जर्मनी में गठबंधन वार्ताएं शुरू
२३ अक्टूबर २०१३चांसलर की कंजरवेटिव क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक पार्टी के महासचिव हैरमन ग्रोहे ने बातचीत के बाद कहा, "शुरुआत अच्छी रही." 88 मिनट तक चली बातचीत के बाद दूसरे भागीदारों ने भी कहा कि बातचीत का माहौल अच्छा था. बवेरिया प्रांत में सक्रिय सीडीयू की सहोदर पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) के महासचिव एलेक्जांडर डोब्रिंट ने कहा, "हम सबने एक दूसरे को गले लगाया, और यह बहुत ही मददगार रहा." सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी की महासचिव आंद्रेया नालेस ने टिप्पणी की, "करने को बहुत कुछ है, जिसे हमें मिलकर निबटाना होगा."
बुधवार की बैठक सरकार बनाने से पहले लंबी गठबंधन वार्ता का पहला कदम थी. बातचीत 17 दिसंबर तक खिंच सकती है, जब नवनिर्वाचित संसद बुंडेसटाग के सदस्य मैर्केल को चांसलर चुनने के लिए मिलेंगे. मैर्केल के नेतृत्व में सरकार में शामिल होने के लिए एसपीडी पार्टी देश में साढ़े 8 यूरो का वैधानिक न्यूनतम वेतन लागू करने की मांग कर रही है. इसके अलावा कर बढ़ाने के सवाल पर भी चांसलर की पार्टी और एसपीडी के बीच गंभीर मतभेद हैं.
मैर्केल को सहयोगी की जरूरत
पिछले महीने चुनी गई 631 सदस्यों वाली नई संसद में 311 सीटों के साथ सीडीयू और सीएसयू सबसे बड़ा संसदीय दल है. लेकिन बहुमत नहीं पाने के कारण मैर्केल को तीसरी बार सरकार बनाने के लिए एक सहयोगी की जरूरत है. पुरानी सरकार की सहयोगी पार्टी फ्री डेमोक्रैटिक पार्टी संसद में पहुंचने में नाकाम रही. बुधवार को एसपीडी के साथ हुई बातचीत श्रम बाजार और राजकोषीय संसाधनों पर केंद्रित रही. तीनों पार्टियों के 75 नेता गठबंधन वार्ताओं में हिस्सा ले रहे हैं. वार्ता का अगला दौर 30 अक्टूबर को होगा, जिसमें यूरोपीय मुद्दे चर्चा के केंद्र में होंगे.
उससे पहले 12 कार्यदलों और चार उपदलों में विभिन्न मुद्दों पर साझा कार्यक्रम तय करने की कोशिश होगी. यूनियन पार्टियों और एसपीडी के बीच विवाद के मुख्य मुद्दे न्यूनतम वेतन लागू करने के अलावा धनी लोगों पर अतिरिक्त कर लगाना है. इन मुद्दों पर सहमति की कोशिश से पहले कम विवादास्पद मुद्दों पर सहमति का प्रयास किया जा रहा है. अब तक सीडीयू का कहना है कि न्यूनतम वेतन बाध्यकारी नहीं होना चाहिए और उसे इलाकों और उद्योगों तक सीमित होना चाहिए. वह टैक्स बढ़ाने से भी इंकार करती रही है.
मांगों का पिटारा
विवाद के दूसरे मुद्दों में अपनी गाड़ियों से जर्मनी आने वाले विदेशियों के लिए एक्सप्रेस हाइवे के लिए विशेष शुल्क लगाने की सीएसयू पार्टी की मांग शामिल है. सीएसयू के महासचिव डोब्रिंट ने बुधवार को एक बार फिर कहा, "टोल टैक्स जर्मनी के लिए अच्छा रहेगा और संरचना के विकास के लिए भी." इसके विपरीत एसपीडी दुहरी नागरिकता, पुरुष और महिलाओं को समान वेतन, समलैंगिक अधिकारों और वृद्धावस्था में देखभाल के सवाल पर यूनियन पार्टियों से रियायत चाहती है. वह शिक्षा और संरचना के क्षेत्र में ज्यादा निवेश की भी मांग कर रही है.
विवाद का एक और मुद्दा मंत्रालयों का बंटवारा हो सकता है. एसपीडी वित्त मंत्रालय चाहती है, जिसे चांसलर के पद के बाद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण मंत्रालय माना जाता है. इसके अलावा वह परिवार कल्याण और श्रम मंत्रालय भी चाहती है. अगर गठबंधन वार्ताएं सफल रहती हैं तो यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूनियन पार्टियों और एसपीडी के महागठबंधन का तीसरा मौका होगा. लेकिन डील पर दस्तखत के पहले एसपीडी के 4,70,000 सदस्यों को गठबंधन समझौते पर सहमति की मुहर लगाने को कहा जाएगा. इस बीच यूरोप के देशों को इंतजार है कि क्या वार्ताओं के बाद जर्मनी की विदेश नीति और यूरो नीति में कोई बदलाव आएगा.
एमजे/आईबी (डीपीए)