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जर्मन शिक्षा संस्थानों में छात्रों की हड़ताल

१३ नवम्बर २००९

जर्मनी के विश्वविद्यालयों में छात्रों की हड़ताल फैल रही है. 17 नवम्बर को पूरे जर्मनी में विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया गया है. छात्रों ने 20 शहरों में यूनिवर्सिटी हॉलों को अपने क़ब्ज़े में ले लिया है.

जर्मनी में छात्रों की हड़तालतस्वीर: picture alliance/dpa

हड़ताल की शुरुआत ऑस्ट्रिया में हुई. अब बहुत सारे जर्मन विश्वविद्यालयों में छात्र विरोध पर उतर आए हैं और उन्होंने अपने शिक्षा संस्थानों के मुख्य हॉल पर क़ब्ज़ा जमा लिया है और धरने पर बैठ गए हैं.

छोटे और बड़े शहरों में सैकड़ों छात्र फीसों और पढ़ाई में दबाव का विरोध कर रहे हैं. अलग अलग विश्वविद्यालयों में छात्रों की मांगे अलग अलग हैं , लेकिन वे सब पढ़ाई फीस का विरोध कर रहे हैं और जिन प्रातों में फीस ली जा रही है वहां उसकी समाप्ति की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा बोलोनिया प्रक्रिया के तहत बैचलर और मास्टर कोर्स लागू किए जाने से हो रही परेशानियों को दूर करने की मांग कर रहे हैं. साथ ही उनकी मांगों में लोकतांत्रिक शिक्षा और आत्मनिर्भर पढ़ाई की मांग भी शामिल है.

हड़ताल के लिए पोस्टर लिखता एक छात्रतस्वीर: picture alliance/dpa

म्युनिख में एक सप्ताह से चल रहे कला अकादमी के क़ब्जे़ के बाद लगभग 300 छात्रों ने लुडविष मैक्सिमिलियान विश्वविद्यालय के ऑडीमाक्स पर क़ब्ज़ा कर लिया है. विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा है कि फिलहाल छात्रों की कार्रवाई के ख़िलाफ़ क़दम नहीं उठाया जाएगा. वुर्त्सबुर्ग, गोएटिंगेन, बर्लिन और हैम्बर्ग के विश्वविद्यालयों में भी छात्रों ने ऑडीटोरियमों पर कब्जा जमा रखा है.

गुरुवार को थ्युबिंगेन में विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक अल्टीमेटम के समाप्त होने के बाद पुलिस को बुला लिया. पुलिस ने एक सप्ताह से एक क्लासरूम पर क़ब्ज़ा जमाए 200 छात्रों को वहां से बाहर निकाला. म्युंस्टर विश्विद्यालय में पुलिस ने पिछले ही सप्ताह क़ब्जे़ को समाप्त करवा दिया था. दूसरे विश्वविद्यालय अब तक छात्रों को विरोध करने दे रहे हैं.

बर्लिन के हुम्बोल्ट यूनीवर्सिटी में हड़ताली छात्रतस्वीर: picture alliance/dpa

छात्र असंतोष की वजह यह भी है कि पिछले साल हुए राष्ट्रीय शिक्षा शिखर सम्मेलन में लिए गए फ़ैसलों को अब तक कोई असर नहीं दिख रहा है . इसके बावजूद राष्ट्रीय शिक्षामंत्री अनेटे शावान ने छात्रों का समर्थन किया है और प्रांतीय शिक्षामंत्रियों से मांग की है कि विश्वविद्यालय सुधारों में तेज़ी लाएं. उन्होंने कोर्सों को सरल बनाने की मांग की और कहा कि छात्रों के लिए आर्थिक अनुदान बढ़ाने और शिक्षा के लिए सरकारी कर्ज़ के लिए उम्रसीमा बढ़ाने पर चर्चा होनी चाहिए.

छात्रों ने 17 नवम्बर को देश भर में शिक्षानीति के ख़िलाफ़ प्रदर्शन का एलान किया है. शिक्षा बिक्री के लिए नहीं है नारे के तहत 30 नवम्बर से 6 दिसम्बर तक एक्शन सप्ताह मनाया जाएगा. और 10 दिसम्बर को शिक्षामंत्रियों के बैठक के बाद बॉन में सम्मेलन स्थल को जाने वाले रास्तों की तीन घंटे के लिए नाकेबंदी की योजना है ताकि शिक्षामंत्री बैठक की समाप्ति के बाद वहां से बाहर नहीं निकल पाएं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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