'जलमार्ग बंद किया तो अमेरिका जवाब देगा'
८ जनवरी २०१२
अमेरिकी रक्षा मंत्री पैनेटा ने कहा, "हमने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका होरमुज जलमार्ग बंद किए जाने को बर्दाश्त नहीं करेगा. यह हमारे लिए एक लाल रेखा की तरह है और हम इसका जवाब देंगे. हम जलमार्ग को फिर से खोलेंगे."
दुनिया भर में होने वाली तेल सप्लाई का 20 फीसदी हिस्सा होरमुज जलमार्ग से होता है. अमेरिका ईरान पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है. प्रतिबंधों से नाराज ईरान होरमुज जलमार्ग बंद करने की धमकी दे चुका है. ईरान की धमकी के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम बढ़ गए हैं. कच्चा तेल 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जा चुका है.
दरअसल कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने की मंजूरी दे दी. ओबामा ने एक ऐसे कानून पर दस्तखत किए हैं जिसमें ईरान के खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. शनिवार को ओबामा ने 662 अरब डॉलर के रक्षा खर्च विधेयक पर दस्तखत किए. विधेयक में इन प्रतिबंधों का जिक्र है. नए प्रतिबंधों का सीधा असर तेहरान के बैंकों और तेल उद्योग पर पड़ेगा.
प्रतिबंध लगे तो दुनिया भर के वित्तीय संस्थानों के सामने अमेरिका या ईरान में से किसी एक को चुनने की चुनौती होगी. सभी देशों के केंद्रीय बैंकों पर अमेरिकी प्रतिबंध का असर पड़ेगा. अगर विदेशी बैंकों ने ईरान के सेंट्रल बैंक या तेल उद्योग से ताल्लुक रखा तो उनका अमेरिकी वित्तीय बाजार में काम करना कठिन हो जाएगा.
इन्हें ईरान के खिलाफ अब तक के सबसे कड़े अमेरिकी प्रतिबंध कहा जा रहा है. पहले लगाए प्रतिबंध ईरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित थे. उनका मकसद परमाणु ऊर्जा उद्योग से जुड़ी कंपनियों को ईरान के साथ व्यापार करने से रोकना था.
पश्चिमी देशों का आरोप है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है. ईरान इससे इनकार करता है. तेहरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण कामों के लिए है.
रिपोर्ट: एएफपी/ओ सिंह
संपादन: एम गोपालकृष्णन