जर्मन संसद के कंप्यूटर सिस्टम पर साइबर हमला हुआ है. सांसदों का कहना है कि उन्हें भी हैकिंग से हुए नुकसान के बारे में सही सही जानकारी नहीं है. बड़े स्तर पर फैले इस साइबर हमले के कारण पूरे सिस्टम को बदलना पड़ सकता है.
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जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग के अधिकारियों ने मई में संसद के कंप्यूटर सिस्टम पर हुए साइबर हमलों की पुष्टि की थी. तब से लेकर अब तक सिस्टम का नियंत्रण हैकरों ने हाथ में है और डाटा की चोरी जारी है. हैकरों ने पूरे इलेक्ट्रॉनिक तंत्र में घुसकर प्रशासनिक अधिकार भी हासिल कर लिए हैं. डेयर श्पीगल ऑनलाइन में जर्मन संसद के एक गुप्त स्रोत के हवाले से लिखा गया है, "ट्रोजन अभी भी सक्रिय हैं." ट्रोजन हॉर्स वायरस के हमले को ही कंप्यूटरों में ऐसे सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने का जिम्मेदार समझा जा रहा है जिससे डाटा की चोरी हो रही है.
जर्मन समाचार पत्रिका डेयर श्पीगल ने अपने ऑनलाइन संस्करण में लिखा है कि मामले की आंतरिक जांच के विशेषज्ञ साइबर हमले के पीछे रूसी इंटेलिजेंस एजेंसी के होने के संकेत देख रहे हैं. हालांकि समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इस पर बुंडेसटाग के प्रवक्ता या मॉस्को से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है. जनवरी में भी चांसलर मैर्केल के वेबपेज समेत जर्मन सरकार की कई वेबसाइटों को हैक किया गया था, जिसकी जिम्मेदारी लेने वाले गुट ने बर्लिन से यूक्रेनी सरकार को दिए जा रहे समर्थन को रोकने की मांग की थी.
डिजिटल एजेंडा पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, एसपीडी के नेता लार्स क्लिंगबाइल ने बताया, "सांसदों को इस बारे में बहुत कम जानकारी है और लोग काफी अनिश्चितता में हैं." जर्मन अखबार "बेर्लिनर साइटुंग" को क्लिंगबाइल ने कहा, "हम समिति में दो बार इसे एजेंडा के रूप में रख चुके हैं लेकिन बुंडेसटाग प्रशासन की ओर से कोई भी किसी तरह की रिपोर्ट लेकर नहीं आया."
एसपीडी जर्मनी की केन्द्र सरकार में चांसलर अंगेला मैर्केल के क्रिस्चियन कंजर्वेटिव पार्टियों के संघ के साथ जूनियर पार्टनर है. साइबर हमलों के बारे में ज्यादा जानकारी ना मिलने की शिकायत साझा सरकार के बड़े पार्टनर क्रिस्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन, सीडीयू को भी है. डिजिटल एजेंडा पर संसदीय समिति में शामिल सीडीयू नेता टांक्रेड शिपांस्की ने भी हैकिंग पर बुंडेसटाग प्रशासन के रवैये को "एक असाधारण नीति" बताया है. शिपांस्की ने कहा कि ऐसी एक रिपोर्ट है तो लेकिन सभी सांसदों को उसे देखने की अनुमति नहीं है.
बुधवार को कई जर्मन समाचारपत्रों में फेडरल ऑफिस फॉर इंफॉर्मेशन सेक्योरिटी, बीएसआई के स्रोतों के हवाले से लिखा गया है कि अब हैकिंग से बुंडेसटाग के कंप्यूटर सिस्टमों को बचाने और दुरुस्त करने की कोशिशें बेकार होंगी. बीएसआई ने कथित तौर पर जर्मन संसद के सभी 20,000 कंप्यूटरों को बदले जाने की सलाह दी है. इस पूरे बदलाव में कई लाख यूरो और कई हफ्तों का समय लग सकता है.
