशत की कमी आएगी और फिर अगले साल इसमें 3.7 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिल सकती है. लेकिन अगर उत्पादन और सामाजिक पाबंदियों का दौर 20 अप्रैल से आगे भी जारी रहा तो इसके कारण इस साल जीडीपी में 5.4 प्रतिशत तक की गिरावट देखने का मिल सकती है. साल 2021 में एक बार फिर अर्थव्यवस्था में 4.9 प्रतिशत की बढ़त दिखने का अनुमान है.

अब तक जर्मनी में कोविड 19 के संक्रमण के 60,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और कम से कम 541 लोगों की इससे जान जा चुकी है. बीते सप्ताह जर्मन संसद ने इसके आर्थिक असर से निपटने के लिए 750 अरब यूरो के राहत पैकेज की घोषणा की. पांच आर्थिक सलाहकारों की परिषद ने सोमवार को अपनी विशेष रिपोर्ट जर्मन सरकार को सौंपी. कम से कम तीन तिमाहियों में लगातार विकास दर शून्य से नीचे होने को अर्थशास्त्री आर्थिक मंदी की संज्ञा देते हैं. इस पैनल के अलावा जिस तरह के आर्थिक अनुमान सामने आए हैं वे इससे भी अधिक चिंताजनक हैं.

जर्मन इकोनॉमिक इंस्टीट्यूट ने बीते हफ्ते बताया था कि अगर लॉकडाउन की स्थिति जून तक रह जाती है तो अर्थव्यवस्था में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिल सकती है. हर पांच में से एक जर्मन कंपनी ने हाल के एक सर्वे में खुद पर कोरोना वायरस के कारण दिवालिया होने का खतरा बताया है.

रुका हुआ है कामतस्वीर: Imago Images/Sven Simon

स्वास्थ्य व्यवस्था पर असर

फिलहाल ऐसी आशंका जताई जा रही है कि आगे चलकर जर्मनी की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा सकती है. एक अखबार से बातचीत में महामारियों पर काम करने वाले रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट के प्रमुख लोथर वीलर ने कहा कि संक्रमण की हालत और गंभीर हुई तो जर्मनी भी इटली जैसा दबाव महसूस करा सकता है. वीलर ने फ्रांकफुर्टर अलगेमाइने त्साइटुंग से कहा, "हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि हमारे पास वेंटिलेटर से अधिक मरीज होंगे... ऐसा तो हो ही सकता है कि हमारी क्षमता कम पड़ जाए." 

इटली की नागरिक सुरक्षा एजेंसी ने हाल ही में माना था कि उनके सामने सबसे बड़ी कठिनाई वेंटिलेटर और मास्कों की कमी की है. महामारी की मार झेल रहे अन्य देशों की तुलना में जर्मनी में कोरोनावायरस रोगियों की मृत्यु दर फिलहाल कम बनी हुई है. दुनिया भर में इस वायरस से अब तक 7,35,000 से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 34,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. दिसंबर 2019 में चीन में इसके पहले मामलों की पहचान हुई थी और तबसे 200 से अधिक देशों में कोविड 19 के संक्रमण की सूचना मिली है.

आरपी/ओएसजे (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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