राफाल विमान को लेकर हुए सौदे पर विवाद एक बार फिर गरमा गया है. फ्रांस ने इस समझौते की जांच शुरू कर दी है, लेकिन अब यह जांच क्यों हो रही है?
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फ्रांस हथियार बनाने वाली कंपनी दासों और भारत के बीच लड़ाकू विमान राफाल की खरीद को लेकर हुए समझौते की जांच कर रहा है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के आम चुनाव से पहले जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया था और भारत के प्रधानमंत्री का नाम लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे.
फ्रांस में समझौते की जांच शुरू होन की खबर आने के बाद रविवार को राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "चोर की दाढ़ी.” तंज के अंदाज में उन्होंने ट्विटर पर एक सर्वेनुमा सवाल पूछाः JPC जांच के लिए मोदी सरकार तैयार क्यों नहीं है? इस सवाल के जवाब में चार विकल्प दिए गए थेः अपराधबोध, मित्रों को भी बचाना है, जेपीसी को आरएस सीट नहीं चाहिए, ये सभी विकल्प सही हैं.
बाद में कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार पर आरोप भी लगाए. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "राफाल मामले में फ्रांस में भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो चुकी है. सच कितना ही दबा लो, छुपा लो, लेकिन सच बाहर आता ही है, क्योंकि सच में ताकत होती है. राफाल घोटाले का सच भी बाहर आएगा."
तस्वीरों मेंः राफाल की ताकत
राफाल की ताकत के साथ मनाया गया 88वां वायुसेना दिवस
गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर 8 अक्टूबर को 88वां वायुसेना दिवस मनाया गया. पहली बार वायुसेना परेड में राफाल जेट भी शामिल हुआ. परेड में 56 विमानों ने हिस्सा लिया और दम दिखाया. देखिए वायुसेना परेड की झलकियां
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/M. Swarup
एयरफोर्स डे परेड
हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस गाजियाबाद के हिंडन एयर बेस पर मनाया जाता है. वायुसेना दिवस के मौके पर देश पूरी दुनिया के सामने अपनी वायु शक्ति का प्रदर्शन करता है. वायुसेना वायुवीरों को इस मौके पर सम्मानित भी करती है.
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एयरफोर्स डे परेड
हाल ही में भारतीय वायुसेना में शामिल फाइटर जेट राफाल ने भी आसमान में अपना दम दिखाया. वायुसेना का 88वां स्थापना दिवस राफाल के परेड में शामिल होने से खास हो गया. भारत के पास राफाल होने से वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा हुआ है. फिलहाल भारतीय वायुसेना बेड़े में पांच राफाल शामिल हैं.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Indian Air Force
एयरफोर्स डे परेड
लद्दाख में चीन से तनाव के बीच वायुसेना का यह शक्ति प्रदर्शन खासा मायने रखता है. भारत इसके जरिए अपने पड़ोसी देशों को आसमान में शक्ति का अहसास दिलाता है. स्थापना दिवस पर वायुसेना प्रमुख राकेश सिंह भदौरिया ने लद्दाख में चीन से टकराव के दौरान वायुसेना की त्वरित कार्रवाई को सराहा है. साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि कोरोना के इस दौर में भी वायुसेना किसी भी अप्रत्याशित चुनौती का सामना करने को तैयार है.
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एयरफोर्स डे परेड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वायुसेना के स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए ट्वीट किया, "एयर फोर्स डे पर भारतीय वायुसेना के सभी वीर योद्धाओं को बहुत-बहुत बधाई. आप न सिर्फ देश के आसमान को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि आपदा के समय मानवता की सेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाते हैं. मां भारती की रक्षा के लिए आपका साहस, शौर्य और समर्पण हर किसी को प्रेरित करने वाला है."
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एयरफोर्स डे परेड
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वायुसेना के स्थापना दिवस पर कहा कि राफाल, अपाचे और चिनूक विमानों को शामिल करने के साथ जारी आधुनिकीकरण की प्रक्रिया से इंडियन एयरफोर्स और ताकतवर सामरिक बल बनेगी.
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एयरफोर्स डे परेड
56 विमानों ने स्थापना दिवस के मौके पर अपना दम खम दिखाया. इसमें लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस भी शामिल था. फ्लाइ पास्ट में राफेल के अलावा जगुआर, मिग-29, मिग-21, सुखोई-30 भी शामिल हुए.
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एयरफोर्स डे परेड
एयरफोर्स के मुताबिक परेड में 19 लड़ाकू विमान, 7 मालवाहक एयरक्राफ्ट और 19 हेलीकॉप्टर समेत कुल 56 एयरक्राफ्ट ने भाग लिया. परेड के दौरान राफेल ने लड़ाकू विमान जगुआर के साथ 'विजय' की उड़ान भरी.