आरआर/एमजे (रॉयटर्स,एएफपी)
2014 के पांच बड़े साइबर हमले
सोनी की फिल्म 'द इंटरव्यू' को लेकर चल रहे ताजा विवाद के अलावा भी साल 2014 में कई साइबर हमलों ने ध्यान खींचा. यहां देखिए इस साल के पांच बड़े साइबर हमलों की कहानी.
तस्वीर: Fotolia/slunicko1977
सोनी पिक्चर्स: हैकर्स की हॉलीवुड तक पहुंच
खुद को 'गार्डियन ऑफ पीस' बताने वाले हैकर समूह से बार बार हो रहे साइबर हमलों को देखते हुए सोनी पिक्चर्स ने अपनी नई फिल्म 'द इंटरव्यू' को प्रदर्शित ना करने का निर्णय लिया. इसके पहले भी सोनी कंपनी को कुछ साइबर हमले झेलने पड़े हैं जब उनका आईटी सिस्टम ऑफ कर दिया गया था, ट्विटर अकाउंट हैक कर लिया गया और कंपनी की कई संवेदनशील जानकारियां लीक कर दी गई थीं.
तस्वीर: M. Thurston/AFP/Getty Images
एप्पल: कलाकारों की नग्न तस्वीरें सार्वजनिक
सितंबर 2014 में कई फिल्मी हस्तियों, कलाकारों की दर्जनों नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं. पहले लगा कि किसी ने एप्पल के आईक्लाउड को हैक कर तस्वीरें हासिल की होंगी, मगर एप्पल कंपनी ने जब मामले की जांच करवाई तो तो पता चला कि किसी ने उन सभी प्रसिद्ध लोगों के अकाउंट को हैक कर लिया था. एप्पल के मुताबिक इसमें आईक्लाउड और फाइंड माई आईफोन नाम की सेवाओं का कोई दोष नहीं था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
ईबे: बड़े हमले की शिकार हुई बड़ी ई-कॉमर्स साइट
मई 2014 में कैलिफोर्निया स्थित ईबे के मुख्यालय से खबर आई कि एक साइबर हमले में उनके कई यूजरों की जानकारियां चोरी हो गई हैं. कंपनी को मिली जानकारी के अनुसार ये हमले फरवरी के अंत से लेकर मार्च की शुरुआत तक जारी थे. हमलों का पता चलते ही ईबे ने अपने यूजरों को उनके पासवर्ड बदलने के लिए कहा.
तस्वीर: Reuters
ट्विटर: कई लोगों और कंपनियों के अकाउंट हैक
अगस्त 2014 में हैकरों ने याहू न्यूज का आधिकारिक ट्विटर हैंडिल हैक कर उनके ट्विटर फीड के माध्यम से इबोला वायरस से जुड़े कई ट्वीट भेजे. पता चलने पर याहू ने तुरंत स्थिति को नियंत्रण में ले लिया और नकली ट्वीट मिटाए. इसके पहले मार्च में मशहूर टीन सिंगर जस्टिन बीबर का अकाउंट हैक हुआ था और करीब 15 मिनट तक हैकर, बीबर के नाम से कई ट्वीट भेजते रहे. अंत में ट्विटर कंपनी को मामला अपने हाथों में लेना पड़ा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S.Stache
हार्टब्लीड: हैकर ने ली बग की मदद
अप्रैल 2014 में हैकिंग की शिकार बनी कनाडा की सरकारी रेवेन्यू एजेंसी को अपनी सार्वजनिक वेबसाइट बंद करनी पड़ी थी. जांच अधिकारियों ने पाया कि हार्टब्लीड नाम के एक बग का सहारा लेकर हैकर ने वेबसाइट से 900 सोशल इंश्योरेंस नंबर चुराए थे. हार्टब्लीड बग असल में सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग की एक कमजोरी है. ओपन एसएसएल सॉफ्टवेयर की मदद से बनी वेबसाइटों में इस कमजोरी के सहारे कई गोपनीय जानकारियां चुराई जा सकती हैं.