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जर्मनी में पहले ग्रीन मुख्यमंत्री ने संभाली सत्ता

१२ मई २०११

जर्मनी के राजनीतिक परिदृश्य के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन है. पहली बार किसी जर्मन राज्य में ग्रीन पार्टी के मुख्यमंत्री चुने गए हैं. 62 वर्षीय विनफ्रीड क्रेचमान्न गुरुवार को बाडेन वुर्टेमबर्ग के मुख्यमंत्री बने.

New state governor of the German federal state Baden-Wuerttemberg Winfried Kretschmann of the Green Party speaks the oath during the swearing in ceremony at the parliament of Stuttgart, Germany, Thursday, May 12, 2011. Kretschmann is the first Green state governor in Germany in a center-left coalition with the Social Democrats. (Foto:Michael Probst/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

क्रेचमान्न ग्रीन पार्टी और एसपीडी की गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेंगे. उन्हें विधानसभा में 138 में से 73 मत मिले, जो मोर्चे की ताकत से दो मत अधिक है. दोपहर को शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई. यह पहला मौका है कि अनुदारवादी समझे जाने वाले इस प्रदेश में सीडीयू के मुख्यमंत्री नहीं होंगे. हालांकि कई प्रदेशों में एसपीडी और ग्रीन पार्टी की सरकार बन चुकी है लेकिन पहली बार एसपीडी कनिष्ठ साझीदार के रूप में मोर्चे में शामिल हो रही है. चुनाव में ग्रीन पार्टी को एसपीडी से कुछ अधिक वोट मिले थे.

युवावस्था में विनफ्रीड क्रेचमान्न माओवादी कम्युनिस्ट थे, लेकिन इस बीच उन्हें ग्रीन पार्टी के अंदर भी मध्यमार्गी नेता के रूप में देखा जाता है. वामपंथी पार्टी की ओर इशारा करते हुए हाल में उन्होंने कहा था, "वामपंथी अतिवाद से मैं उबर चुका हूं." वह कैथलिक गिरजे से जुड़े हुए हैं. वह एथिक्स, बायोलॉजी और केमिस्ट्री के शिक्षक हैं. 1980 में वह पहली बार बाडेन वुर्टेमबर्ग की विधानसभा में चुने गए थे.

तस्वीर: dapd

ग्रीन और एसपीडी की नई सरकार को कई जटिल समस्याओं का सामना करना है, जिनमें सबसे बड़ी समस्या है प्रादेशिक राजधानी श्टुटगार्ट में अरबों की लागत से नए भूमिगत रेलवे स्टेशन का निर्माण. ग्रीन पार्टी इस परियोजना के खिलाफ है, लेकिन एसपीडी उसके पक्ष में है. अक्टूबर में इस पर एक जनमत संग्रह होने वाला है. इसके अलावा नई सरकार के दोनों साझीदार आण्विक ऊर्जा का अंत चाहते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में विनफ्रीड क्रेचमान्न राज्य की सबसे महत्वपूर्ण बिजली उत्पादन संस्था के मालिक हैं, जिसके मालिकाने में परमाणु बिजलीघर भी हैं.

ग्रीन पार्टी के नेताओं ने चेतावनी दी है कि सरकार से बहुत अधिक अपेक्षा न रखी जाए. प्रेक्षकों की नजरें इस पर टिकी हैं कि राज्य का यह नया प्रयोग न्यूनतम अपेक्षाओं पर खरा उतर पाता है या नहीं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: ए कुमार

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