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जर्मन रक्षामंत्री पर थिसिस में नकल के आरोप

१७ फ़रवरी २०११

जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सू गुटेनबर्ग भारत के दौरे के बाद अचानक अफगानिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं तो जर्मनी में उन पर डॉक्टरेट थिसिस में नकल करने के आरोप लगे हैं. उन्होंने आरोपों का खंडन किया है.

तस्वीर: AP

39 वर्षीय गुटेनबर्ग जर्मनी के सबसे लोकप्रिय राजनीतिज्ञ हैं और 2009 में रक्षा मंत्री बनने के बाद से उन्होंने कई राजनीतिक मुश्किलों का अपनी वाकपटुता से सामना किया है. उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि जर्मन सेना को छोटा करना और अनिवार्य सैन्य सेवा को समाप्त करना है.

जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थियोडोर सू गुटेनबर्ग पर भारत के दौरे पर संकट क्षेत्र में यूरोफाइटर लड़ाकू विमान की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए निर्यात नियमों की अवहेलना के आरोप लगे तो घर वापसी से पहले उनपर अपने डॉक्टरेट थिसिस में नकल करने के आरोप लगे हैं.

तस्वीर: dapd

ब्रेमेन के लॉ प्रोफेसर आंद्रेयास फिशर-लेस्कानो ने आरोप लगाया है कि गुटेनबर्ग ने अपनी थिसिस में दूसरे लेखकों की कुछ बातें पूरी की पूरी चुरा कर शामिल कर ली हैं, लेकिन स्रोत में उनका नाम नहीं दिया है. दैनिक ज्यूडडॉयचे त्साइटुंग में उन्होंने कहा है, थिसिस के कई हिस्से पूरे नकल और धोखा हैं.

इस रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और यूरोपीय संघ की कानूनी तुलना करने वाले कई लंबे वाक्य दूसरे लेखकों द्वारा पहले लिखे गए लेखों से मिलते जुलते हैं लेकिन उन्हें उद्धृत नहीं किया गया है. फिशर-लेस्कानो का कहना है कि पूरी थिसिस में इस तरह की नकल हुई है.

गुटेनबर्ग ने नकल के आरोपों को ठुकरा दिया है और उसे बेतुका बताया है. रक्षा मंत्री ने कहा है कि वे अपनी 475 पेज वाली थिसिस के 1200 से अधिक फुटनोटों की जांच करेंगे कि उन्हें सही जगह पर रखा गया है या नहीं और अगले संस्करण में उसे ठीक कर देंगे. थिसिस लिखने में कर्मचारियों की मदद लेने के आरोप को नकारते हुए गुटेनबर्ग ने कहा, "इस थिसिस का लिखा जाना मेरी अपनी उपलब्धि है."

स्विस दैनिक नौए ज्यूरिषर त्साइटुंग के मुख्य संपादक ने अपने अखबार में छपे वाक्यों का बिना नाम लिए इस्तमाल करने के लिए गुटेनबर्ग से क्षमायाचना की मांग की है. जर्मन दैनिक फ्रांकफुर्टर अलगेमाइने की वेबसाइट ने भी कहा है कि गुटेनबर्ग की थिसिस की भूमिका अखबार में एक साल पहले छपे लेख से मिलती जुलती है. लेकिन उसका हवाला नहीं दिया गया है.

बायरौएथ विश्वविद्यालय में गुटेनबर्ग के सुपरवाइजर रहे प्रो. पेटर हेबर्ले ने अपने शोध छात्र का बचाव किया है और कहा है कि आरोप असंगत हैं. उन्होंने कहा, "गुटेनबर्ग मेरे सबसे अच्छे सेमिनार छात्रों और डॉक्टरेट उम्मीदवारों में थे." आरोपों के सामने आने के बाद बायरौएथ विश्वविद्यालय भी मामले की जांच करा रहा है. थिसिस के लिए गुटेनबर्ग को सर्वोत्तम अंक मिले थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एन रंजन

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