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जर्मन प्रांतीय चुनावों में एएफडी को बड़ी कामयाबी

२ सितम्बर २०१९

जर्मनी के दो पूर्वी राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है. सेक्सनी और ब्रांडेनबुर्ग राज्यों में रविवार को वोट डाले गए.

Lantagswahlen Brandenburg Andreas Kalbitz AFD Jubel
तस्वीर: Reuters/A. Schmidt

अब तक आए नतीजों से पता चलता है कि ब्रांडेनुबर्ग में मध्य वामपंथी एसपीडी और सेक्सनी में मध्य दक्षिणपंथी सीडीयू सत्ता में बनी रहेंगी, लेकिन उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा है. दोनों ही राज्यों में धुर दक्षिणपंथी एएफडी ने बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन पाने में कामयाबी पाई है.

जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल की सीडीयू को सेक्सनी में 32 प्रतिशत वोट मिले और वह सबसे बड़ी पार्टी बनी है. लेकिन ब्रांडेनबुर्ग में पार्टी सिर्फ 15 प्रतिशत वोट ही हासिल कर पाई. ब्रांडेनबुर्ग में सबसे ज्यादा 26.2 प्रतिशत वोट एसपीडी को मिले हैं. सेक्सनी में एसपीडी 7.7 प्रतिशत के आंकड़े से आगे नहीं बढ़ पाई. दोनों ही राज्यों में सरकार बनाने के लिए सीडीयू और एसपीडी को गठबंधन सहयोगियों की जरूरत होगी.

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दूसरी तरफ, इन दोनों राज्यों में एएफडी को बड़ा फायदा हुआ है. सेक्सनी में उसे 27.5 प्रतिशत जबकि ब्रांडेनबुर्ग में 23.5 प्रतिशत वोट मिले हैं. जर्मनी के पूर्वी हिस्से में आम तौर पर ग्रीन पार्टी कमजोर मानी जाती है लेकिन हालिया यूरोपीय संसद के चुनावों में पार्टी को बहुत फायदा हुआ. विधानसभा चुनावों में पार्टी को सेक्सनी में 8.6 प्रतिशत और ब्रांडेनबुर्ग में 10.8 प्रतिशत वोट मिले. वहीं वामपंथी पार्टी डी लिंके को ब्रांडेनबुर्ग में 10.7 प्रतिशत और सेक्सनी में 10.4 प्रतिशत वोट हासिल हुए.

एसपीडी और सीडीयू का जनाधार घट रहा है और एएफडी आगे बढ़ रही है. लेकिन कोई भी अन्य पार्टी एएफडी के साथ मिल कर काम करने को तैयार नहीं है. ऐसे में, गठबंधन सरकारों में छोटी पार्टियों की अहम भूमिका होगी.

उधर एएफडी की नेता एलिस वाइडेल ने ट्वीट कर चुनाव नतीजों पर खुशी जताई है और कहा है कि उनकी पार्टी अब लोगों की पार्टी बन गई है. दोनों राज्यों में पार्टी को लगभग उतना ही समर्थन मिला है जितना पिछले आम चुनावों में मिला था. एएफडी ने प्रवासियों को लेकर असंतोष का फायदा उठाया है और पूर्वी जर्मनी में अपने जनाधार को मजबूत किया है.

एके/आईबी (डीपीए, रॉयटर्स)

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