जर्मन सेना के हाथों अफ़ग़ान सैनिकों की मौत
३ अप्रैल २०१०पोट्सडाम में अफ़ग़ान अभियान के मुख्यालय की सूचना के अनुसार शुक्रवार को शहर दारा में संघर्ष में लिप्त सैनिकों की मदद के लिए कुंदुस के बेस कैंप से जर्मन सैनिक रवाना हुए थे. रास्ते में दो असैनिक गाड़ियां उनकी ओर आ रहीं थीं. जब गाड़ियां नहीं रुकीं, तो टैंकों से एक गाड़ी पर गोले बरसाए गए. बाद में पता चला कि यह अफ़ग़ान राष्ट्रीय सेना की गाड़ी थी. इस हादसे में पांच अफ़ग़ान सैनिकों की मौत हो गई. पूरी घटना की अभी जांच चल रही है.
शुक्रवार को कुंदूज़ के निकट विद्रोहियों के साथ हुई गोलाबारी में तीन जर्मन सैनिक मारे गए थे. बारूदी सुरंगों को हटाने में लगे जर्मन सैनिकों पर लगभग 100 विद्रोहियों ने हमला किया था. बाद में हुई लड़ाई में बुंडेसवेयर की कई कंपनियों ने हिस्सा लिया. एक कंपनी में 150 सैनिक होते हैं. लड़ाई में आठ अन्य जर्मन सैनिक घायल हो गए. उनमें से कुछ को इलाज़ के लिए शनिवार को जर्मनी लाया जा रहा है.
जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कायराना हमले की कड़ी निंदा की है. एक बयान में चांसलर ने कहा, "बड़ी निराशा के साथ मैंने अफ़ग़ानिस्तान में हमारे सैनिकों पर जघन्य और कायराना हमले की ख़बर सुनी है."
रक्षामंत्री कार्ल-थियोडोर सू गुटेनबर्ग दक्षिण अफ़्रीका में अपनी ईस्टर की छुट्टियों से फौरन वापस लौट रहे हैं. रक्षामंत्री ने एक लिखित बयान में कहा है, "गहरे शोक के साथ मैंने अफ़ग़ानिस्तान में सैनिक की मौत और घायल होने के बारे में सुना है. इस आयाम की लड़ाई से साफ़ है कि अफ़ग़ानिस्तान में आवश्यक तैनाती कितनी ख़तरनाक है."
विदेशमंत्री गीडो वेस्टरवेले ने मृत सैनिकों के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त की है. वेस्टरवेले ने एक बयान में हमले की निंदा करते हुए कहा है, "मैं इस कायराना हमले की निंदा करता हूं जो न सिर्फ़ जर्मन सैनिकों पर लक्षित था बल्कि समूची अफ़ग़ान जनता के ख़िलाफ़ भी."
सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के संसदीय दल के नेता फ़्रांक वाल्टर श्टाइनमायर ने भी जर्मन सैनिकों पर हमले की निंदा की है जबकि संसद में वामपंथी पार्टी डी लिंके ने अफ़ग़ानिस्तान से जर्मन सेना को फ़ौरन हटाने की मांग की है.
इस बीच जर्मन सैनिकों पर तालिबान के नए हमले के बाद जर्मन सेना बुंडेसवेयर के नेतृत्व ने उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में अपने सैनिक लक्ष्यों पर ज़ोर दिया है. प्रभारी कमांडर फ़्रांक लाइडेनबर्गर ने कहा है कि स्थिति पहले जैसी बनी हुई है. जर्मन सैनिक अफग़ान जनता की सुरक्षा करते रहेंगे.
रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ
संपादन: सचिन गौड़