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ज़ीरो साइज़ की माया में मायानगरी

४ मार्च २०१०

36 नहीं, 34, फिर उससे भी कम 32.. यही ट्रेंड है आजकल मुंबई का. जो हिरोईन बनना चाहती हो, वह अगर इस साइज़ में आए तभी बॉलिबुड के दरवाज़े उसके लिए खुलते हैं. कम से कम कपड़ों में ज़्यादा से ज़्यादा जलवा, यही डिमांड है-

तस्वीर: AP

बॉलीवुड में आजकल धूम है साइज़ ज़ीरो की. अब अगर आप हीरो या हिरोइन बनने के सपने देखते हैं तो शुरुआत एक्टिंग क्लास से करें या नहीं लेकिन आपकी फ़िज़ीक और फिगर एक दम टिप टॉप होनी चाहिए. मायानगरी में आजकल शरीर की एहमियत बढ़ गयी है. क्या है और कितना है ये साइज़ ज़ीरो का जुनून. आइए जानते है.

एक ज़माना था जब मुमताज़ और ज़ीनत अमान जैसी बॉलीवुड की सुपरहिट हिरोइनों का सुडौल शरीर उनके करियर में कभी बाधा नहीं बना. जबकि आज की हिरोइनें ख़बरों में रहती हैं अपनी फिगर कम से कम रखने के लिए. सभी भाग रही हैं साइज़ ज़ीरो पाने की दौड़ में. आहार विशेषज्ञ वेणु हिरानी की मानें तो पिछले एक दशक में मॉडलिंग और फिल्म की दुनिया में बहुत बदलाव आए हैं. आज फ़िल्मों में आने की इच्छा रखने वाली सभी लड़कियां सबसे पहले ज़ीरो फिगर चाहती हैं.

तस्वीर: AP

2008 की अपनी फ़िल्म टशन में बिकिनी पहनने के बाद से करीना साइज़ ज़ीरो को लेकर लंबे समय तक सुर्ख़ियों में रही. माना ये भी जाता है कि करीना ही मायानगरी में साइज़ ज़ीरो नाम की बीमारी लाईं जिसके पीछे आजकल हर कोई भाग रहा है. बताया तो ये भी जाता है कि टशन की शूटिंग के दौरान 29 साल की करीना ने ज़बरदस्त डाइटिंग करके कम समय में अपना वज़न काफ़ी कम कर लिया लेकिन इसके कारण आयी कमज़ोरी के चलते वो एक बार फ़िल्म के सेट पर बेहोश भी हो गयीं थीं. जिसके बाद से साइज़ ज़ीरो को स्वास्थ्य के एक गंभीर चुनौती माना जाने लगा. हालांकि करीना इससे इत्तेफ़ाक़ नहीं रखतीं. उनका मानना है कि अपनी स्लिम फिगर के लिए उन्होंने कोई कृत्रिम तरीके नहीं अपनाए. ये फिगर उन्हें योग और स्वस्थ खाने की बदौलत मिला है. हालांकि वो अपने प्रशंसकों को आगाह करते हुए ये भी कहती हैं कि जो उनपर असर कर रहा है ज़रूरी नहीं वो सब पर करे.

दूसरी अभिनेत्रियां जैसे बिपाशा और शिल्पा शेट्टी ने तो अपने योग के वीडियो भी लॉन्च किए हैं. जबकि बॉलिवुड की लेटेस्ट हॉट हिरोइनें जैसे प्रियंका चोपड़ा और दीपिका पादुकोण की बात करें तो ये दोनों ही रोज़मर्रा की ज़िंदगी में खेल कूद को बहुत एहमियत देती हैं. हिरानी बताते हैं कि इन स्लिम हिरोइनों को देखकर कितनी ही लड़कियां उनके पास वज़न कम करने के लिए आती है, फिर चाहे उन्हें उसकी ज़रूरत हो या नहीं. हिरानी का मानना है कि बॉलीवुड और इंटरनेट के ज़रिए स्लिम फिगर का दबाव जैसे आज के युवा पर क्रैश डाइट करना, भारी व्यायाम करने का दबाव डाल रहा है.

जिन पश्चिमी देशों की देखा देखी भारतीय बालाएं कम से कम साइज़ में आने का सपना देख रहीं हैं उन देशों की फ़िल्म और मॉडल इंडस्ट्री अभी अभी समझी है कि भूखी पेट मॉडलों का आदर्श महिलाओं की प्रकृति, उनके स्वास्थ्य के साथ ही बाकी लड़कियों के लिए भी हानिकारक है. हाल ही के दिनों में फ़्रांस, जर्मनी में ऐसी लड़कियों की संख्या बढ़ गई थी जो इस ज़ीरो साइज़ में आने के लिए खाना खाते ही उल्टी कर देती थीं, ताकि दुबली हो सकें. कुछ इसी रास्ते पर शायद भारत भी चल पड़ा है.

रिपोर्टः तनुश्री सचदेव

संपादनः आभा मोंढे

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