1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मन सेना में भर्ती हो सकेंगे विदेशी

१३ फ़रवरी २०११

जर्मन सरकार सेना में जवानों की मौजूदा संख्या बनाए रखने के लिए देश में रह रहे विदेशी नागरिकों को भी फौज में भर्ती करने की तैयारी में है. फौज की नौकरी को आर्कषक बनाने के लिए कुछ नई सुविधाएं देने की भी तैयारियां हो रही हैं.

तस्वीर: AP

जर्मन रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से साप्ताहिक पत्रिका फोकस ने ये जानकारी दी है. रक्षा मंत्रालय की योजना के प्रारुप में कहा गया है, "हमें नियमों को उदार बनाना होगा जिससे कि जर्मनी में रह रहे सक्षम लोग सशस्त्र सेवाओं में शामिल हो सकें भले ही वो जर्मन हो या नहीं." मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से इस बात की पुष्टि की कि विदेशियों को शामिल करने की योजना, "सैन्य सेवाओं को आकर्षक बनाने की मुहिम का हिस्सा है." जर्मनी में अब अनिवार्य सैनिक सेवा को भी खत्म कर दिया गया है.

इसके साथ ही सैन्य अधिकारी ने ये भी कहा, "जर्मन सेना को जनसंख्या के लिहाज से नई उंचाइयों तक पहुंचने के लिए खुद को खोलना होगा." जर्मनी के बारे में एक बड़ी सच्चाई ये है कि यहां की आबादी में बूढ़े लोगों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. जर्मनी में रहने वाले विदेशी मूल के लोगों की तादाद भी अच्छी है. आंकड़ों के मुताबिक 2009 में यहां कुल 71 लाख विदेशी लोग रह रहे थे.

जर्मन रक्षा मंत्री कार्ल थिओडोर त्सू गुटेनबर्गतस्वीर: dapd

जर्मनी के रक्षा मंत्री कार्ल थिओडोर त्सु गुटेनबर्ग जर्मनी की फौज में कटौती करने की तैयारी कर रहे हैं. वो सैन्यकर्मियों की मौजूदा 2,50,000 की तादाद को 1,80,000 से 1,85,000 तक लाना चाहते हैं. सैन्य सेवाओं में ये कमी खर्च में कटौती और 21वीं सदी की जंगी जरूरतों के हिसाब से निर्धारित की गई है.

अनिवार्य सैनिक सेवा के खत्म हो जाने के बाद सेना को इस बात की भी चिंता है कि उसके पास पर्याप्त संख्या में लोग भर्ती होने नहीं आएंगे. इस साल मार्च के बाद से सैन्य सेवा में थोड़े समय के लिए अपने मर्जी से आने वाले लोगों को ही शामिल किया जाएगा. सरकार हर साल 15,000 लोगों के इन सेवाओं में आने की उम्मीद कर रही है.

फौज की नौकरी को आकर्षक बनाने के लिए कुछ नई सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं इनमें मिलिट्री बेस पर बच्चों के देख रेख और पढ़ाई के लिए छुट्टी की सुविधा देने की बात भी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें