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जर्मनी में कोरोना रोधी टीके के क्लीनिकल टेस्ट को मिली मंजूरी

२२ अप्रैल २०२०

जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस को रोकने के लिए लॉकडाउन है, तब जर्मनी ने पहली बार एक टीके के क्लीनिकल टेस्ट को मंजूरी दी है. जर्मनी में पॉल एयरलिष इंस्टीच्यूट टीकों के लाइसेंस के लिए जिम्मेदार है.

Deutschland Symbolbild Corona-Test in München
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Hoppe

हेस्से प्रांत के लांगेन में स्थित पॉल एयरलिष इंस्टीच्यूट ने माइंस शहर की बायो टेक्नॉलॉजी कंपनी बायोनटेक और फार्मेसी कंपनी फाइजर को टीके के क्लीनिकल टेस्ट के लिए मंजूरी दी. इंस्टीच्यूट ने कहा है कि यह मंजूरी "टीके के उम्मीदवार के संभावित लाभ और नुकसान के सावधानीपूर्ण आकलन का नतीजा है." यह इंस्टीच्यूट नए टीकों के टेस्ट की अनुमति देने के अलावा उसके आकलन और लाइसेंस देने के लिए जिम्मेवार है.

इंस्टीच्यूट का कहना है कि यह दुनिया भर में "इंसान पर कोविड-19 टीके के निरोधक और खास टेस्ट" का चौथा मामला है. कोरोना महामारी के गंभीर परिणामों की रोशनी में इसे जर्मनी में प्रभावी और सुरक्षित टीके के विकास का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. टेस्ट की अनुमति मिलने के बाद एक बयान में बायोनटेक के प्रमुख उगूर साहीन ने कहा, "हमें खुशी है कि जर्मनी में प्रिक्लिनिकल टेस्ट पूरा हो गया है और अब इस स्टडी को इंसान पर उम्मीद से पहले टेस्ट कर सकेंगे.

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यह क्लीनिकल टेस्ट जर्मनी में शुरू हो रहा है पहला टेस्ट है और कोविड-19 के खिलाफ टीका विकसित करने के वैश्विक प्रयासों का हिस्सा है. बायोनटेक और फाइजर को उम्मीद है कि उन्हें टेस्ट के इस चरण के लिए अमेरिका में भी मंजूरी मिल जाएगी.

कितना समय लगेगा टीके के विकास पर

उधर स्विट्जरलैंड की फ्रार्मेसी कंपनी रोष के प्रमुख सेवेरिन श्वान का मानना है कि कोरोना वायरस के खिलाफ टीका जल्द से जल्द 2021 में आने की संभावना है. आम तौर पर टीका विकसित कर बाजार में लाने में एक साल का समय लगता है.

श्वान ने कोविड-19 से टीके की मदद से बचने की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए मंगलवार को कहा कि संभावना ये है कि अगले साल के अंत से पहले कोई टीका उपलब्ध नहीं होगा. रोष कंपनी खुद वायरस रोधी टीका नहीं बनाती है और इस कारोबार में घुसने का भी उसका इरादा नहीं है. रोष कोशिकाओं और खून का परीक्षण करने वाले डायग्नोसिस उपकरणों के क्षेत्र में विश्व की अग्रणी कंपनी है.

कोरोना वायरस के खिलाफ एक प्रभावी टीके को दुनिया के सामान्य जीवन में वापसी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. वायरस को रोकने के लिए इस समय अपनाए जा रहे लॉकडाउन सोशल डिस्टेंसिंग ने सामान्य जीवन और अर्थव्यवस्था को ठप्प कर दिया है. कोई उम्मीद नहीं कर रहा है कि लोग बहुत लंबे समय तक इस स्थिति को स्वीकार कर पाएंगे.

जर्मनी के रॉबर्ट कॉख इंस्टीच्यूट के उपाध्यक्ष ने हाल ही चेतावनी दी है कि टीके के बिना सामान्य जीवन में वापसी शायद ही संभव होगी. दुनिया भर में टीके के उम्मीदवारों पर क्लीनिकल टेस्ट हो रहे हैं और बहुत से विशेषज्ञों को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक कोरोना को रोकने वाला टीका बाजार में आ जाएगा.

एमजे/एके (एएफपी, रॉयटर्स)

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