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जर्मन दवा कंपनी ने आधी सदी बाद मांगी माफी

१ सितम्बर २०१२

थैलिडोमाइड नाम की दवाई बनाने वाली जर्मन कंपनी ने 50 साल बाद माफी मांगी है. इस दवाई के कारण हजारों बच्चे विकृति के साथ पैदा हुए. पीड़ितों के लिए बनी चैरिटी संस्था ने ठोस कार्रवाई की मांग की है.

Der Vorsitzende des Bundes Contergangeschädigter und Grünenthalopfer, Andreas Meyer, steht vor der Konzernzentrale von Grünenthal in Stolberg (Archivbild vom 02.10.2009). Es gibt keinen verurteilten Schuldigen und keine Sühne. Vor 40 Jahren wurde der Strafprozess gegen Grünenthal eingestellt. Contergan-Opfer leiden bis heute darunter. Foto: Rolf Vennenbernd dpa/lnw (zu dpa 0003 vom 12.12.2010) +++(c) dpa - Bildfunk+++
तस्वीर: picture-alliance/dpa

ग्रूनेनथाल के मुख्य कार्यकारी हाराल्ड श्टॉक ने कहा कि उनकी कंपनी इतने साल की चुप्पी के लिए बहुत माफी चाहती है. इस दवाई को लेने के कारण दुनिया भर में करीब 10 हजार बच्चे विकृतियों के साथ पैदा हुए. इनमें बिना बाहों वाले बच्चे भी थे. ये उन महिलाओं के बच्चे थे जिन्होंने गर्भधारण के शुरुआती महिनों में थैलिडोमाइड ली थी. यह दवाई 50 देशों में बेची गई. इसे 1961 बाजार से हटा लिया गया.

ग्रूनेनथाल कंपनी की वेबसाइट पर श्टॉक ने माफी में लिखा है कि उनकी कंपनी को पीड़ितों, उनकी मांओं और उनके परिवार के लिए 'दुख और गहरी संवेदना' है. "हम आपसे माफी चाहते हैं कि हमने आपसे 50 साल तक मानवीय स्तर पर कोई बातचीत नहीं की और हम चुप रहे."

श्टॉलबर्ग में पीड़ितों के लिए बना स्मारकतस्वीर: picture-alliance/dpa

श्टॉक ने एक श्टॉलबर्ग में इन पीड़ितों के लिए बनाए गए एक विशेष स्मारक के उद्घाटन भाषण के दौरान यह कहा. श्टॉलबर्ग में कंपनी का मुख्यालय है. उन्होंने कहा, "यह दवाई जिन महिलाओं ने ली थी उन्हें कल्पना में भी ऐसा नहीं लगा होगा कि यह गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकती है. हमने यह सीखा कि पीड़ितों के साथ खुला संवाद बनाना और उन्हें सुनना कितना जरूरी है. हम साथ मिल कर प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं और उन्हें लागू कर रहे हैं ताकि उनके हालात बेहतर हो सकें. साथ ही मुश्किल स्थिति को आसानी से और प्रभावी तरीके से सुलझाने के लिए हम उनकी मदद कर रहे हैं."

लेकिन ब्रिटेन की चैरिटी थैलोमाइड एजेंसी ने कंपनी की यह माफी ठुकरा दी है और कहा है कि यह काफी नहीं. चैरिटी के मुख्य सलाहकार फ्रेडी एस्टबरी ने कहा कि कंपनी को वहां पैसा देना होगा जहां जरूरी है, माफी जताना काफी नहीं.

एस्टबरी भी इस दवाई का शिकार हुए हैं. वह 1959 में बिना हाथ पैर के पैदा हुए क्योंकि उनकी मां ने यह दवाई ली थी.

कम कड़ाई

यह दवाई 1950 में उस समय बनी थी जब दवाई के पूर्व परीक्षण को लेकर सख्त कानून और नियम नहीं थे. थैलिडोमाइड इसलिए गर्भवती महिलाओं में पसंद की जाती थी क्योंकि इससे वे अच्छे से सो पातीं और सुबह जी नहीं घबराता था. लेकिन नींद लाने वाली इस दवाई ने बच्चों के हाथ और पैर छीन लिए. वह बिना हाथ पैर या उनमें विकृति के साथ पैदा हुए. 1961 तक यह दवाई बाजार से नहीं हटाई गई.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ग्रूनेनथाल कंपनी ने पीड़ितों को मुआवजा दिया जिसमें 1971 में पांच हजार जर्मनों को दिया गया पांच करोड़ 20 लाख यूरो (तब 10 करोड़ डॉयचे मार्क) भी शामिल हैं. लेकिन पीड़ितों का कहना है का कहना है कि यह मुआवजा काफी नहीं. इन विकृतियों के कारण पीड़ित आजीवन कोई नौकरी नहीं कर सकते हैं. अभी तक इस मुद्दे पर ग्रूनेनथाल ने एक भी बार माफी नहीं मांगी थी बल्कि इसे एक दुर्घटना कहा था.

कंपनी की ओर से माफी तब आई है जब एक महीने पहले एक ऑस्ट्रेलियाई महिला ब्रिटेन की कंपनी डिएगो पीएलसी के खिलाफ मुकदमा जीत गई और उसे कई लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर का मुआवजा भी मिला. डिएगो पीएलसी कंपनी ने इस घातक दवाई को ऑस्ट्रेलिया में वितरित किया था. इस मुकदमे के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में लंबित पड़े 100 मामलों को दिशा मिल सकती है.

एएम/एमजे (एएफपी, डीपीए)

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