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जर्मनी ने सीरिया पर सुरक्षा परिषद की बैठक बुलवाई

१ अगस्त २०११

सीरिया में बिगड़ती स्थिति पर जर्मनी ने सोमवार को सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने को कहा है. आज से जर्मनी के स्थान पर भारत सुरक्षा परिषद की क्रमिक अध्यक्षता संभाल रहा है, लेकिन फिर भी इस बैठक के आज ही होने की संभावना है

तस्वीर: picture alliance/abaca

सुरक्षा परिषद सीरिया में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई पर राष्ट्रपति बशर अल असद की सरकार की निंदा पर अब तक सहमत नहीं हो पाई है. हालांकि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की विश्व भर में निंदा हुई है लेकिन सोमवार की बैठक में भी परस्पर विरोधी पक्षों के एकमत होने की संभावना नहीं दिखती.

सुरक्षा परिषद में मतभेद

जर्मनी के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस, पुर्तगाल और अमेरिका कई सप्ताह से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सीरियाई सेना की कार्रवाई की कड़ी निंदा का प्रस्ताव पास करना चाहते हैं. लेकिन वीटो अधिकारों से लैस रूस और चीन इसका विरोध कर रहे हैं. यूरोपीय राजनयिकों को उम्मीद है कि रविवार की हिंसा के निंदा प्रस्ताव का कम से कम एक विरोधी उसका समर्थन कर सकता है. इस बीच भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील अपने उप रक्षा मंत्रियों को मध्यस्थता बातचीत के लिए सीरिया भेज रहे हैं.

तस्वीर: AP

सीरिया में रविवार को सेना ने टैकों से लैस होकर विरोधियों के गढ़ हमा पर धावा बोल दिया. मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार सेना की कार्रवाई में कम से कम 100 लोग मारे गए. रविवार को अलग अलग जगहों पर सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 140 से अधिक लोगों के मरने की खबर है.

असद सरकार की निंदा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने सरकार के विरोधियों के खिलाफ सेना की कार्रवाई को रोकने की मांग की है. बान ने असद की कार्रवाईयों की निंदा करते हुए कहा है कि हमा और दूसरे शहरों में सैकड़ों लोगों के मारे जाने की खबर पर वह अत्यंत चिंतित हैं. बान ने इस पर जोर दिया है कि सीरिया को भी मानवाधिकारों का पालन करना होगा, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी शामिल है.

यूरोपीय संघ की विदेश नैतिक प्रतिनिधि कैथरीन ऐशटन ने हिंसा पर सदमे का इजहार किया है और कहा है कि सेना की कार्रवाई इसलिए भी अस्वीकार्य है कि यह रमजान के पूर्व संध्या पर हुई है. यूरोपीय संसद के प्रमुख जैर्जी बूझेक ने हमा की घटना को सीरियाई नेतृत्व द्वारा किया गया जनसंहार बताया है और दमिश्क से सत्ता का हस्तांतरण शुरू करने की मांग की है.

तस्वीर: picture alliance/abaca

साजिश की आशंका

इसके विपरीत सीरिया लोकतांत्रिक आंदोलन में देश के खिलाफ साजिश देखता है. सेना की स्थापना की 66वीं वर्षगांठ पर एक लेख में राष्ट्रपति असद ने कहा है कि सीरिया साजिश को कुचलने की स्थिति में है. उनका कहना है कि साजिश का लक्ष्य सीरिया के टुकड़े टुकड़े करना है, और यह पूरे इलाके को विभाजित करने की योजना का हिस्सा है. राष्ट्रपति ने लिखा है कि साजिश करने वालों ने इसे नजरअँदाज किया है कि सीरिया विशेष गुणों वाला है जो उसे साजिश से सुरक्षित बनाते हैं.

हमा पहले भी एक जनसंहार का गवाह रह चुका है. 1982 में शहर के सुन्नी विद्रोहियों के खिलाफ सेना की कार्रवाई में अपुष्ट खबरों के अनुसार 20,000 से अधिक लोग मारे गए थे. उस समय राष्ट्रपति बशर अल असद के पिता हफीज अल असद सीरिया के शासक थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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