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जर्मन चुनाव से पहले संसद में बहस

३ सितम्बर २०१३

मंगलवार को जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में चुनाव के पहले की आखिरी बहस थी. और पूरे जोर शोर के साथ राजनीतिक दलों ने इस मौके का फायदा उठाया. सांसदों ने चुनाव से पहले अपनी बात रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी से चांसलर पद के उम्मीदवार पेयर श्टाइनब्रुक की पार्टी वैसे तो चुनाव सर्वेक्षणों में पीछे चल रही है लेकिन बहुत संभव है कि किसी गठबंधन का हिस्सा बन जाए. श्टाइनब्रुक ने चांसलर अंगेला मैर्केल से कहा कि उनकी पार्टी के पास जर्मनी का नेतृत्व करने के लिए कोई आयडिया नहीं हैं. उनके शब्दों में, "जर्मन नेतृत्व पिछले चार साल में मानक स्तर पर नहीं पहुंच सका." श्टाइनब्रुक ने यह भी पूछा कि उन्होंने कब इसके लिए कोशिश की थी कि "इस देश को कोई दिशा देने के लिए वह अपना नीति निर्धारण का अधिकार इस्तेमाल करें."

वहीं मैर्केल ने पहली बार एसपीडी पार्टी के साथ ही गठबंधन बनाया था और मैर्केल की नीतियों का समर्थन भी एसपीडी ने किया था. मैर्केल ने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, "इसका कोई मतलब नहीं है कि एक बार तो व्यक्ति समर्थन करे और फिर बाद में उसी पर हंगामा भी करे."

चांसलर मैर्केलतस्वीर: Johannes Eidele/AFP/Getty Images

मैर्केल ने मौके का फायदा उठाते हुए वादा किया कि अगर वह चांसलर बनी रहती हैं तो जर्मनी में ऊर्जा क्षेत्र के नियमन के लिए वह काम करेंगी और शैडो बैंकिंग उद्योग पर नियंत्रण करेंगी.

अपनी सरकार के कामकाज का लेखाजोखा पेश करते हुए मैर्केल ने कहा, "हमारे दौर में अब तक का सबसे ज्यादा रोजगार था." उनके मुताबिक सीडीयू-सीएसयू और एफडीपी के गठबंधन ने 13 सेक्टरों में न्यूनतम आय का प्रावधान शुरू किया और लेबर लीजिंग में बेहतरी लाई. जर्मनी के वित्त मंत्री वोल्फगांग शॉएब्ले ने इस बात का खंडन किया कि कोई नया ग्रीस सहायता पैकेज मंजूर किया गया है. "हम वही कह रहे हैं जो हमें पता है." उन्होंने विपक्ष के इस आरोप का भी खंडन किया कि वह लोगों को सच्चाई नहीं बता रहे. उन्होंने फिर पुराने बयान की याद दिलाई, जिसके मुताबिक, "एक और राहत पैकेज की जरूरत होने पर ही हम ग्रीस को मदद देंगे."

श्टाइनब्रुकतस्वीर: picture-alliance/dpa

चांसलर अंगेला मैर्केल ने एसपीडी और ग्रीन पार्टी पर आरोप लगाया कि उन पर यूरोप नीति के मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता. "उनके साथ हमें विश्वास नहीं है कि वो आगे भी हमारे साथ इस रास्ते पर जाएंगे, खासकर जब बात यूरो बॉन्ड और उधार कम करने की हो."

इस पर नाराज श्टाइनब्रुक ने कहा कि उनकी एसपीडी पार्टी ही थी जिसने बुंडेसटाग में चांसलर के लिए समर्थन सुनिश्चित किया. और कड़े शब्दों में कहा कि यूरोप नीति वाला आरोप लगा चांसलर वो सारे पुल तोड़ रही हैं और यूरोप नीति पर साझा काम असंभव बना रही हैं.
चांसलर मैर्केल ने एक बार फिर कहा कि जर्मनी के बारे में बुरा बोलने की ज्यादा जरूरत नहीं है. "मैं समझ नहीं पाती कि आप खुश क्यों नहीं हो सकते. ये आपकी समस्या है अगर आप सफलता पर खुश नहीं हो सकते हैं, तो. लोगों को ये पसंद नहीं."
जहां चांसलर के भाषण को सराहना मिली वहीं श्टाइनब्रुक को भी उनकी पार्टी और ग्रीन पार्टी का पुरजोर समर्थन मिला. उन्होंने मैर्केल पर आरोप लगाते हुए कहा, "आप शुरू से आखिर तक गलत राह पर हैं. विकास की बजाए स्थिरता है. दिशा की बजाए आप गोल गोल घूम रहे हैं. और उपाय करने की बजाए आप सिर्फ देख रहे हैं."
श्टाइनब्रुक ने दावा किया कि एसपीडी और ग्रीन पार्टी की सरकार पूरे देश में न्यूनतम वेतन को एक जैसा करेगी और राज्यों की आर्थिक स्थिति को ठीक करेगी. "इसके लिए हम कुछ लोगों के कुछ करों में बढ़ोतरी करेंगे." लेकिन ये बढ़ोतरी सिर्फ ज्यादा आय वालों के लिए होगी. और उन लोगों के लिए जिन्हें सामाजिक उथल पुथल के दौर में फायदा हुआ है.

गीजीतस्वीर: picture-alliance/dpa

इन दोनों के भाषण के बाद भी संसद में बहस का माहौल बना रहा. संसद में एफडीपी के प्रमुख राइनर ब्रुडरले ने श्टाइनब्रुक पर आरोप लगाया कि वह सीमा से बाहर होकर चुनाव अभियान चला रहे हैं. ग्रीन पार्टी पर उन्होंने आरोप लगाया कि वेजिटेरियन डे शुरू कर वह लोगों पर दादागिरी करना चाहते हैं. डी लिंके पार्टी के संसद में प्रमुख ग्रेगोर गीजी का भाषण भी काफी उत्तेजक था. उन्होंने लोगों से अपील की कि वो डी लिंके को वोट दें. ताकि यूरो संकट में बैंकों को नहीं बल्कि पाई पाई जमा करने वालों वह बचा सकें. और दक्षिणी यूरोप के देश और बचत से गरीबी में न ढकेले जाएं.
जर्मनी में 22 सितंबर को चुनाव होने हैं.

रिपोर्टः आभा मोंढे (एएफपी. डीपीए, रॉयटर्स)

संपादनः महेश झा

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