जर्मन विदेश मंत्री का यूरोप पर ध्यान
९ जनवरी २०१४विदेश मंत्री श्टाइनमायर ने तो जैसे साल 2014 यूरोप को न्योछावर कर दिया है. पहले उन्होंने यूरोपीय संघ का दौरा किया, फिर बर्लिन में स्वीडन और डेनमार्क के विदेश मंत्रियों से मिले और अब ग्रीस की दिशा में निकल पड़े हैं. 2005 में बनी सीडीयू और एसपीडी की गठबंधन सरकार में वही विदेश मंत्री थे. पिछले चार सालों में यह पद उदारवादी एफडीपी के गीडो वेस्टरवेले ने संभाला और अब अपने पद पर "वापस" आए श्टाइनमायर विदेश मंत्रालय के दफ्तर को खास पहचान देना चाहते हैं.
जर्मनी का प्रतिनिधि
यूरोपीय संघ के लिसबन समझौते के मुताबिक सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों का प्रभाव कम हो गया है. आर्थिक संकट के बाद यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के वित्त मंत्री विदेश मंत्रियों के मुकाबले ज्यादा अहम हो गए हैं. आर्थिक संकट के दौरान चांसलर अंगेला मैर्केल और वित्त मंत्री वोल्फगांग शोएब्ले विदेश में जर्मनी की पहचान बने लेकिन अब श्टाइनमायर अपने पद और विदेश मंत्री के तौर पर अपने अस्तित्व को पुरानी शान लौटाना चाहते हैं.
इसके लिए वह पहले द्विपक्षीय स्तर पर सदस्य देशों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं. दो दिन की ग्रीस यात्रा में वह प्रधानमंत्री आंतोनिस सामारास और विदेश मंत्री एवांगेलोस वेनिसेलोस से मिलेंगे. ग्रीस को अब तक यूरो देशों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से 240 अरब यूरो की मदद मिली है. उधार की शर्तें सख्त हैं और ग्रीस को अपने सार्वजनिक खर्चे में कटौती करनी पड़ी है. जर्मनी जैसे आर्थिक दिग्गजों को लेकर ग्रीस में लोग नाराज हैं.
राजनीति के दांव पेंच
लेकिन श्टाइनमायर इसकी तैयारी कर चुके हैं. एथेंस के दैनिक ना तेया में उन्होंने ग्रीस के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा, "हम आपकी सफलता में विश्वास करते हैं" और "हम आपके साथ हैं." श्टाइनमायर ने ग्रीस में सुधारों के दाद दिए हैं लेकिन यह भी कहा है कि बचत में ढील लाने से बचना होगा. ग्रीस को मदद राशि केवल 2014 के अंत तक मिलेगी. उसके बाद दिए जाने वाले उधार की शर्तें ग्रीस के अब तक के प्रदर्शन पर निर्भर करेंगी.
ग्रीस अगले छह महीनों के लिए यूरोपीय संघ की अध्यक्षता भी कर रहा है. ऐसे में श्टाइनमायर का दौरा उनकी और जर्मनी की छवि के लिहाज से अहम हो गया है. हालांकि श्टाइनमायर विश्व मंच पर जर्मनी की भूमिका को सीमित भी नहीं रखना चाहते हैं. रविवार को पैरिस में सीरिया पर बातचीत के लिए वह अमेरिका, फ्रांस, इटली और अरब देशों के प्रतिनिधियों से मिल रहे हैं.
एमजी/एजेए (रॉयटर्स, डीपीए)