जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक यहूदी कांग्रेस में जब अंद्रास कैन ने सवाल किया, "क्या हम सुरक्षित हैं?", तो मौजूद लोगों ने इस सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.
विज्ञापन
यहूदियों के अंतरराष्ट्रीय संगठन बिनाई बिरीथ ने 18 साल में पहली बार अपनी यूरोपीय कांग्रेस बर्लिन में आयोजित की. विषय था: जर्मनी में यहूदियों के लिए बढ़ते नए खतरे.
बिनाई बिरीथ से जुड़े संगठन राउल वालेनबेर्ग लॉज के प्रमुख कैन कहते हैं कि जर्मनी में सबसे बड़ा यहूदी समुदाय बर्लिन में रहता है. वह चेतावनी देते हुए कहते हैं कि "यहूदी विरोध को समाज में स्वीकार कर लिया गया है." बर्लिन में यह कांग्रेस बिनाई बिथाई के पूर्व जर्मन मुख्यालय के करीब ही हुई जो बाद में नाजी जर्मनी की खुफिया पुलिस गेस्टापो का मुख्यालय बना.
बर्लिन में जब 2001 में बिनाई बिथाई ने अपनी पिछली यूरोपीय कांग्रेस आयोजित की थी तो उसे गुमनाम यहूदी विरोधी पत्र मिले. कैन बताते हैं कि ऐसे धमकी भरे पत्रों का सिलसिला अब भी जारी है, लेकिन अब ऐसे पत्र गुमनाम नहीं है. उन पर हस्ताक्षर होते हैं. कैन के मुताबिक इस बदलाव की वजह सोशल मीडिया है.
इस्राएल की इमिग्रेशन एजेंसी, "ज्यूइश एजेंसी फॉर इस्राएल" के मुताबिक पिछले एक साल में दुनिया भर से तकरीबन 30 हजार यहूदियों ने इस्राएल का रुख किया है.
तस्वीर: Reuters/A. Cohen
रूस
आंकड़ों के मुताबिक देश के भीतर दाखिल होने वाले यहूदियों में से तकरीबन 10 हजार रूस से आए हैं, जो साल 2017 के आंकड़ों की तुलना में 45 फीसदी अधिक है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Schalit
यूक्रेन
वहीं रूस की तुलना में यूक्रेन से पिछले सालों की तुलना में कम यहूदी इस्राएल पहुंचे हैं. साल 2018 के दौरान यह संख्या करीब साढ़े छह हजार रही.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Schwarz
अर्जेंटीना
अर्जेंटीना से जाने वाले यहूदियों की संख्या 17 फीसदी बढ़ी लेकिन इसके बावजूद वहां से जाने वाले आप्रवासियों की कुल संख्या तकरीबन 330 ही रही.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto
अमेरिका और कनाडा
अमेरिका और कनाडा से जाने वाले यहूदियों की संख्या 3500 के आंकड़ें पर स्थिर रही. हालांकि फ्रांस से आने वाले यहूदियों की संख्या में तकरीबन 25 फीसदी की कमी आई और ये संख्या 2500 के करीब रही.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Schalit
ब्रिटेन और ब्राजील
दोनों ही देशों से इस्राएल जाने वाले यहूदियों की संख्या में करीब चार फीसदी की कमी आई. ब्रिटेन से जाने वालों की संख्या जहां 660 रही तो वहीं ब्राजील में यह आंकड़ा 330 के करीब रहा.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/A. Widak
अब तक कितने?
1948 में इस्राएल के गठन के बाद से अब तक करीब 30 लाख यहूदियों ने उस देश को अपना घर बनाया है. इस्राएल और उसके आसपास के इलाके में दुनिया भर के करीब 40 फीसदी यहूदी रहते हैं.
तस्वीर: Reuters/A. Cohen
देश का कानून
साल 1950 में इस्राएल में एक कानून, "लॉ ऑफ रिटर्न" पारित किया गया. यह कानून सभी यहूदियों को इस्राएल जाने और नागरिकता प्राप्त करने का अधिकार देता है बशर्ते किसी के खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक मामला नहीं हो.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Gharabli
7 तस्वीरें1 | 7
जर्मनी में यहूदी विरोध से निपटने के लिए बने आयोग के प्रमुख फेलिक्स क्लाइन इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक बार फिर यहूदियों और उनकी संपत्तियों पर हमले बढ़ रहे हैं. वह कहते हैं कि 2017 में हर दिन यहूदियों के खिलाफ हिंसा के औसतन तीन मामले दर्ज किए गए.
