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जर्मनी में मिश्रित शादियों की तादाद बढ़ी

१४ फ़रवरी २०१२

तुर्क शादी और जर्मन जीवन. जर्मनी में हर सातवीं शादी दो राष्ट्रीयता वाले लोगों के बीच हो रही है. बहुत से लोग इस तरह की पार्टनरशिप को समृद्धि मानते हैं. लेकिन कभी कभी यह परेशानी का सबब भी बन सकती है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

तायलान सुनना नहीं चाहता. चाहे तुर्की भाषा हो या जर्मन, उसके लिए मायने नहीं रखता. तीन साल का तायलान चुप बैठने के बदले मां बाप को तंग किए जा रहा है. उन्हें उलझा कर रखने में ही उसे मजा आ रहा है. मां बाप जो चाहें कर लें, वह चुप नहीं बैठ रहा. कभी न कभी फ्रांक किप्प के सब्र का प्याला भर जाता है, और वह अपने बेटे को बांह से उठाकर सोफा पर बिठा देता है और उसके हाथ में एक चॉकलेट पकड़ा देता है. तायलान चुप हो जाता है.

कभी कभी बच्चे को खुश करना इतना ही आसान होता है. शब्दों की जरूरत नहीं होती. भले ही मां बाप कहीं से भी हों. दो भाषाओं में परवरिश की कोशिशों के बारे में मां ग्युलजर ग्युनाय-किप्प कहती हैं, "अफसोस कि मैं तुर्की में भी पूछूं तो यह जवाब जर्मन में ही देता है." हालांकि तायलान ने मातृभाषा के रूप में जर्मन चुना है लेकिन वह तुर्की भी अच्छी तरह समझता है.

ग्युनाय-किप्प परिवारतस्वीर: DW

शुरुआती चिंता

बच्चे की दो भाषाओं में परवरिश इसलिए संभव है कि उसने एक जर्मन से शादी की है. 10 साल पहले वह अपने पति फ्रांक से मिली थी. पहली मुलाकात के दो साल बाद उनकी शादी हुई. फ्रांक के माता पिता से पहली मुलाकात उसे अभी भी याद है, "मैं थोड़ी चिंतित थी. मुझे डर था कि उसका परिवार मुझे स्वीकार नहीं करेगा." लेकिन 37 साल की ग्युलजर की चिंता वेवजह थी. "उन्होंने मुझे तहेदिल से स्वीकार किया."

ग्युलजर और फ्रांक किप्प जैसे दंपती जर्मनी में अब अपवाद नहीं हैं. 1996 में द्विराष्ट्रीय दंपतियों की तादाद लगभग पांच लाख थी तो 2010 में ऐसे जोड़ों की संख्या बढ़कर 12 लाख हो गई, जिनमें से एक के पास विदेशी पासपोर्ट है. इनमें तुर्क मर्दों के साथ शादी करने वाली जर्मन महिलाओं की संख्या ज्यादा है. जर्मन मर्द पोलैंड की लड़कियों से शादी करना पसंद करते हैं, फिर तुर्क महिलाओं का नंबर आता है.

ग्युलजरतस्वीर: DW

पहली मुलाकात

ग्युलजर ने अपने माता पिता के साथ फ्रांक को पहली बार मिलवाने से पहले खास तौर पर तैयार किया था. भावी सास ससुर से पहली मुलाकात में तनख्वाह की बात नहीं की जाती, न ही यह कि सारे दिन आप क्या करते हैं और किन पार्टियों में जाते हो. भावी सास ससुर के साथ जान पहचान से ज्यादा मुश्किल होती है शादी की तैयारी. जर्मनी में विदेशी नागरिक से शादी करने के लिए विदेशी पार्टनर का बर्थ सर्टिफिकेट, रिहायशी परमिट और शादी के लायक होने का सर्टिफिकेट जरूरी है. इसमें कहा जाता है कि शादी में कोई बाधा नहीं है, वह किसी और के साथ शादीशुदा नहीं है. यह सर्टिफिकेट छह महीने से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए.

इस तरह के सर्टिफिकेट का इंतजाम बहुत महंगा होता है और उसमें समय भी लगता है. अगर विदेशी पार्टनर किसी छोटी जगह से आ रहा हो तो और भी मुश्किल होती है, क्योंकि पहले उसका जर्मन में अनुवाद कराना पड़ता है और फिर उसे विदेशी अधिकारियों द्वारा प्रमाणित करा कर जर्मन अधिकारियों से कानूनी शक्ल दिलवानी होती है.

फ्रांक और ग्युलजर के लिए भी उतना आसान नहीं रहा जितना उन्होंने सोचा था. ग्युलजर कहती है कि वे दोनों चर्च में शादी करना चाहते थे. लेकिन मुस्लिम होने के नाते उसकी चर्च में शादी नहीं हो सकती थी. फिर उन्हें एक स्वतंत्र पादरी मिल गया जिसने उनकी शादी कराई. "जर्मन और तुर्की रस्मों के साथ एक कॉस्मोपोलिटन शादी."

फ्रांकतस्वीर: DW

एक शरीर दो दुनिया

भले ही दोनों की शादी अच्छी चल रही हो, कभी कभी उनमें भी झगड़ा भी होता है. ग्युलजर कहती है कि फ्रांक मस्त टाइप का है जो कई बार चीजों को यूं ही होने देता है. इस बात से नियम कायदों का ध्यान रखने वाली पत्नी का पारा चढ़ जाता है. लेकिन जर्मन कही जाने वाली ये आदतें ग्युलजर को अकसर परेशान भी करती हैं, "सचमुच मेरे शरीर में दो दुनिया काम करती है." लेकिन वह जैसी भी है, फ्रांक अपनी पत्नी को प्यार करता है. फ्रांक कहता है कि कभी कभी तकरार भी होनी चाहिए, "अच्छा है कि मेरी पत्नी जोश वाली और खुली टाइप की है. मैं किसी ऐसी औरत के साथ नहीं जी सकता जो हर बात में हां कह दे."

तायलान हफ्ते में एक बार तुर्की भाषा सीखने जाता है ताकि वह अपनी तुर्क जड़ों को भूले नहीं. वहां बच्चों को कहानियां भी सुनाई जाती हैं और माता पिता के साथ पिकनिक का भी आयोजन होता है. ग्युलजर कहती है कि उसे पता होना चाहिए कि उसके आसपास और लोग भी तुर्की बोलते हैं. एक मां जो जानती है कि उसे अपने बच्चे की किस तरह परवरिश करनी है. "उसे जर्मन और तुर्क दोनों ही संस्कृति का ज्यादा से ज्यादा पता होना चाहिए." ग्युलजर कहती हैं कि बाद में वह क्या करता है इसका फैसला उसे ही करना होगा, लेकिन "यह उसके जीवन को निश्चित तौर पर समृद्ध बनाएगा, जैसे हमारा साथ आना हमारे लिए फायदेमंद रहा है."

और कमरे में बैठा छोटा तायलान मुस्कुरा रहा है जैसे कि वह अपनी मां की बातें समझ रहा हो.

रिपोर्ट: आर्ने लिष्टेनबर्ग/मझा

संपादन: ए जमाल

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