हाल ही में जी-20 सम्मेलन के दौरान जर्मन शहर हैम्बर्ग बुरी तरह दंगों की चपेट में आया तब वामपंथी आतंकवाद के उभरने की आशंका जताई गई थी. अब पुलिस कह रही है कि देश में इस्लामी आतंकवाद का खतरा बढ़ा है.
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जर्मनी में इस वक्त करीब 700 इस्लामी कट्टरपंथी रह रहे हैं ये कहना है देश के संघीय पुलिस प्रमुख का. उन्होंने एक अखबार से बातचीत में ये भी कहा है कि कट्टर वामपंथी और दक्षिणपंथी उतने खतरनाक नहीं हैं.
जर्मनी में संदिग्ध इस्लामी चरमपंथियों की संख्या बढ़ कर 690 हो गई है. संघीय पुलिस प्रमुख होल्गर मुंच का कहना है कि इसी साल फरवरी में गृह मंत्रालय ने ये संख्या 600 बताई थी. शुक्रवार को छपे जर्मन अखबार फ्रांकफुर्टर रुंडशाउ में मुंच ने कहा है कि कट्टर इस्लाम जर्मनी में एक बड़ा खतरा है. उनका ये भी कहना है कि वामपंथी और दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों का खतरा इस्लामी कट्टरपंथ की तुलना में कम है.
मुंच ने कहा है, "वामपंथियों की बात करें तो जर्मन राज्यों में इनकी गणना एक हाथ की उंगलियों पर ही हो जाएगी. दक्षिणपंथियों के मामले में भी ये संख्या काफी कम है." मुंच का आकलन कई जर्मन राजनेताओं के हाल ही में जी20 सम्मेलन के दौरान हुए दंगों के बाद दिए बयानों से मेल नहीं खाता. तब राजनेताओं ने कहा था कि वामपंथी कट्टरपंथियों से खतरा बढ़ रहा है.
हालांकि मुंच ने ये चेतावनी भी दी कि धुर दक्षिणपंथियों के आतंकवाद की तरफ जाने की आशंका है. मुंच ने कहा, "वामपंथी धड़ों के हालिया अपराधों से अलग हम इस बात की बहुत आशंका देख रहे हैं कि दक्षिणपंथी आतंकवादी ढांचा खड़ी कर सकते हैं. पिछले दो सालों में प्रवासन के मुद्दे ने इन लोगों को काफी ज्यादा कट्टर बनाया है. 2015 और 2016 में शरण मांगने वाले प्रवासियों के प्रति होने वाले अपराधों से इसकी पुष्टि होती है."
जर्मनी पर आतंक के साए
जर्मनी में पिछले डेढ़ साल के दौरान पुलिस कई आतंकवादी हमलों की साजिशों को नाकाम बनाने में कामयाब रही. इस्लामी आतंकवाद के निशाने पर आए जर्मनी में हुई चरमपंथी घटनाओं पर एक नजर.
तस्वीर: Reuters/M. Rehle
अप्रैल, 2017
जर्मन फुटबॉल क्लब बोरुसिया डॉर्टमुंड के खिलाड़ियों की बस के करीब तीन धमाके हुए. उस वक्त टीम 11 अप्रैल को चैंपियंस लीग का क्वार्टरफाइनल मुकाबला खेलने जा रही थी. इस घटना में एक खिलाड़ी घायल हुआ है. पुलिस अभी इसे आतंकी घटना नहीं मान रही है. जांच जारी है.