कैन बताते हैं कि जर्मन सरकार एक 'रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग सिस्टम' बनाना चाहती है ताकि यहूदियों के साथ बलसलूकी के मामलों को ज्यादा से ज्यादा प्रकाश में लाया जा सके. जर्मन की संघीय और राज्यों सरकारों के सहयोग से बनने वाले इस आयोग की साल में दो बार बैठक हुआ करेगी. क्लाइन कहते हैं कि मकसद स्कूलों में शिक्षा को सुधारना है और पुलिस ट्रेनिंग में भी इस मुद्दे को मजबूती से पेश करना है. वह कहते हैं, "यहूदी विरोध सिर्फ यहूदियों की समस्या नहीं है, बल्कि ये पूरी समाज की समस्या है."
यातना की यादें
04:02
एक दिन की इस कांग्रेस में इस बात पर भी चर्चा की गई कि किस तरह का यहूदी विरोध सबसे खतरनाक है, दक्षिणपंथों का विरोध, वामपंथियों का विरोध या फिर मुसलमानों की तरफ से होने वाला विरोध. हालांकि क्लाइन इस बहस को 'मददगार नहीं' मानते हैं. लेकिन जर्मन इतिहासकार मिषाएल वॉल्फजोन कहते हैं कि सभी तरह का यहूदी विरोध बढ़ रहा है. उनके मुताबिक, इस समस्या का वास्तविक विश्लेषण करके ही इससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका खोज जा सकता है.
जर्मनी में इस्राएल के राजदूत जेरेमी इस्साशारोफ कहते हैं कि अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी पार्टी खास तौर से एक नया खतरा है, क्योंकि इसके कुछ सदस्य राष्ट्रीय समाजवाद के दौर को वापस लाने का ख्वाब देखते हैं. लेकिन वॉल्फजोन कहते हैं कि यहूदियों को खुल कर दुनिया को अपने बारे में बताना चाहिए और जहां तक बात सुरक्षा की है तो उसे सुनिश्चित करना जर्मन सरकार की जिम्मेदारी है.
के एलेक्जांडर शॉल्स/एके
किस धर्म के दुनिया में कितने लोग हैं
दुनिया में किस धर्म के कितने लोग हैं?
दुनिया में दस में से आठ लोग किसी ना किसी धार्मिक समुदाय का हिस्सा हैं. एडहेरेंट्स.कॉम वेबसाइट और पियू रिसर्च के 2017 के अनुमानों से झलक मिलती हैं कि दुनिया के सात अरब से ज्यादा लोगों में कितने कौन से धर्म को मानते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
ईसाई
दुनिया में सबसे ज्यादा आबादी ईसाइयों की है. विश्व आबादी में उनकी हिस्सेदारी 31.5 प्रतिशत और आबादी लगभग 2.2 अरब है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/G. Tibbon
मुसलमान
इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, जिसे मानने वालों की आबादी 1.6 अरब मानी जाती है. विश्व आबादी में उनकी हिस्सेदारी 1.6 अरब है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Al-Shaikh
धर्मनिरपेक्ष/नास्तिक
जो लोग किसी धर्म में विश्वास नहीं रखते, उनकी आबादी 15.35 प्रतिशत है. संख्या के हिसाब यह आंकड़ा 1.1 अरब के आसपास है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Uz Zaman
हिंदू
लगभग एक अरब आबादी के साथ हिंदू दुनिया में तीसरा बड़ा धार्मिक समुदाय है. पूरी दुनिया में 13.95 प्रतिशत हिंदू हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Gupta
चीनी पारंपरिक धर्म
चीन के पारंपरिक धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या 39.4 करोड़ है और दुनिया की आबादी में उनकी हिस्सेदारी 5.5 प्रतिशत है.
तस्वीर: picture alliance/CPA Media
बौद्ध धर्म
दुनिया भर में 37.6 करोड़ लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं. यानी दुनिया में 5.25 प्रतिशत लोग भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का अनुकरण कर रहे हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZUMAPRESS
जातीय धार्मिक समूह/अफ्रीकी पारंपरिक धर्म
इस समूह में अलग अलग जातीय धार्मिक समुदायों को रखा गया है. विश्व आबादी में 5.59 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ इनकी संख्या 40 करोड़ के आसपास है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Heunis
सिख
अपनी रंग बिरंगी संस्कृति के लिए दुनिया भर में मशहूर सिखों की आबादी दुनिया में 2.3 करोड़ के आसपास है
तस्वीर: NARINDER NANU/AFP/Getty Images
यहूदी
यहूदियों की संख्या दुनिया भर में 1.4 करोड़ के आसपास है. दुनिया की आबादी में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 0.20 प्रतिशत है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/W. Rothermel
जैन धर्म
मुख्य रूप से भारत में प्रचलित जैन धर्म के मानने वालों की संख्या 42 लाख के आसपास है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/N. Ut
शिंटो
यह धर्म जापान में पाया जाता है, हालांकि इसे मानने वालों की संख्या सिर्फ 40 लाख के आसपास है.