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एयरफोर्स डे परेड
भारतीय वायुसेना राहत और आपदा के समय में भी लोगों के लिए आगे बढ़ कर काम करती है. बाढ़ जैसे हालात में वायुसेना के हेलीकॉप्टर लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाते हैं और कई बार उन्हें बचाते भी हैं. तो दूसरी ओर सीमा पर दुश्मनों से निपटने के लिए लड़ाकू जेट हमेशा तैयार रहते हैं.
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सुरजेवाला ने कहा, "जो खुलासे अब फ्रांस में हुए हैं, उन्होंने एक बार फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है. पहली नजर से राफाल एयरक्राफ्ट सौदे में भ्रष्टाचार साबित है, सामने है. जो कांग्रेस और राहुल गांधी कहते रहे हैं वो आज साबित हो गया है."
कांग्रेस को जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने उस पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "कांग्रेस पार्टी आज झूठ और भ्रम की पर्यायवाची बन चुकी है. फ्रांस में एक एनजीओ ने राफाल को लेकर शिकायत की और उसके लिए वहां एक मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया. लेकिन इस पूरे प्रकरण को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस जिस प्रकार से राजनीति कर रहे हैं, यह दुखद है."
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क्या हो रहा है फ्रांस में?
फ्रांस में एक जज को 2016 में भारत और दासों के बीच हुए समझौते की जांच के लिए नियुक्त किया गया है. फ्रांस के नेशनल फाइनेंशल प्रॉसिक्यूटर (पीएनएफ) के दफ्तर ने बीते शुक्रवार को इस जांच का ऐलान किया है.
इस समझौते पर भ्रष्टाचार के आरोप लंबे समय से लगते रहे हैं. लेकिन पीएनएफ ने पहले जांच की मांग को खारिज कर दिया था. लेकिन खोजी पत्रकारिता करने वाली एक वेबसाइट मीडियापार्ट ने अपनी जांच के बाद आरोप लगाया कि सितंबर 2016 में हुए इस समझौते से जुड़े संदेहों को दबाया जा रहा है.
अप्रैल में मीडियापार्ट ने दावा किया कि इस सौदे के लिए बिचौलियों को करोड़ों यूरो का कमीशन दिया गया था, जिसमें भारत के नेताओं और अधिकारियों को रिश्वत भी शामिल है. दासों ने हालांकि कहा कि उसके ऑडिट में कुछ भी गलत साबित नहीं हुआ है.
देखिएः क्यों चुना गया राफाल
किन वजहों से चुना गया राफाल?
यह भारत के रक्षा इतिहास का यह सबसे बड़ा सौदा था लेकिन आठ साल तक अटका रहा. आखिर क्या खासियत है राफाल में जो इस पर इतनी मशक्कत हुई.
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फ्रांस में राजनाथ सिंह
भारत ने 2012 में फ्रांस से 126 राफाल लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया. लेकिन सौदा तकनीकी मामलों में उलझकर फंस गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल के बाद मामला आगे बढ़ा. अक्टूबर 2019 में राजनाथ सिंह पहली डिलीवरी के लिए फ्रांस पहुंचे.
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ऊंचे इलाकों का मशीनी परिंदा
सैन्य क्षमता के मामले में भारत अपने परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से बहुत आगे है. लेकिन नई दिल्ली का चीन के साथ भी सीमा विवाद है. भारत और चीन के बीच हिमालय का ऊंचा इलाका है. राफाल ऊंचे इलाकों में लड़ने में माहिर है.
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राफाल की क्षमता
किसी चपल बाज की तरह राफाल एक मिनट में 60,000 फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. हालांकि यूरोफाइटर टायफून इस मामले में राफाल से आगे है, लेकिन टायफून राफाल से महंगा भी है.
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रफ्तार और बारीकी
भारतीय वायुसेना ने लंबे टेस्ट के बाद वित्तीय कारणों से राफाल को चुना. उड़ान भरते वक्त राफाल की उच्चतम रफ्तार 2130 किलोमीटर प्रति घंटा है. वायुसेना के मुताबिक हवा से जमीन में मार करने में राफाल टायफून से ज्यादा कारगर दिखा.
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राफाल बनाम टायफून
राफाल जहां हवा से जमीन पर मार करने में अचूक है. वहीं जबरदस्त रडार वाला यूरोफाइटर टायफून हवा से हवा में मार करने के मामले में अब तक सबसे उन्नत विमान है. एविशन क्षेत्र के जानकार दोनों विमान में 19-20 का ही फर्क करते हैं.
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भरोसेमंद राफाल
जर्मनी और ब्रिटेन ने लगातार यूरोफाइटर को बेचने की कोशिशें जारी रखी हैं. घातक दांव पेंचों के मामले में नए टायफून का कोई तोड़ नहीं है. लेकिन राफाल जांचा परखा और विश्वसनीय लड़ाकू विमान है.
