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जर्मनी मध्यपूर्व वार्ता की बहाली के हक में

२७ सितम्बर २०११

जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले ने इस्राएल और फलीस्तीन से तुरंत बातचीत शुरू करने को कहा है. उन्होंने कहा कि शांति संभव है पर यह बातचीत से ही कायम होगी. वेस्टरवेले ने सीरिया में प्रदर्शनकारियों के दमन की भी आलोचना की.

यूएन में वेस्टरवेलेतस्वीर: dapd

संयुक्त राष्ट्र महासभा में मध्यपूर्व संकट पर वेस्टरवेले ने कहा, "दोनों ही पक्षों के हित वैध हैं. फिर भी निश्चित तौर पर ये हित परस्पर विरोधी नहीं हैं." शुक्रवार को फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने राष्ट्र के तौर पर संयुक्त राष्ट्र की मान्यता के लिए आवेदन किया जबकि मध्यपूर्व पर चार पक्षीय समूह ने इसकी बजाय रुकी पड़ी शांति वार्ता को महीने भर के भीतर फिर से शुरू करने पर जोर दिया है.

वेस्टरवेले ने जोर देकर कहा कि शांति मुमकिन हैं लेकिन यह बातचीत के जरिए कायम होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने मध्यपूर्व शांति वार्ता की बहाली के लिए चार पक्षीय समूह की कोशिशों को जर्मनी का समर्थन जताया. वेस्टेरवेले ने यह साफ नहीं किया कि जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में फलीस्तीन के आवेदन पर वोटिंग होगी तो जर्मनी किस तरह मतदान करेगा. जर्मनी 15 सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद में दो साल के लिए अस्थायी सदस्य है.

इस्राएल की सुरक्षा अहम

सुरक्षा परिषद के वीटो शक्ति से लैस, पांच स्थायी सदस्यों में से एक अमेरिका ने साफ किया है कि वह फलीस्तीन को अलग राष्ट्र के तौर पर मान्यता वाले प्रस्ताव को रोकेगा. बहुत से देशों की तरह जर्मनी भी मध्यपूर्व संकट का हल दो राष्ट्रों के निर्माण को मानता है. लेकिन इस्राएल की सुरक्षा जर्मन नीति का बुनियादी सिद्धांत है.

फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद के साथ वेस्टरवेलेतस्वीर: picture alliance / dpa

फलीस्तीनी दूत संयुक्त राष्ट्र परिषद से एक देश के तौर पर मान्यता हासिल करने के लिए मुहिम चला रहे हैं. हालांकि इस मुद्दे पर वोटिंग होने में कई हफ्तों का समय लग सकता है लेकिन राजनयिक मुहिम जारी है. संयुक्त राष्ट्र में फलीस्तीन के दूत रियाद मंसूर ने कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों बोस्निया, गैबोन और नाइजीरिया में प्रतिनिधिमंडल भेजे जाएंगे. लेकिन अमेरिका की असहमति इन तमाम प्रयासों पर भारी पड़ेगी.

सीरिया पर सख्ती की अपील

वेस्टरवेले ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अपील की कि प्रदर्शनकारियों का दमन कर रही सीरियाई सरकार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया जाए. उन्होंने कहा, "परिषद को दमिश्क के नेतृत्व को कड़ा संदेश देना चाहिए ताकि वहां बेतुकी हत्याओं को रोका जा सके."

सीरिया पर हुई बैठक में हिस्सा लेते हुए वेस्टरवेले ने कहा कि संकट को रोकना सुरक्षा परिषद के लिए सबसे अहम जनादेश है. इस बैठक में 15 सदस्य देशों के सरकार प्रमुखों या उनके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने राजनयिक माध्यमों से हाल में मिली संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने गिनी में लोकतंत्र की स्थापना, केन्या और किर्गिस्तान में हिंसा रुकने का हवाला दिया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार

संपादन: आभा एम

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