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जर्मनी में शरणार्थियों की संख्या बढ़ी

१६ अगस्त २०१३

जर्मनी में आने वाले शरणार्थियों की संख्या पिछले महीनों में बढ़ी है. जुलाई में 9,500 लोगों ने शरण के लिए आवेदन दिया जो पिछले साल के मुकाबले दोगुना था. गृह मंत्री हंस पेटर फ्रीडरिष ने इस संख्या पर चिंता जताई है.

तस्वीर: picture alliance/dpa

अब तक इस साल 52,000 लोगों ने जर्मनी में शरण पाने का आवेदन दिया है और अधिकारियों को अंदेशा है कि साल के अंत तक उनकी संख्या एक लाख पार कर जाएगी. गृह मंत्री फ्रीडरिष की चिंता के विपरीत शरणार्थियों के लिए काम करनेवाली प्रो एसायल संस्था के प्रमुख गुंटर बुर्कहार्ट कहते हैं, "चिंताजनक शरणार्थियों की संख्या नहीं है, बल्कि यूरोप के दरवाजे पर शरणार्थियों की हालत, जो यूरोप में घुसने की कोशिश कर रहे हैं." जर्मनी में शरण के लिए आवेदन देने वालों का बड़ा हिस्सा रूस, सीरिया, अफगानिस्तान, सर्बिया और पाकिस्तान से आया है, कहना है गृह मंत्रालय के राज्य सचिव ओले श्रोएडर का. जनवरी से जुलाई के बीच आवेदन देने वाले 11,500 रूसियों में 90 फीसदी चेचन हैं.

गुंटर बुर्कहार्टतस्वीर: DW/S. Dege

सोची में हमले की धमकी

प्रो एसायल संस्था के प्रमुख बुर्कहार्ट का कहना है कि ये लोग कॉकेशिया विवाद के पीड़ित हैं जहां मानवाधिकारों का गंभीर हनन हो रहा है. उन्होंने राजनीतिक दलों को चेतावनी दी है कि वे शरणार्थियों की संख्या को इस साल होने वाले संसदीय चुनावों में चुनावी मुद्दा न बनाएं और लोगों की भावनाएं न भड़काएं. राज्य मंत्री ओले श्रोएडर इन आंकड़ों की अलग व्याख्या करते हैं, "चेचन्या के बहुत से लोगों की राय है कि वे यहां काम कर सकते हैं, लेकिन यह सच नहीं है." उन्होंने कहा कि इसके बावजूद हर आवेदन की जांच की जा रही है क्योंकि वहां से आनेवाले लोगों को उत्पीड़ित किए जाने का मामला हो सकता है.

ओले श्रोएडरतस्वीर: picture alliance/dpa

शरणार्थियों के आवेदन पर विचार जर्मनी का संघीय आप्रवासन और शरणार्थी दफ्तर करता है. उसका अनुमान है कि रूस से आनेवाला हर पांचवा शरणार्थी मानवाधिकारों के हनन का शिकार हुआ है. जर्मन मीडिया ने घरेलू खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से कहा है कि शरणार्थियों में 200 इस्लामी कट्टरपंथियों के होने की भी आशंका है, जो दूसरे देशों में जाकर चंदा इकट्ठा करते हैं या कॉकेशिया में लड़ाई के लिए लोगों की भर्ती करते हैं. इंटरनेट पर एक इस्लामी प्रोपगैंडा वीडियो में आतंकी दल कॉकेशियाई अमीरात के नेता डोकू उमारोव ने अगले साल रूसी शहर सोची में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों के दौरान हमले की धमकी दी है.

तोहफे की अटकलें

शरण के लिए आवेदन देने वालों की संख्या बढ़ने की एक और वजह धन भी है. कॉकेशिया के अखबारों में छपा था कि हर चेचन को जर्मनी में 4,000 यूरो तक मिलते हैं. मानव तस्करी करने वाले गिरोहों ने इस खबर का फायदा उठाया और देश छोड़ने की सोच रहे चेचनों को भारी संख्या में पोलैंड और चेक गणतंत्र होकर जर्मनी पहुंचा दिया. जर्मनी के पुलिस ट्रेड यूनियन के अध्यक्ष राइनर वेंट चेतावनी देते हैं, "लड़ाके गृह युद्ध के इलाके से आ रहे हैं जहां उन्होंने मारना सीखा है." श्रोएडर भी कहते हैं कि बॉस्टन मैराथन के हमलावर के चेचन्या से आने के कारण अधिकारी चौकन्ने हैं.

सर्बिया में रोमा बच्चेतस्वीर: picture-alliance/dpa

इसके विपरीत गुंटर बुर्कहार्ट चेचनों या रोमा जैसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ माहौल बनाने से आगाह करते हैं, क्योंकि सर्बिया से आनेवाले शरणार्थियों का बड़ा हिस्सा रोमा का है. ओले श्रोएडर कहते हैं उन्हें शरण मिलने की कोई संभावना नहीं है. जर्मनी में सिर्फ ऐसे लोग रह सकते हैं जिन्हें ऐसी चिकित्सा की जरूरत है जो सर्बिया में उपलब्ध नहीं है. श्रोएडर बताते हैं, "हम शरण आवेदन पर तेजी से विचार करेंगे क्योंकि सर्बिया से जर्मन शरणार्थी कानून का बहुत दुरुपयोग होता है." उनका कहना है कि सर्बिया यूरोपीय संघ में शामिल होने की कोशिश कर रहा है, वहां राजनीतिक उत्पीड़न नहीं हो रहा है.

श्रोएडर मानते हैं कि सर्बिया में खासकर अल्पसंख्यकों के लिए हालात खराब हैं, लेकिन वे इसे जर्मनी में शरण लेने की वजह नहीं मानते. इसके विपरीत बुर्कहार्ट सर्बिया में और पूरे बालकान में रोमा अल्पसंख्यकों के लिए मानवाधिकारों की स्थित को बहुत खराब बताते हैं. वे मांग करते हैं, "यह संदेह से परे है कि यूरोप को मानवाधिकारों के हनन को रोकने के लिए ज्यादा प्रयास करने होंगे."

रिपोर्ट: कारीन येगर/एमजे

संपादन: आभा मोंढे

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