तस्वीर: Reuters
फ्रांस पर भरोसा
राफाल सौदे का आधार भारत और फ्रांस की दोस्ती भी है. 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण के बाद भारत पर पश्चिमी देशों ने आर्थिक प्रतिबंध लगाए. लेकिन यूरोपीय संघ और अमेरिका के निकटता के बावजूद फ्रांस ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाए.
तस्वीर: Reuters
मिराज अपग्रेड
भारतीय वायुसेना राफाल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दासो के मिराज 2000 विमान पहले से इस्तेमाल कर रही है. कारगिल युद्ध में मिराज विमानों की काफी तारीफ हुई. बाद में दासो ने मिराज को अपग्रेड करने में भी आनाकानी नहीं की.
तस्वीर: Indian Air Force
परमाणु प्रतिरक्षा में सक्षम
राफाल हथियारों के एक अत्याधुनिक पैकेज के साथ आता है जिसमें मेटोर मिसाइलें भी शामिल हैं. इन्हें दुनिया की सबसे आधुनिक मिसाइलों में गिना जाता है. ये विमान वायु रक्षा, इंटरसेप्शन, ग्राउंड सपोर्ट, अंदर जाकर हमले, पैमाइश, एंटी-शिप स्ट्राइक और परमाणु प्रतिरक्षा में सक्षम है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Yoan Valat
किससे जीता राफाल
अमेरिका भारत को एफ-16 और एफ-18, रूस मिग-35, जर्मनी और ब्रिटेन यूरोफाइटर टायफून और स्वीडन ग्रिपन विमान बेचना चाह रहे थे. लेकिन बाजी राफाल ने मारी.
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10 अरब डॉलर का सौदा
राफाल एक ट्विन-जेट एयरक्राफ्ट होता है जो हर तरह के लड़ाकू अभियान को अंजाम दे सकता है. भारत को ये लड़ाकू विमान देने की प्रक्रिया के पूरा होने में लगभग साढ़े पांच साल लगेंगे. 2012 में दासो ने भारत से 126 लड़ाकू विमानों का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था और ये सौदा लगभग 10 अरब डॉलर का था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
36 पर सहमति
बीते बीस साल में भारत का यह सबसे बड़ा लड़ाकू विमान खरीद सौदा है. इसके पहले भारत ने 1996 में रूस के साथ सुखोई विमानों के लिए बड़ी डील की थी. लेकिन फिर कीमत और विमानों की एसेंबलिंग को लेकर विवाद हो गया और दोनों पक्ष राफाल जेट्स की संख्या घटाकर 36 करने पर सहमत हुए.
तस्वीर: picture-alliance/abaca
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मीडियापार्ट की रिपोर्ट आने के बाद फ्रांस की एक गैरसरकारी संस्था शेरपा ने यह मुद्दा उठाया. वित्तीय भ्रष्टाचार के मामलों पर काम करने वाली शेरपा ने इस सौदे में भ्रष्टाचार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसके चलते पीएनएफ ने जांच के लिए मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया है.
शेरपा ने 2018 में भी जांच की मांग की थी लेकिन तब पीएनएफ ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
क्या है राफाल मामला?
भारत सरकार और दासों के बीच 9.3 अरब डॉलर लगभग सात खरब रुपये का समझौता 2016 में हुआ था. हालांकि इस खरीद समझौते की शुरुआत मनमोहन सिंह सरकार के समय 2012 में हुई थी, जिसके तहत दासों कंपनी भारत को 126 विमान बेचने वाली थी. इसमें भारत की ओर से सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड एक पक्ष थी.
दासों के मुताबिक 2015 में समझौता लगभग तैयार था लेकिन उसी साल अप्रैल में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक फ्रांस पहुंच गए. कांग्रेस को हराकर 2014 में प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी फ्रांस पहुंचकर पुराने समझौते के बजाए नई शर्तों पर सौदा कर लिया.
नए सौदे में एचएल को बाहर कर दिया गया और एक निजी कंपनी रिलायंस ग्रुप को साझीदार बनाया गया जबकि उसके पास विमान बनाने का कोई अनुभव नहीं था. नए समझौते के तहत सिर्फ 36 विमान खरीदने का सौदा हुआ.
क्यों हैं संदेह?
भारत में 2019 के चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रिलांयस कंपनी और उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए थे.
फ्रांसीसी गैरसरकारी संस्था शेरपा का कहना है कि सौदे को प्रभावित किए जाने के संकेत मिलते हैं. मसलन, 2016 में जनवरी में जब समझौते की बातचीत चल रही थी, तब रिलायंस ने जूली गाएट की एक फिल्म में पैसा लगाया. जूली गाएट तब फ्रांस के राष्ट्रपति रहे फ्रांस्वा ओलांद की पार्टनर हैं और उस फिल्म की निर्माता थीं. ओलांद ने हालांकि कहा कि इसमें कुछ भी गलत नहीं था क्योंकि समझौते में उनकी या फ्रांस सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.
