1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी ने परमाणु संयंत्रों की उम्र बढ़ाने का काम टाला

१५ मार्च २०११

जर्मनी ने देश के परमाणु संयंत्रों की उम्र बढ़ाने के लिए किया गया समझौता निलंबित कर दिया है. चांसलर अंगेला मैर्केल ने सोमवार को कहा कि जापान के संकट ने इस समझौते के लिए हालात को मुश्किल बना दिया.

परमाणु ऊर्जा नहीं चाहिए: विरोध प्रदर्शनतस्वीर: AP

वैसे इस समझौते का पहले से ही विरोध हो रहा था. पिछले साल सत्ताधारी गठबंधन के बीच देश के 17 परमाणु संयंत्रों की उम्र बढ़ाने को लेकर समझौता हुआ था. इनमें से सबसे उम्रदराज संयंत्र 34 साल का है. चांसलर मैर्केल ने बताया कि समझौते को तीन महीने के लिए निलंबित किया गया है.

तस्वीर: dapd

जापान ने चेताया

जापान के भूकंप में वहां के परमाणु संयंत्रों को खासा नुकसान पहुंचा और विकिरण का भयंकर खतरा खड़ा हो गया. फुकुशिमा न्यूकलियर रिएक्टर में तो परमाणु ईंधन ही पिघल गया. इस बात ने जर्मनी में परमाणु ऊर्जा के खिलाफ लड़ाई को बल दिया और सरकार ने आखिरकार अपना समझौता निलंबित कर दिया.

जर्मनी में परमाणु ऊर्जा राजनीतिक मुद्दा भी है. इसी महीने दक्षिण पश्चिमी राज्य बाडेन-वुएर्टेमबेर्ग में चुनाव होने हैं और उससे पहले परमाणु ऊर्जा के मुद्दे पर मैर्केल सरकार की काफी खिंचाई हो रही है. उनकी दक्षिणपंथी सीडीयू पार्टी के लिए राज्य में अपनी सत्ता कायम रखने की चुनौती है क्योंकि पर्यावरण समर्थक ग्रीन पार्टी का समर्थन बढ़ रहा है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

तीन महीने बाद

मैर्केल ने पत्रकारों से कहा, "हम फिलहाल जर्मनी के परमाणु बिजली घरों की उम्र बढ़ाने के काम को निलंबित कर रहे हैं. इस बारे में हाल ही में फैसला हुआ था लेकिन अब इस फैसले को तीन महीने तक निलंबित किया जाता है."

सरकार ने इन बिजली घरों को तय उम्र से 12 साल ज्यादा चलाने का फैसला किया था. इस फैसले को लेकर देशभर में खासा विरोध हुआ था लेकिन सरकार ने विरोध को दरकिनार करते हुए अपने फैसले पर कायम रहने का फैसला किया. बीते सप्ताह जापान के भूकंप के बाद एक बार फिर यह विवाद खड़ा हो गया.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें