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सीडीयू-सीएसयू की चुनाव टीम तय, सर्वे में एसपीडी को बढ़त

अविनाश द्विवेदी
३ सितम्बर २०२१

जर्मन संसदीय चुनावों से तीन हफ्ते पहले चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू-सीएसयू पार्टी के उम्मीदवार आर्मिन लाशेट ने अपना चुनाव टीम पेश किया है. उधर ताजा सर्वे में वित्त मंत्री शॉल्त्स की पार्टी एसपीडी आगे चल रही है.

Deutschland Armin Laschet präsentiert in Berlin sein „Zukunftsteam“
तस्वीर: Annegret Hilse/REUTERS

चांसलर अंगेला मैर्केल की सेंटर राइट पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रैटिक यूनियन (CDU) और सहोदर पार्टी क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) ताजा सर्वे में जारी गिरावट के बीच अपनी चुनावी टीम की घोषणा की है. पार्टी अध्यक्ष और चुनावों में चांसलर पद के उम्मीदवार आर्मिन लासेट ने शुक्रवार को चार महिलाओं और चार पुरुषों वाली टीम को पेश किया. इसमें अध्यक्ष पद के चुनावों में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे फ्रीडरिष मैर्त्स, आतंकवाद एक्सपर्ट पेटर नॉयमन, पार्टी उपाध्यक्ष सिल्विया ब्रेहर, प्रांतीय शिक्षा मंत्री कारीन प्रीन और बारबरा क्लेप्श, डिटीटल राज्य मंत्री डोरोथी बेयर और संसदीय उपनेता आंद्रेयास युंग के अलावा म्यूजिक मैनेजर जो चियालो शामिल हैं.

पिछले दिनों में पार्टी के समर्थन में अलग अलग चुनाव पूर्व सर्वे में भारी गिरावट देखी जा रही थी. इस गिरावट की जिम्मेदारी मुख्य रूप से आर्मिन लाशेट पर थोपी जा रही थी, जो पार्टी के अध्यक्ष हैं, लेकिन हाल के दिनों में अपने अस्पष्ट बयानों और अनिर्णय के लिए चर्चा में रहे हैं. उनका चुनाव अभियान उनकी गल्तियों के लिए भी चर्चा में रहा है. जर्मनी में आए अप्रत्याशित बाढ़ के बाद एक सभा में वे राष्ट्रपति के भाषण के दौरान हंसते दिखे.

फ्रीडरिष मैर्त्सतस्वीर: picture alliance/dpa

सीडीयू-सीएसयू के संसदीय दल के नेता रहे फ्रीडरिष मैर्त्स इस टीम के सबसे जाने माने चेहरे हैं और अंगेला मैर्केल के पार्टी अध्यक्ष चुने जाने के बाद से वे उनके विरोधी रहे हैं. 1970 में बॉन में जन्मे जो चियालो तंजानिया के राजनयिक के बेटे हैं और 1990 के दशक में ग्रीन पार्टी के सदस्य रहे हैं. ड्रेसडेन की बारबरा क्लेप्श पूर्वी राज्यों के विकास के मुद्दों के लिए जिम्मेदार होंगी. आर्मिन लाशेट ने इस पर जोर दिया है कि उनकी टीम शैडो कैबिनेट नहीं है.

चांसलर की पार्टी की चिंता

उधर इस हफ्ते जारी हुए नए चुनाव सर्वे के अनुसार पिछले चार सालों में पहली बार जर्मनी की सेंटर-लेफ्ट पार्टी सोशल डेमोक्रेट्स (SPD) सीडीयू और सीएसयू पर बढ़त बना ली है. सीडीयू-सीएसयू पिछले आठ सालों से एसपीडी के साथ गठबंधन में सरकार चला रही है.
इंफ्राटेस्ट डिमैप के गुरुवार को कराए गए नवीनतम मासिक सर्वे के नतीजों में सोशल डेमोक्रेट्स को 25 फीसदी मत मिले हैं, जबकि सीडीयू-सीएसयू को 20 फीसदी मत ही मिल सके हैं. इस हफ्ते कराए गए ओपिनियन पोल में 1337 योग्य मतदाताओं ने हिस्सा लिया था. साल 2017 में हुए पिछले आम चुनावों में एसपीडी को 20.5 फीसदी मत मिले थे. जबकि सीडीयू-सीएसयू ने 32.9 फीसदी वोट पाए थे.

कैसे होता है जर्मनी में चुनाव

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ग्रीन पार्टी जिसने इस साल अप्रैल में ऊंची उड़ान भरी थी, उसके भी जनाधार में कमी आई है और उसे 16 फीसदी मत ही मिले हैं. यह सितंबर, 2018 के बाद से इसका सबसे कमजोर प्रदर्शन है. वहीं फ्री मार्केट समर्थक फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी (FDP) को 13 फीसदी मत मिले हैं. जिसके बाद फार-राइट एएफडी का नंबर रहा. 6 फीसदी मतों के साथ लेफ्ट पार्टी का जनाधार पहले जितना ही रहा.  पिछले हफ्ते बिल्ड अम सोनटाग नाम के एक अखबार की ओर से कराए गए एक अलग पोल में भी एसपीडी 24 फीसदी मतों के साथ सबसे आगे रही थी, जबकि सीडीयू-सीएसयू गठबंधन को इसमें 21 फीसदी मत ही मिले थे. नए नतीजों ने 26 सितंबर के चुनावों के बाद सरकार बनाने के लिए गठबंधन की कई संभावनाओं का रास्ता खोल दिया है.