जानिए, क्यों मिग और टाइफून से बेहतर है राफाल
क्यों मिग 35 और टाइफून से बेहतर है राफाल?
राफाल एक मिनट में 60,000 फुट की ऊंचाई तक जा सकता है. ऊंचे इलाकों में राफाल की उच्चतम रफ्तार 2130 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा है. यह विमान एक बार में 3700 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय कर सकता है.
तस्वीर: picture-alliance/Keystone/A. della Valle
बोइंग सुपर हॉर्नेट
दो इंजिन वाला, बोइंग सुपर हॉर्नेट लड़ाकू विमान कई भूमिकाएं निभा सकता है. विमानवाहक युद्धपोत से संचालन में सक्षम इस विमान में हवा से हवा में और हवा से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. अपने साथ अतिरिक्त पांच फ्यूल टैंक ले जाने के साथ ही यह हवा में ही ईंधन भरवाने में भी सक्षम है.
तस्वीर: picture-alliance/Zumapress/SMG
लॉकहीड मार्टिन एफ 16 आईएन सुपर वाइपर
अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने एफ 16 सीरीज का अत्याधुनिक विमान बताया जो उन्नत रडार, अत्याधुनिक हथियार और इंफ्रारेड सर्च सिस्टम से लैस है. कंपनी ने इसे भारत की खास जरूरतों के मुताबिक ढालने की बात कही थी और इसे चौथी पीढ़ी का सबसे शानदार विमान बताया जिसकी खूबियां पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के बेहद करीब हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Sarkar
आरएसी मिग का मिग 35
रूसी मिग सिरीज का यह विमान मिग 27 का उन्नत संस्करण है. बेहतरीन एवियोनिक्स और वीपन सिस्टम इसे मौजूदा समय के शानदार लड़ाकू विमानों की कतार में खड़ा करता है. भारतीय वायु सेना लंबे समय से रूसी विमानों का इस्तेमाल करती आई है हालांकि बीते कुछ सालों में वह उनके लगातार हादसों का शिकार होने से परेशान है.
तस्वीर: picture-alliance/Pacific Press/SIPA ASIA
साब का ग्रिपेन सी
ग्रिपेन सी एक इंजिन वाला हल्का लड़ाकू विमान है जो कई भूमिकाएं निभाने में सक्षम है. इसे स्वीडन की साब कंपनी ने बनाया है. 1988 में इसने पहली उड़ान भरी थी लेकिन दुनिया के सामने इसे 1997 में पेश किया गया. स्वीडन के वायु सेना ने 37 वीगेन और साब 35 ड्रेकेन की जगह इस विमान को अपने बेड़े में शामिल किया है.
तस्वीर: picture-alliance/CTK/L. Pavlicek
यूरोफाइटर का टाइफून
यूरोपीय देश ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी और इटली की संयुक्त कोशिशों से बना पांचवी पीढ़ी का अत्याधुनिक सेंसर और एवियोनिक्स से लैस टाइफून काफी उन्नत माना जाता है. भारतीय वायुसेना ने परीक्षणों के बाद जिन दो विमानों को अपने लिए उपयुक्त पाया उनमें यह शामिल था. कीमती होने की वजह से इसे नहीं खरीदा गया.
तस्वीर: Imago/Gepa/W. Grebien
दासो का राफाल
दासो का राफाल फ्रांसीसी वायु सेना की रीढ़ कही जाती है. फ्रांस में विकसित अत्याधुनिक वीपंस सिस्टम ने इसे हमलों की धार दी है. यह हवा में अपना वर्चस्व दिखाने के साथ ही जमीनी ठिकानों को निशाना बनाने में दक्ष है. इसके तीन संस्करण हैं जो सेना और जंग के मैदान की अलग अलग जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किए जा सकते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/Keystone/A. della Valle
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फ्रांसीसी अखबार ला मोंड ने भी एक खबर छापी थी कि 2015 में जब भारत और दासों के बीच समझौते पर बातचीत चल रही थी तब फ्रांसीसी सरकार ने रिलायंस से संबंधित एक फ्रांसीसी कंपनी पर 143.7 मिलियन यूरो यानी लगभग 12 अरब रुपये का टैक्स माफ कर दिया था.
हालांकि भारत में इस मामले पर सीएजी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला भी आ चुका है. 14 दिसंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राफाल सौदे में कोई अनियमितता या भ्रष्टाचार नहीं मिला है. 14 नवंबर 2019 को एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने इस सौदे और उसके पुराने फैसले की समीक्षा याचिकाएं खारिज कर दी थीं.