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जापान और अमेरिका फुटबॉल फाइनल में

१४ जुलाई २०११

महिला फुटबॉल वर्ल्ड कप के फाइनल में अमेरिका की टक्कर जापान से होगी. रोमांचक सेमीफाइनल मैचों में जापान स्वीडन को और अमेरिका फ्रांस को हराकर आगे पहुंचे हैं. विश्वविजेता का फैसला रविवार को.

तस्वीर: dapd

नतीजे इसलिए भी दिलचस्प रहे क्योंकि दोनों ही टीमों ने मैच 3-1 के स्कोर से जीता. जापान की महिलाएं पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची है. क्वार्टर फाइनल में जर्मनी के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन के बाद से टीम से उम्मीदें बढ़ गईं थीं. बुधवार को फ्रैंकफर्ट में स्वीडन के खिलाफ खेलते हुए टीम ने दर्शकों को बिलकुल भी निराश नहीं किया.

मैच के बाद कोच नोरिओ ससाकी ने कहा, "जापान में अभी सुबह का समय है, लेकिन वहां कितने ही लोग मैच देख रहे थे. इसी बात ने हमारा मनोबल बढाया." मार्च में भूकंप और सूनामी का झटका झेल चुके जापान के लिए यह एक बड़ी खुशी है. ससाकी ने इस बारे में कहा, "यह जापान के लिए बहुत अच्छी खबर है. हम अभी भी सदमे से उबर रहे हैं. कितने ही लोग उस घटना से प्रभावित हुए हैं, जीत जैसी छोटी छोटी चीजें भी हौसला बढ़ने में मददगार साबित होती हैं. हम अपने लोगों को हिम्मत देना चाहते थे और हम फाइनल में भी अपनी कोशिश जारी रखेंगे."

जीत पर झूमी जापानी टीमतस्वीर: picture-alliance/dpa

मैच शुरू होने के दस मिनट बाद ही स्वीडन की जोसेफीन ऑकविस्ट ने पहला गोल दागा, लेकिन इसके बाद बॉल स्वीडन के काबू में आती ही नहीं दिखी. जापान की स्ट्राइकर नाहोमी कवसुमी ने हाफ टाइम से पहले और बाद में एक एक गोल किए तो कैप्टन होमारे सावा ने भी एक शानदार गोल दागा. पिछले पांच मैचों में यह सावा का चौथा गोल रहा.

वहीं दूसरे सेमीफाइनल में लौरेन चेने, ऐबी वैमबैख और एलेक्स मॉर्गन ने गोल कर अमेरिका का स्कोर तीन तक पहुंचाया. फ्रांस की ओर से एक ही गोल 55 मिनट बाद सोनिया बोम्पास्टर ने किया.

फ्रांस की कैप्टन सैंडरीन सोबेरैंड ने मैच के बाद कहा, "उन्हें अपने अपने रिकॉर्ड का फायदा मिला, अब तक हुए सभी छह वर्ल्ड कप में यह उनका छठा सेमी फाइनल था. इस बात से फर्क तो पड़ा है. उनका प्रदर्शन हमसे बेहतर था. हमारे पास कई मौके थे, अब हमें एक लेवल आगे बढ़ना होगा." वहीं अमेरिका की स्ट्राइकर वैमबैख ने कहा, "हम अपने तजुर्बे के कारण जीत पाए.

अमेरिका भी फाइनल मेंतस्वीर: dapd

करीब पचास मिनट तक उनका पलड़ा भारी था और मैच उनके पक्ष में चल रहा था. मैं उस वक्त खुद से पूछ रही थी कि हम किस तरह से स्कोर कर सकते हैं." 79वें मिनट में वैमबैख ने एक शानदार हैडर खेला जिसके तीन ही मिनट बाद मॉर्गन ने अगला गोल किया. वैमबैखने लगातार दो मैचों में हैडर की मदद से टीम को जीत की ओर लाई हैं.

फ्रांस की टीम ने गोल करने के कई मौके गंवाए. फ्रांस के कोच ब्रुनो बिनी ने मैच के बाद कहा, "मुझे अपने खिलाड़ियों पर नाज है. हम जीत के काफी करीब थे, लेकिन हमसे गोल नहीं हुए और हमें यह बात स्वीकारनी होगी."

जापान और अमेरिका के बीच रविवार को फाइनल का मैच खेला जाएगा.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ईशा भाटिया

संपादन: ओ सिंह

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