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जर्मनी में मवेशियों की बीमारी से अरबों यूरो के नुकसान का डर

१७ जनवरी २०२५

पूर्वी जर्मनी के एक और इलाके के मवेशियों में खुर और मुंह (एफएमडी) की संदिग्ध बीमारी फैलने की बात सामने आई है. इससे पहले इसी बीमारी के चलते कई मवेशियों को मारा गया है और कई देशों ने जर्मनी से मांस आयात बंद कर दिया है.

मरी हुई भैंस का शव ले जाता ट्रैक्टर
जर्मनी में पिछले हफ्ते एक भैंस में खुर और मुंह की बीमारी की पुष्टि हुई थीतस्वीर: ODD ANDERSEN/AFP via Getty Images

जर्मनी में एक और जगह मवेशियों में खुर और मुंह की बीमारी के उभरने की खबर ने चिंता बढ़ा दी है. बर्लिन के बाहर ब्रांडनबुर्ग राज्य के बार्निम जिले के प्रवक्ता का कहना है, "अब तक ना तो संदेह की पुष्टि हुई है ना ही इसे खारिज किया गया है." उन्होंने जल्दी ही जांच के नतीजे सामने आने की बात कही है. अधिकारियों को संदिग्ध मामलों की जानकारी बुधवार को ही दे दी गई थी. हालांकि इसके ठीक ठीक जगह के बारे में जानकारी नहीं दी गई है.

खुर और मुंह की खतरनाक बीमारी

एफएमडी एक बेहद संक्रामक वायरस से होने वाली बीमारी है. इसमें मवेशियों को तेज बुखार के साथ ही उनके खुर और मुंह में छाले पड़ जाते हैं. आमतौर पर गाय, भैंस जैसे खुर वाले जानवरों के साथ ही भेड़ और सूअर भी इसकी चपेट में आते हैं. यह इंसानों के लिए खतरनाक नहीं है. लगभग 40 वर्षों में पहली बार जर्मनी में इस बीमारी ने सिर उठाया है.

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प्रवक्ता का कहना है कि प्रभावित मवेशियों को पहले ही मारा जा चुका है. उनके शव से लिए नमूनों की जर्मनी के फ्रीडरिष लोएफलर इंस्टिट्यूट में जांच की जा रही है. यह जर्मनी में पशुओं की बीमारी से जुड़ा राष्ट्रीय संस्थान है. बीते शुक्रवार को ही एक भैंस में बीमारी की पुष्टि हुई थी. अधिकारियों ने इसके तुरंत बाद उस किसान के सारे मवेशियों और इलाके में मौजूद दूसरे मवेशियों को मारने का आदेश दिया, जो उनके संपर्क में आए हो सकते हैं. अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि यह भैंस कैसे इस वायरस की चपेट में आई होगी.

ब्रिटेन, मेक्सिको और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों ने जर्मनी से मांस का आयात बंद कर दिया हैतस्वीर: Andreas Franke/picture alliance

इस बीच फ्रांस ने इस बीमारी के लिए जांच तेज कर दी है. कई देशों में जर्मनी से मांस के आयात पर रोक लगने के बाद सरकार ने मवेशियों के डॉक्टरों को सावधान किया है. मवेशी पालन में जुड़े फार्मों और पेशेवर लोगों को इस बीमारी से जुड़ी जानकारी लगातार भेजी जा रही है. बीमारी के निशान और बचाने के तरीकों के बारे में भी उन्हें बताया जा रहा है.

फ्रांस में पहले से ही बर्ड फ्लू और ब्लूटंग जैसी बीमारियों ने मवेशी उद्योग को काफी नुकसान पहुंचाया है. फ्रांस में इससे पहले 2001 में यह बीमारी फैली थी. इसका असर ब्रिटेन, आयरलैंड और नीदरलैंड्स में भी महसूस किया गया. संक्रमित जानवरों से इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए तब हजारों मवेशियों को मारा गया था. 

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जर्मनी से मांस का आयात बंद

घटना की जानकारी मिलने के बाद ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, मेक्सिको समेत कई देशों ने जर्मनी से मांस का आयात रोक दिया है. ताजा घटना सामने आने के बाद जर्मनी में भी सरकार ने पशुओं के परिवहन पर रोक लगा दी है और उस जगह के आस पास के इलाके को वर्जित क्षेत्र घोषित कर दिया है. इससे पहले गुरुवार को कृषि मंत्री जेम ओजदेमीर ने कहा कि बीमारी को फैलने से रोकने के उपाय करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित किसानों को होने वाले नुकसान के लिए आर्थिक सहयोग देने पर भी जोर दिया. बर्लिन में ओज्देमीर ने कहा, "किसी भी फार्म को खुर और मुंह की बीमारी की वजह से यह काम बंद नहीं करना होगा."

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फार्मिंग उद्योग से जुड़े संगठनों के महासंघ का कहना है कि जर्मनी के भोजन उद्योग को इस बीमारी की वजह से करीब 1 अरब यूरो के नुकसान का अंदेशा है. जर्मनी से मांस के आयात पर लगी रोक के कई महीनों तक जारी रहने की आशंका जताई जा रही है. जर्मन किसानों के संघ डीबीवी के प्रमुख योआखिम रुकवीड का कहना है कि बीमारी को जितनी जल्दी हो सके रोकने के लिए सारी कोशिशें की जा रही हैं. रुकवीड के मुताबिक, "बेहतरीन हालात में, अगर सफलता मिली तो प्रतिबंध तीन महीने में खत्म हो जाएंगे. ज्यादा वास्तविक आकलन छह महीने में सब ठीक होने का है." जर्मनी से केवल ब्रिटेन को ही सालाना 85 करोड़ यूरो का मांस निर्यात होता है.

एनआर/एसके (डीपीए)

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