फुकुशिमा त्रासदी के बाद जापान ने परमाणु संयंत्रों का परिचालन बंद कर दिया था लेकिन अब देश के परमाणु नियामक प्राधिकरण ने पुष्टि की है कि कुछ संयंत्रों ने सुरक्षा मानकों की बाधा पार कर ली है और अब दोबारा शुरू हो सकते हैं
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नियामक के इस निर्णय की देश भर में आलोचना हो रही है. परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के करीब रहने वाले लोग, सामाजिक कार्यकर्ता, गैरपरमाणु ऊर्जा की पैरवी करते समुदायों का कहना है कि संयंत्र के संचालकों ने साल 2011 की फुकुशिमा त्रासदी से बिना कोई सबक लिए परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोबारा कदम बढ़ाये हैं. प्राधिकरण ने पुष्टि करते हुए कहा कि उत्तरी जापान तट में काशिवाजकी-कारिवा क्षेत्र में 6 से 7 रिएक्टरों का परिचालन शुरू किया जा सकता है जिनके सुरक्षा मानक, फुकुशिमा संकट के बाद तय किए गए मानकों को संतुष्ट करते हैं. इसके पहले भी जापान में कुछ परमाणु ऊर्जा ऑपरेटरों को रिएक्टर चालू करने की अनुमति दी गई थी जो फुकुशिमा त्रासदी के बाद बंद कर दिए गए थे. हालांकि यह पहला मौका है जब टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेपको) को ऊर्जा उत्पादन के साथ आगे बढ़ने की अनुमति मिली है.
साल 2011 में जापानी तट पर आए भूकंप और सुनामी ने फुकुशिमा त्रासदी को खड़ा कर दिया था, सुरक्षा मानकों की इस अनदेखी के लिए इसी टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (टेपको) की काफी निंदा भी की गई थी. जापानी सरकार का अनुमान था कि इस संयंत्र को सुरक्षित और पुख्ता बनाने साथ ही आसपास के क्षेत्र की सफाई में कम से कम से तीन दशक का समय और 176 अरब डॉलर का खर्च होगा. यह अनुमान साल 2013 में टेपको की ओर से दिए गए अनुमानों के मुकाबले दोगुना है.
खतरनाक हैं ये कुदरती चीजें
कहते तो हैं कि कुदरती चीजें खानी चाहिए. लेकिन कुदरत का सब कुछ भी अच्छा नहीं होता. ये 8 चीजें तो बहुत खतरनाक होती हैं. देखिए...
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खतरनाक कुदरती चीजें: नमक
जरूरत से ज्यादा नमक शरीर में पानी की कमी कर देता है और ब्लड प्रेशर को खतरनाक स्तर तक बढ़ा सकता है.
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मशरूम
कुछ मशरूम इतने जहरीले होते हैं कि जान तक ले सकते हैं. इसलिए कहा जाता है कि जंगली मशरूम नहीं खाने चाहिए.
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अरंडी
अरंडी के बीज में रिसिन नाम का केमिकल होता है जो बेहद जहरीला होता है. वयस्क तो नहीं लेकिन बच्चा इस जहर से मर सकता है.
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पानी
जल तो जीवन है ना? सलीके से पिया जाए, तभी. अगर एक साथ बहुत ज्यादा पानी पी लिया जाए या बहुत तेजी से पानी पिया जाए तो मौत हो सकती है.
सफेद फूलों वाला यह पौधा दिखता तो सुंदर है लेकिन बेहद जहरीला होता है. कहते हैं सुकरात की जान इसी जहर से ली गई थी.
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त्रिकोणफल
ब्राजील नट्स, जिन्हें त्रिकोणफल भी कहते हैं. यूं तो बहुत सी चीजों में ये इस्तेमाल होते हैं लेकिन इनमें सेलेनियम होता है. ज्यादा मात्रा में या लगातार खाने से यह विषैला हो जाता है.
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तंबाकू
तंबाकू एक ऐसी कुदरती चीज है जो बहुत धीरे धीरे इंसान की जान लेता है. इससे कैंसर हो सकता है और इसकी लत छोड़ना मुश्किल होता है.
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कैफीन
यह शायद सबसे लोकप्रिय कुदरती चीज है जो खतरनाक होती है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है और तनाव भी. माइग्रेन भी इसकी वजह से हो सकता है.
