जर्मन कप्तान बलाक वर्ल्ड कप से बाहर
१८ मई २०१०जर्मन फुटबॉल टीम के कप्तान और चेल्सी के लिए खेलने वाले मिडफील्डर माइकल बलाक शनिवार को तब घायल हो गए जब एफए कप के दौरान साइड से आकर प्रिंस बोएटेंग बलाक के पैर से टकराए. इसके बाद दर्द के कारण बलाक मैदान पर गिरे और बाद में उनके पैर में सूजन बनी रही. सोमवार को हुए स्कैन के बाद सामने आया कि बलाक के टख़ने में गहरी मोच आ गई है. डॉक्टर ने कहा है कि उन्हें ट्रेनिंग के लिए आने में कम से कम आठ सप्ताह लगेंगे, इससे पहले वे नहीं खेल सकते और आठ सप्ताह के बाद फुटबॉल विश्व कप ख़त्म हो चुका होगा. बायर्न म्यूनिख के लिए खेलने वाले मिरोस्लाव क्लोजा टीम के उप कप्तान हैं और बलाक की गैर मौजूदगी में उन्हें ही जर्मनी की कप्तानी सौंपी जा सकती है.
33 साल के बलाक अब तक 98 अंतरराष्ट्रीय मैचों में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उन्हें जर्मन टीम का बेहतरीन मिडफील्डर माना जाता है. उनकी कप्तानी में जर्मन टीम 2008 के यूरोपीय चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंची थी.
जर्मन फुटबॉल संघ डीएफबी ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "माइकल बलाक 2010 में दक्षिण अफ्रीका में हो रहे फुटबॉल विश्व कप में नहीं खेल पाएंगे."
1990 से 1998 के दौरान जर्मन टीम के कोच बैर्टी फोग्ट्स का मानना है, "कप्तान का नहीं खेल पाना टीम के लिए एक बड़ा नुकसान है. लेकिन कई खिलाड़ियों को ये बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित कर सकता है. जैसे कि बास्टियान श्वाइनश्टाइगर जो कि अभी बहुत अच्छे फॉर्म में हैं. मैं मानता हूं कि वो ख़ास खिलाड़ी बन कर उभर सकते हैं और उभरेंगे."
वहीं 2000 से 2004 तक जर्मन टीम के कोच रहे रुडी फोएलर ने कहा, "ये माइकल के लिए बहुत ही बुरा है. टीम में कुछ खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जिनकी जगह कोई नहीं ले सकता. ऐसे ही एक खिलाड़ी बलाक भी हैं."
मैच के बाद स्टेडियम पर हुए एक्सरे में यह तो साफ हो गया था कि माइकल बलाक के पैर में कोई फ्रैक्चर नहीं है लेकिन फिर भी पैर में सूजन बनी हुई थी. डीएफबी ने बयान में कहा, "सूजन इतनी ज़्यादा है कि रविवार की बजाए अब सोमवार को विस्तार से जांच की जाएगी." जांच की ये रिपोर्ट जर्मनी के लिए अच्छी नहीं रही.
वर्ल्ड कप के दौरान जर्मनी को ग्रुप डी में सर्बिया, ऑस्ट्रेलिया, घाना के साथ खेलना है. जिस खिलाड़ी के साथ बलाक की टक्कर हुई थी, उसका भाई घाना की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में है और वर्ल्ड कप में हिस्सा ले रहा है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे
संपादनः ए जमाल