तस्वीर: Reuters/K. Pfaffenbach
दिसंबर, 2016
बर्लिन के एक क्रिसमस बाजार में जर्मनी का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ जिसमें 12 लोग मारे गए थे. हमले के पीछे एक ट्यूनीशियाई युवक था जिसकी शरण की अर्जी ठुकरा दी गई थी. बाद में वह मिलान में पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
लाइपजिग अक्टूबर 2016
पुलिस ने लाइपजिग में 22 साल के एक सीरियाई शरणार्थी को गिरफ्तार किया. केमनित्स में उसके अपार्टमेंट से विस्फोटक और बम बनाने की सामग्री मिली थी. वह बर्लिन एयरपोर्ट पर हमले की संदिग्ध योजना बना रहा था. दो दिन बाद उसने खुद को जेल में फांसी लगा ली.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Willnow
अंसबाख, जुलाई 2016
जुलाई में इस्लामिक स्टेट ने शरणार्थियों द्वारा किए गए दो हमलों की जिम्मेदारी ली. बवेरियन शहर अंसबाख में एक वाइन बार में हुए धमाके में 15 लोग घायल हुए. हमलावर ने खुद को भी मार दिया.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/D. Karmann
वुर्त्सबुर्ग, जुलाई 2016
17 साल का एक शरणार्थी कुल्हाड़ी और चाकू लेकर एक ट्रेन में चढ़ गया और उसने हांगकांग के एक सैलानी परिवार के चार सदस्यों और एक अन्य व्यक्ति को घायल कर दिया. पुलिस की गोली से हमलावर मारा गया. पुलिस के मुताबिक हमलावर आईएस से प्रेरित था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Hildenbrand
डुसेलडॉर्फ, मई 2016
तीन जर्मन राज्यों नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया, ब्रांडेनबुर्ग और बाडेन वुर्टेमबर्ग में आईएस के तीन संदिग्ध सदस्य गिरफ्तार किए गए. अधिकारियों का कहना है कि इनमें से दो की योजना नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया की राजधानी डुसलडॉर्फ के व्यस्त इलाके में खुद को उड़ाने की थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Hitij
एसेन, अप्रैल 2016
पुलिस ने एसेन में एक सिख गुरुद्वारे पर हुए धमाके के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया. धमाका एक शादी के दौरान हुआ जिससे इमारत की खिड़कियां और दीवारों को नुकसान हुआ.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Kusch
हनोवर फरवरी 2016
जर्मन-मोरक्कन साफिया एस पर उत्तरी शहर हनोवर में एक पुलिस अधिकारी को चाकू घोंपने के आरोप तय किए गए. 16 वर्ष की इस लड़की पर आईएस से प्रेरित होने का संदेह है.
तस्वीर: Polizei
बर्लिन, फरवरी 2016
पुलिस ने बर्लिन में आतंकवादी हमले की योजना बनाने के संदिग्ध तीन अल्जीरियाई लोगों को गिरफ्तार किया जो आईएस से जुड़े थे. बर्लिन के अभियोजकों का कहना है कि उन्हें जर्मन राजधानी को निशाना बनाए जाने की "पुख्ता" योजना का पता चला था.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
ओबरउर्सेल, अप्रैल 2015
पुलिस को एक बाइक रेस उस वक्त रद्द करानी पड़ी जब पता चला कि इसे आतंकवादी हमले के जरिए निशाना बनाया जा सकता है. इस सिलसिले में एक तुर्क मूल के जर्मन और उसकी 34 वर्षीय पत्नी को गिरफ्तार किया गया. पुलिस को उनके घर से विस्फोटक मिले.
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इसके साथ ही मुंच ने कहा, "हम बहुत सजग हैं और लंबे समय तक सिर्फ देखते रहने की बजाय जितनी जल्दी हो सके अपनी जांच शुरू करना चाहते हैं."
जर्मनी में शरणार्थियों के रूप में सीरिया और दूसरे देशों से बड़ी संख्या में लोग आए हैं. इस वजह से दूसरी दिक्कतों के साथ ही सामाजिक ताने बाने पर भी असर पड़ा है. नववर्ष के दौरान जश्न मनाती लड़कियों के साथ बड़ी संख्या में छेडछाड़, क्रिसमस बाज़ार में आत्मघाती हमला और हाल में हुए दंगों ने लोगों को देश में बढ़ते खतरे का अहसास दिलाया है. हालांकि पुलिस ने अपनी सजगता और धैर्य से इन खतरों का ज्यादा असर नहीं होने दिया है लेकिन फिर लोगों के मन में आशंकाएं उठ रही हैं.