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हालांकि कंपनी के लिए काशिवाजकी-कारिवा में संयंत्र शुरू करना आसान नहीं है. मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली टोक्यो की संस्था न्यूक्लिर इनफॉरमेशन सेंटर की प्रवक्ता कैटलिन स्टोनेल के मुताबिक, "जिन रिएक्टर की बात की जा रही है उनकी डिजाइन फुकुशिमा के रिएक्टरों की ही तरह है और अब तक टेपेको यह नहीं बता सकी है कि फुकुशिमा त्रासदी के क्या कारण थे." उन्होंने कहा कि जांच नतीजों की अगले तीन सालों में आने की कोई उम्मीद भी नहीं है.
स्टोनेल कहती हैं, "टेपको इन दिनों वित्तीय दवाब से जूझ रही है और इसलिए कंपनी अपने संयंत्रों को दोबारा खोलने के लिए उत्सुक है लेकिन मुझे नहीं लगता कि यह कोई पर्याप्त कारण है." उन्होंने बताया कि पहले ही एक रिपोर्ट में यह कहा जा चुका है कि परमाणु संयंत्रों वाला काशिवाजकी-कारिवा के क्षेत्र में भूंकप का खतरा है. फुकुशिमा त्रासदी के देश के अन्य परमाणु संयंत्रों को भी बंद कर दिया गया था. हालांकि अब सवाल है कि क्या स्थानीय लोग टेपको के साथ है. सामाजिक कार्यकर्ताओं की ही तरह जापानी मीडिया भी यह सवाल उठा रही है कि क्या टेपको के पुराने इतिहास को देखते हुए इस पर विश्वास किया जा सकता है.
ज्यूलियन रेयाल/एए
कैसे करें इन हादसों का सामना
बाढ़, तूफान, भूंकप और आगजनी जैसी दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं. जानिये ऐसे हालात में खुद का बचाव कैसे करें.
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भूकंप
भूकंप आने पर इमारत से बाहर निकलकर खुले मैदान की तरफ भागें. अगर झटके ज्यादा तेज हो और भागने का मौका न मिले तो आपस में जुड़ती दीवारों के कोनों के बीच या खुले दरवाजों के चौखटों (फ्रेम) के ठीक नीचे खड़े हो जाएं. आस पास तकिया हो तो उससे अपने सिर और कंधों को ढंक लें.
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आग
जिस कमरे में आग लगी हो उसका दरवाजा बंद कर दें. आग से दूर जाते हुए बीच के सारे दरवाजे बंद करते जाएं. ऐसा करने से आग और धुआं धीरे धीरे फैलेगा. आग के बीचोबीच घिरने पर खुद को किसी ऐसी चीज से लपेट लें जो कुछ देर तक आपको लपटों से बचाते हुए बाहर तक पहुंचा सके.
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बाढ़
इलाके में बाढ़ का खतरा मंडराते ही सबसे पहले हमेशा पीने के लिए अच्छी खासी मात्रा में साफ पानी जुटा लें. बाढ़ आने पर पीने के पानी के साथ ऊंची जगह पर जाएं. बाढ़ के सीजन में घर पर अच्छी हालत वाली टायर ट्यूब, प्लास्टिक के कुछ खाली जर्किन या कनिस्टर जरूर रखें. ये चीजें तैरने में मदद करती हैं.
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आसमानी बिजली
बादलों की कड़कड़ाहट के बीच अगर आप खुले मैदान में हैं, तो पेड़ के नीचे बिल्कुल मत जाइये. बिजली के पेड़ पर गिरने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. धातु की हर चीज को शरीर से दूर कर दीजिए. इसके बाद दोनों पैरों के बल बैठ जाइये और घुटनों को सीने से चिपकाते हुए कान बंद कर लीजिए. पैरों की एड़ियों को आपस में चिपका लीजिए.
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तूफान
बिजली की तारों और पोलों से दूर रहें. पेड़ों से भी दूरी बनाए रखें. ऐसी किसी भी चीज के आस पास न जाएं जिसे हवा उड़ा सकती हो. मौका मिले तो किसी मजबूत इमारत में शरण लें.
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और सबसे अहम बात
तकनीक के इस युग में मोबाइल आदि हमेशा चार्ज रखें. कहीं ऐसा न हो कि आप मुश्किल में फंसे हो और मोबाइल की बैटरी भी जबाव दे जाए. मोबाइल इमरजेंसी में सबसे ज्यादा काम आने वाली मशीन है.