ओलाफ शॉल्त्स सबसे आगे

जर्मन मतदाता सीधे सरकार के प्रमुख यानी चांसलर को चुनने के लिए वोट नहीं डालते. 16 साल सत्ता में रहने के बाद चांसलर अंगेला मैर्केल पद छोड़ रही हैं, हालांकि हालिया सर्वे में अप्रूवल रेटिंग के मामले में वे अब भी सभी नेताओं में सबसे आगे हैं. लेकिन डॉयचलैंडट्रेंड पॉपुलैरिटी रेटिंग्स के मुताबिक वाइस चांसलर और वित्त मंत्री ओलाफ शॉल्त्स, जो एसपीडी के प्रमुख उम्मीदवार हैं, उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं. अब तक शॉल्त्स तीनों चांसलर उम्मीदवारों में सबसे लोकप्रिय रहे हैं.

ओलाफ शॉल्त्सतस्वीर: LEON KUEGELER/REUTERS

उनके प्रतिद्वंदियों सीडीयू-सीएसयू के आर्मिन लाशेट और ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक से तुलना की जाए तो शॉल्त्स सबसे ज्यादा पसंदीदा और विश्वसनीय माने जाते हैं. उन्हें नेतृत्व क्षमता के मामले में भी सबसे अच्छा माना जाता है. एसपीडी उम्मीदवार की लोकप्रियता ने पार्टी को सीधा फायदा पहुंचाया है. एसपीडी को वोट देने का दावा करने वाले एक चौथाई लोगों ने कहा है कि वे मुख्यत: इसलिए एसपीडी को वोट देंगे क्योंकि शॉल्त्स और उनकी नेतृत्व क्षमता पर उन्हें विश्वास है.

मुद्दों में जलवायु परिवर्तन सबसे ऊपर

पर्याप्त वेतन, बुजुर्गों की पेंशन की सुरक्षा, पारिवारिक नीति और बच्चों की सुरक्षा के मामले में मतदाता एसपीडी पर विश्वास करते हैं. सीडीयू-सीएसयू अब भी इकॉनमिक पॉलिसी और कोविड त्रासदी से निपटने के मामले में ज्यादातर मतदाताओं का समर्थन पा रही है. जबकि पहले की तरह ही ग्रीन को पर्यावरण और जलवायु नीतियों में सबसे योग्य माना जाता है. और एफडीपी की सबसे बड़ी खासियत डिजिटाइजेशन है. लेकिन इस मामले में बड़ा अंतर यह आ गया है कि जर्मन वोटर किस विषय को अगली सरकार के लिए सबसे जरूरी विषय मानते हैं. एक-तिहाई कहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन सबसे जरूरी मुद्दे हैं. साल 2017 के पिछले आम चुनावों से पहले सिर्फ 10 फीसदी मतदाता इन मुद्दों को अपनी लिस्ट में सबसे ऊपर रखते थे.

सबसे लोकप्रिय शॉल्त्स

वहीं इस पोल में शामिल हुए 20 फीसदी ने कहा कि पलायन सबसे जरूरी मुद्दा है. जबकि चार साल पहले 47 फीसदी ऐसा मानते थे. इस साल अन्य बड़े मुद्दों में कोविड महामारी रही, जिसे वोट देने वालों में से 20 फीसदी ने अपनी राजनीतिक प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखा. छह में से एक व्यक्ति ने सामाजिक अन्याय और सात में से एक ने बुजुर्गों की पेंशन के मुद्दों को प्राथमिकताओं में रखा.

गठबंधन के विकल्प

आमतौर पर सबसे मजबूत पार्टी, चांसलर और संभावित गठबंधन सरकार के प्रमुख का चयन करती है. ऐसे में संभावित चुनावी नतीजों के साथ तीन पार्टियों का गठबंधन हो सकता है. ऐसे में एसपीडी, ग्रीन और एफपीडी या सीडीयू-सीएसयू और एफडीपी के साथ गठबंधन कर सकती है. एक तीसरा विकल्प सीडीयू-सीएसयू और ग्रीन्स के साथ गठबंधन का भी हो सकता है. हालांकि इसके अलावा एसपीडी, ग्रीन्स और लेफ्ट पार्टी के साथ एक वामपंथी गठबंधन भी बना सकती है. यह एक ऐसा विकल्प है, जिसके बारे में कंजरवेटिव्स लंबे समय से चेतावनी दे रहे हैं.

अनालेना बेयरबॉकतस्वीर: Kay Nietfeld/dpa-Pool/picture alliance

लेकिन इनके अलावा भी गठबंधन के कई विकल्प संभव हैं. अगर एसपीडी, बुंडेसटाग की सबसे मजबूत पार्टी बन भी जाती है, तो भी एफडीपी और ग्रीन्स मिलकर सीडीयू-सीएसयू के साथ गठबंधन बना सकते हैं, जिससे एसपीडी अकेली छूट जाएगी. हालांकि इन सबसे अलग जो एक बात फिलहाल असंभव लग रही है, वह है दो पार्टियों का गठबंधन क्योंकि किसी भी पार्टी को मजबूत बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. जिन लोगों ने पोल में हिस्सा लिया, उनमें से एक-तिहाई से ज्यादा चाहते हैं कि एसपीडी के नेतृत्व में गठबंधन बने. जबकि केवल एक-चौथाई ही नए गठबंधन में कंटरवेटिव्स के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करते हैं. यह सेंटर-राइट सीडीयू-सीएसयू के लिए एक बड़ा नुकसान है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से ही ज्यादातर समय सरकार में शामिल रही है.

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