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जर्मनी में बुरके पर आंशिक प्रतिबंध लगाने का आह्वान

बेन नाइट/आरपी१९ अगस्त २०१६

चांसलर अंगेला मैर्केल की कंजर्वेटिव पार्टी के शासन वाले जर्मन राज्यों के गृह मंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने सार्वजनिक जगहों पर पूरे चेहरे को ढकने वाले नकाब पहनने पर रोक लगाने का समर्थन किया है.

Deutschland Niqab - Trägerin in Bad Godesberg
तस्वीर: picture-alliance/U. Baumgarten

जर्मनी के केंद्रीय गृहमंत्री थोमस दे मेजियेर ने क्रिस्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीयू) और सहोदर क्रिस्चियन सोशल यूनियन की सरकारों वाले जर्मन राज्यों के गृहमंत्रियों के साथ बैठक के बाद कई सार्वजनिक स्थानों पर पूरे चेहरे को ढकने वाले नकाब पहनने पर बैन लगाने की घोषणा की. यह घोषणा उस बहुप्रतिक्षित "बर्लिन घोषणापत्र" का हिस्सा है जिसे दे मेजियेर ने बैठक के बाद आज जर्मन राजधानी में पेश किया.

तस्वीर: picture-alliance/U. Baumgarten

यह घोषणापत्र आने वाले महीनों में प्रांतीय और राषट्रीय चुनावों से पहले यूनियन पार्टियों की विदेशियों के समेकन पर नीतियों को स्पष्ट करने की रणनीति का हिस्सा है. गुरुवार रात को इस घोषणापत्र को अंतिम रूप देने के लिए बर्लिन में गृह मंत्रियों की लंबी बैठक चली. जर्मन गृहमंत्री ने सार्वजनिक टीवी चैनल से बातचीत में बताया, "हम एकमत से बुरके को अस्वीकार करते हैं."

दे मेजियेर ने आगे कहा कि "यह हमारे खुले देश में फिट नहीं बैठता." दे मेजियेर ने इस बात का भी भरोसा जताया कि केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारों में गठबंधन में शामिल सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी एसपीडी भी बर्लिन घोषणापत्र से मोटे तौर पर सहमत होगी.

तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Nietfeld

सीडीयू के गृहमंत्री इस बारे में कानून बनाने की पहल करेंगे जिसके तहत ऐसी सभी सार्वजनिक जगहों पर लोगों को अपना चेहरा दिखाना अनिवार्य होगा जहां "यह हमारे समाज में मिलजुल कर रहने के लिए जरूरी हो." यह ऐसी स्थितियां है जैसे कि कार चलाते समय, सरकारी दफ्तरों या अधिकारियों से मुलाकात के समय, स्कूलों और युनिवर्सिटियों में या सार्वजनिक सेवाओं और कोर्ट में नौकरी के समय.

"बुरका बैन" का नारा जर्मनी के परिपेक्ष्य में मिथ्या है. मुसलमान महिलाओें द्वारा पहना जाने वाला बुरका - यानि एक ढीला ढाला चोगा जिसमें आंखें तक एक जालीदार से पर्दे से ढकी हों - अफगानिस्तान और पाकिस्तान जैसे देशों में आम हैं. इसके अलावा निकाब - जिसमें केवल आंखें दिखती हैं - वो भी जर्मनी में कम ही दिखता है.

आदमी और औरत दोनों के पहने जाने वाले पूरे चेहरे को ढकने वाले पर्दों के बारे में यह सारी बहस नए सिरे से तब शुरु हुई, जब जर्मनी में हाल ही में हुए चार हमलों के बाद गृहमंत्री ने नए सुरक्षा इंतजामों की घोषणा की. जर्मन नागरिकों पर हुए इन चार हमलों में से तीन में शरणार्थियों का नाम आया, इनमें से दो हमलों की जिम्मेदारी कट्टरपंथी गुट इस्लामिक स्टेट ने ली. हमलावरों ने चेहरे को ढकने वाला पर्दा नहीं पहना हुआ था जिससे उनकी पहचान की जा सकी.

जर्मनी की विपक्षी ग्रीन पार्टी ने सीडीयू के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. ग्रीन पार्टी की घरेलू नीति की प्रवक्ता आइरीन मिहालिक ने कहा कि सीडीयू को कुछ "गंभीर घरेलू नीतियां" लानी चाहिए ना कि ऐसी "सनसनीखेज मांगें" करनी चाहिए.

सीडीयू के दो गृहमंत्री दोहरी नागरिकता को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. ये दो नेता बर्लिन और पूर्वी जर्मन राज्य मेक्लेनबुर्ग वेस्ट पोमेरेनिया के हैं, जहां सितंबर में चुनाव होने हैं. हालांकि इन मांगों पर पूरी सहमति नहीं बनी लेकिन ऐसे किसी व्यक्ति से दोहरी नागरिकता छीनी जा सकती हैं जो जनता के लिए खतरा हो.

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