जर्मन शहर बॉन की एक अहम सरकारी इमारत में रात में अलार्म बजते गए. पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा लिया लेकिन डेढ़ हफ्ते तक शातिर का पता नहीं चला. अंत में जब राज खुला तो सब लोट पोट हो गए.
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9 सितंबर की रात से जर्मन शहर बॉन में फाइनेंशियल ऑफिस की बिल्डिंग पुलिस को उलझा रही थी. इमारत में रात में एक के बाद एक अलार्म बजते, वो भी अलग अलग मंजिलों पर. हर बार सुरक्षाकर्मी पूरी तैयारी से पहुंचते और पूरी बिल्डिंग की खाक छानते. जांच के दौरान सारे लॉक सही मिलते गए, इससे पुलिस और उलझन में पड़ गई.
(क्या करें जब इन शिकारी जानवरों से सामना हो)
अलार्म बजने के अगले दिन इस फिनांसआम्ट के अधिकारियों ने टैक्स और वित्तीय मामलों से जुड़े दस्तावेजों की जांच की. वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि कहीं कोई फाइल चुरायी तो नहीं गई. लेकिन ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया. और अलार्म आगे भी बजते गए. अधिकारियों को लगने लगा कि कोई शातिर या शैतानी भरा दिमाग इसके पीछे है और उसे दबोचने की योजनाएं बनने लगी.
लेकिन तभी एक दिलचस्प वाकया हुआ. मंगलवार रात एक बार फिर अलार्म बजे. अधिकारियों ने जब सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो उन्हें एक भागती हुई बिल्ली दिखाई पड़ी. अलार्म बजने से बिल्ली भी घबरायी और लेडीज टॉयलेट में छुप गई. मामले की जांच कर रहे सुरक्षाकर्मी भी बिल्ली की हरकत से हंसते हंसते लोट पोट हो गए. इसके बाद घर पर खुद एक बिल्ली पालने वाले सुरक्षाकर्मी ने कैट प्रोटेक्शन बॉन संस्था को फोन किया और बिल्ली को सुरक्षित निकाला गया. बिल्ली के शरीर पर मालिक द्वारा लगाई गई चिप भी मिली. चिप के मुताबिक उसका नाम गोंजो है और उम्र छह साल है.
कैट प्रोटेक्शन बॉन की स्वंयसेवी हेलेना ब्राक्लोव के मुताबिक गोंजो को इमारत में चूहे जरूर मिले होंगे, वरना 12 दिन तक वह जिंदा नहीं रह पाती. अब गोंजो के मालिक को खोजा जा रहा है. चिप पर लिखा फोन नंबर गलत है. कैट प्रोटेक्शन बॉन को उम्मीद है कि मीडिया के जरिये मालिक तक गोंजो के कारनामे की खबर जरूर पहुंचेगी.
(देखिये राजसी बाघ की अद्भुत दुनिया)
राजसी बाघ की अद्भुत दुनिया
सुंदरता और सिहरन को एक साथ महसूस करना हो तो बाघ को देखिये. भारत का यह राष्ट्रीय पशु यूं ही दुनिया भर में मशहूर नहीं है. एक नजर बाघों के दुनिया पर.
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सबसे बड़ी बिल्ली
बाघ बिल्ली प्रजाति का सबसे बड़ा जानवर है. वयस्क बाघ का वजन 300 किलोग्राम तक हो सकता है. WWF के मुताबिक एक बाघ अधिकतम 26 साल तक की उम्र तक जी सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/F.v. Erichsen
ताकतवर और फुर्तीला
बाघ शिकार करने के लिए बना है. उनके ब्लेड जैसे तेज पंजे, ताकतवर पैर, बड़े व नुकीले दांत और ताकतवर जबड़े एक साथ काम करते हैं. बाघों को बहुत ज्यादा मीट की जरूरत होती है. एक वयस्क बाघ एक दिन में 40 किलोग्राम मांस तक खा सकता है.
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अकेला जीवन
बाघ बहुत एकाकी जीवन जीते हैं. हालांकि मादा दो साल तक बच्चों का पालन पोषण करती है. लेकिन उसके बाद बच्चे अपना अपना इलाका खोजने निकल पड़ते हैं. लालन पालन के दौरान पिता कभी कभार बच्चों से मिलने आता है. एक ही परिवार की मादा बाघिनें अपना इलाका साझा भी करती है.
बिल्लियों की प्रजाति में बाघ अकेला ऐसा जानवर है जिसे पानी में खेलना और तैरना बेहद पंसद है. बिल्ली, तेंदुआ, चीता और शेर पानी में घुसने से कतराते हैं. लेकिन बाघ पानी में तैरकर भी शिकार करता है. बाघ आगे वाले पैरों को पतवार की तरह इस्तेमाल करता है.
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सिकुड़ता आवास
100 साल पहले दुनिया भर में करीब 1,00,000 बाघ थे. वे तुर्की से लेकर दक्षिण पूर्वी एशिया तक फैले थे. लेकिन आज जंगलों में सिर्फ 3,000 से 4,000 बाघ ही बचे हैं. बाघों की नौ उपप्रजातियां लुप्त हो चुकी हैं. यह तस्वीर जावा में पाये जाने वाले बाघ की है.
तस्वीर: public domain
क्यों घटे बाघ
20वीं शताब्दी की शुरुआत में हुए अंधाधुंध शिकार ने बाघों का कई इलाकों से सफाया कर दिया. जंगलों की कटाई ने भी 93 फीसदी बाघों की जान ली. दूसरे जंगली जानवरों के अवैध शिकार ने बाघों को जंगल में भूखा मार दिया. इंसान के साथ उनका संघर्ष आज भी जारी है.
भारत और बांग्लादेश के बीच बसे सुंदरबन को ही ले लीजिए, मैंग्रोव जंगलों वाला यह इलाका समुद्र का जलस्तर बढ़ने से डूब रहा है. इसका सीधा असर वहां रहने वाले रॉयल बंगाल टाइगर पर पड़ा है. WWF के शोध के मुताबिक वहां के बाघों को मदद की सख्त जरूरत है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Chowdhury
कैसे बचेंगे बाघ
माहौल इतना भी निराशाजनक नहीं है. संरक्षण संस्थाओं ने 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है. 2016 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक इस वक्त दुनिया भर में करीब 3,900 बाघ हैं. 2010 में यह संख्या 3,200 थी. भारत जैसे देशों में बाघों के संरक्षण के लिए अच्छा काम किया जा रहा है. 2019 में भारत में करीब 3000 बाघ हैं.