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जर्मनी को बदलने होंगे अपने दांव पेंच

१७ जून २०१२

ग्रीस की टीम ने 1-0 से मैच जीत कर रूस को घर वापस भेज दिया है तो चेक गणराज्य के हाथ मेजबान पोलैंड को भी इसी तरह हार का सामना करना पड़ा. आज जर्मनी का डेनमार्क से और पुर्तगाल का नीदरलैंड्स से मुकाबला है.

तस्वीर: Reuters

रविवार शाम ग्रुप बी के आखिरी मैचों में जर्मनी की टीम डेनमार्क से भिड़ेगी. नीदरलैंड्स के खिलाफ शानदार प्रदर्शन और 2-1 से जीत के बाद कोच योआखिम लोएव ने दावा किया था, "इस जीत के साथ ही हमारे लिए क्वार्टर फाइनल के दरवाजे खुल गए हैं. अब यह हमारे हाथ में है." लेकिन ग्रुप बी के दूसरे मैच में अगर पुर्तगाल ने नीदरलैंड्स को दो से अधिक गोल से हरा दिया तो जर्मनी के लिए मुश्किल खड़ी हो जाएगी. ऐसे में जर्मनी के लिए जरूरी होगा कि वह मैच को जीते या कम से कम ड्रॉ करा दे.

हालांकि जर्मनी छह अंकों के साथ ग्रुप बी में सबसे आगे है, लेकिन येरोम बोआटेंग को निलंबित किए जाने के कारण ट्रेनर लोएव को टीम में बदलाव करने पड़ रहे हैं. बोआटेंग को टूर्नामेंट में दूसरी बार यलो कार्ड मिला है.

अगर पसंदीदा खिलाड़ियों की बात की जाए तो सबसे पहला नंबर आएगा बायर लेवरकुजेन के मिडफील्डर लार्स बेंडर का, जो अपने करियर की शुरुआत में राईट बैक पोजीशन पर खेल चुके हैं. बेंडर देश के लिए अब तक बस आठ बार मैदान पर उतरे हैं. ग्रुप मैचों में वह दोनों बार मैदान में आए और जर्मनी जीता. शाल्के के डिफेंडर बेनेडिक्ट होएवेडेस भी एक विकल्प हैं. हालांकि राइट बैक पोजीशन पर उनके पास बेंडेर से ज्यादा अनुभव है, लेकिन इस टूर्नामेंट में वह अब तक एक बार भी मैदान पर नहीं आ पाए हैं.

एक और विकल्प यह भी है कि कैप्टन फिलिप लाम को फील्ड में बाईं की जगह दाईं ओर खेलने को कहा जाए. लेकिन जानकारों का मानना है कि लोएव फील्ड पर होल्गर बाडश्टूबर और लुकास पोडोल्स्की के साथ उनके तालमेल को खराब नहीं करना चाहेंगे.

तस्वीर: Getty Images

शनिवार शाम ग्रुप ए के आखिरी दोनों मैच रोमांचक रहे. ग्रीस और चेक गणराज्य ने एक एक गोल कर क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है. रूस को आगे बढ़ने के लिए केवल एक ड्रॉ की जरूरत थी, लेकिन वह भी मुमकिन ना हो सका. ग्रीस और पोलैंड के लिए यह साफ था कि वे तभी आगे बढ़ सकते हैं अगर उन्होंने मैच जीता.

72वें मिनट तक इंतजार

पोलैंड को क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के लिए तीन अंकों की जरूरत थी. व्रात्स्वाफ में खेले गए मैच में शुरुआत से ही टीम ने चेक खिलाड़ियों पर दबाव बनाए रखा. शुरू के बीस मिनटों में दो बार ऐसा हुआ जब पोलैंड गोल करते करते रह गया. दोनों ही बार बॉल साइड नेट से लग कर निकल गई. चेक खिलाड़ियों को लम्बे समय तक केवल डिफेन्स करते ही देखा गया. हाफ टाइम के बाद जब टीमें दोबारा मैदान में आई तो पोलैंड के फैन्स उस एक गोल के इंतेजार में रहे जो पोलैंड को आगे ले जा सकता था.

पोलैंड के खिलाड़ी जिस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहे थे, 72वें मिनट में वह और ऊंचा हो गया, जब वोल्फ्सबुर्ग के मिडफील्डर पीटर जिरासेक ने कदमों को बॉल के ऊपर नचाते हुए पोलैंड के डिफेंडरों को धोखे में ले लिया. नतीजा, गेंद पाले में जा गिरी. शुरुआत में पोलैंड ने जबरदस्त हमले किए. इसका जवाब चेक ने बढ़िया गोल से दिया. जिरासेक के पास अब यूरो कप 2012 में 2 गोल हो गए हैं.

तस्वीर: Reuters

गोल के बाड यलो कार्ड

वहीं वॉरसा में ग्रीस आक्रामक रहा. पोलैंड की तरह ग्रीस ने भी मैच की बेहतरीन शुरुआत की. पहले 45 मिनट में लगा कि ग्रीस के खिलाड़ियों की सारी मेहनत जाया हो जाएगी और उन्हें हाफ टाइम के बाद मैदान से खाली हाथ ही जाना होगा. लेकिन इंजुरी टाइम के दो मिनट में पासा पलट गया. ग्रीस के कप्तान गियोर्गोस कारागोनियस ने यूरी जिरखोव को छका दिया. इस बेहतरीन धोखे में रूसी गोलकीपर व्याशेस्लाव भी आ गए और ग्रीस हाफ टाइम में छाती चौड़ी करके 1-0 की लीड के साथ गया. गोल होने के कुछ ही सेकंड बाद हाफ टाइम की सीटी बजी. दूसरे हाफ में कारागोनियस को रेफरी एरिकसन ने यलो कार्ड दिखा दिया. ग्रीस को मैच जितवाने वाले कारागोनियस अब अगला मैच नहीं खेल पाएंगे.

आखिरी बीस मिनटों में पोलैंड और रूस दोनों ही विपक्षी टीमों के डिफेन्स को तोड़ने में विफल रहीं.

रिपोर्ट: ईशा भाटिया, डीआर/सीपी

संपादन: आभा मोंढे

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