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जापान में सूनामी से सैकड़ों की मौत, कई और जगहों पर खतरा

११ मार्च २०११

जापान के इतिहास में सबसे भयंकर भूकंप और इसके बाद आए सूनामी ने देश के एक बड़े हिस्सा का नक्शा बदल कर रख दिया. 10 मीटर विशाल लहरों ने सैकड़ों लोगों का जीवन लील लिया और रास्ते में जो कुछ भी आया, उसे नष्ट कर दिया.

तस्वीर: dapd

हजारों कारें, जहाजें, ट्रेनें, बसें और इमारतें पानी के आगे रेत साबित हुईं और सूनामी की लहरों में बह गईं. स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित रेड क्रॉस का कहना है कि सूनामी की लहरें इतनी ऊंची थीं, जितनी पहले कभी नहीं दिखीं. इसके बाद पूरे एशिया प्रशांत क्षेत्र में सूनामी की चेतावनी जारी कर दी गई. हालांकि बाद में ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड जैसी जगहों से इस चेतावनी को हटा दिया गया.

जापानी मीडिया का कहना है कि सेनदाई शहर में समुद्र किनारे करीब 300 लोगों के शव मिले हैं. एनएचके टेलीविजन का कहना है कि लगता है कि ये सभी पानी में डूब गए और बाद में इनके शव बह कर किनारे तक पहुंच गए. नुकसान और बर्बादी के बारे में अभी पूरा ब्योरा नहीं मिल पाया है और समझा जाता है कि मारे गए लोगों की संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है.

तस्वीर: dapd

फुकूशीमा न्यूक्लियर प्लांट के पास रहने वाले करीब 3000 लोगों को इलाका खाली करने के लिए कहा गया है. हालांकि सरकार ने साफ किया है कि रेडियोधर्मी पदार्थ लीक नहीं हुआ है. लेकिन प्लांट का कूलिंग सिस्टम ठीक से काम नहीं कर रहा है.

रिक्टर पैमाने पर 8.9 की तीव्रता वाले भूकंप के बाद दूसरे परमाणु संयंत्रों को बंद कर दिया गया. भूकंप के बाद मियागी इलाके में एक पेट्रोकेमिकल रिफाइनरी में भारी धमाका भी हुआ. जापान के प्रधानमंत्री ने सूनामी के बाद देश को बचाने की अपील की, जिसके बाद से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की पेशकश की गई है और जापान में इमरजेंसी बजट की मांग की गई है.

टेलीविजन पर ऐसे वीडियो देखे जा सकते हैं, जिनमें सेनदई शहर के पास कीचड़ सना पानी पूरी रफ्तार से कुलांचे भर रहा है और इसकी लहरों में कारें और दूसरी गाड़ियां साथ में बह रही हैं. टोक्यो से करीब 300 किलोमीटर दूर स्थित इस शहर में 10 लाख लोग रहते हैं. क्योडो समाचार एजेंसी का कहना है कि इस भूकंप से शहर में 80 जगह आग लग गई. जापान ने 140 साल पहले से भूकंप का रिकॉर्ड रखना शुरू किया है और उसके बाद से यह सबसे बड़ा भूकंप है.

सूनामी की लहरें इतनी शक्तिशाली साबित हुईं कि इनके साथ एक जहाज बह गया और सूनामी के बाद से एक यात्री रेल का पता नहीं लग पाया है. भूकंप के बाद टोक्यो में रहने वाले ज्यादातर लोगों ने घर खाली कर दिया और वे भाग कर सड़कों पर पहुंच गए. इसकी वजह से ट्रैफिक जाम हो गया. लेकिन बाद में वे धीरे धीरे घरों को लौट रहे हैं. शहर का पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद है.

तस्वीर: AP/Kyodo News

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों में शामिल सोनी ने अपनी छह फैक्ट्रियां बंद कर दी हैं. भूकंप के बाद जापान का शेयर बाजार भी नीचे गिर गया. बैंक ऑफ जापान ने कहा है कि वह अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए अपनी तरफ से हर मुमकिन कदम उठाएगा.

जापान की इस सूनामी ने 2004 की यादें ताजा कर दीं, जिसमें दो लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे. पिछले सौ साल में दुनिया भर में आया यह पांचवां सबसे बड़ा भूकंप था. इसके बाद भी झटके महसूस किए गए. टोक्यो में लोगों में दहशत दिख रही थी. शहर के पास के एक तेल रिफाइनरी में आग लग गई थी.

टीवी की तस्वीरों में कारें, ट्रकें और बोट खिलौनों की तरह पानी में तैर रहे हैं. एक समाचार एजेंसी ने बताया कि भूकंप के झटके लंबे वक्त तक महसूस किए गए. इस दौरान ऑफिस में मौजूद लोगों ने हेलमेट पहन लिए और कुछ लोग डेस्क के नीचे घुस गए. 20 साल से जापान में काम कर रहे एक पत्रकार का कहना है कि उसने इतना ताकतवर भूकंप नहीं महसूस किया था.

रिपोर्टः रॉयटर्स/ए जमाल

संपादनः महेश झा

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