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जापान से निकलेंगे भारतीय कर्मचारी

१६ मार्च २०११

भारत की आईटी कंपनियों ने जापान से अपने 1,500 से ज्यादा कर्मचारियों को निकालना शुरू कर दिया है. इंफोसिस, विप्रो, टीसीएस और एचसीएल ने स्थानीय कर्मचारियों से भी कहा है कि सुरक्षित जगहों पर जाएं, काम धाम बाद में होता रहेगा.

विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजीतस्वीर: UNI

भारत की सभी बड़ी आईटी कंपनियां जापान में काम काज करती हैं. डेढ़ हजार से ज्यादा भारतीय कर्मचारी वहां तैनात हैं. लेकिन भूंकप और सूनामी के बाद फैल रहे परमाणु विकिरण के चलते भारतीय कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वापस बुलाना शुरू कर दिया है.

टीसीएस, एचसीएल, विप्रो और इंफोसिस ने भारतीय कर्मचारियों के सामने वापस लौटने का विकल्प रखा है. साथ ही जापानी कर्मचारियों से भी कहा गया है कि वे सुरक्षित जगहों पर चले जाएं. ऐसी भी योजनाएं है कि संकट टलने तक कर्मचारियों को चीन ले जाया जा सकता है.

फुकुशिमा के रिएक्टरों से फैलता विकिरणतस्वीर: AP

कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से साफ कहा है कि पहले जान है फिर जहान है. टीसीएस के प्रवक्ता ने कहा, "कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है. हम भारतीय कर्मचारियों और उनके परिवारों को भारत लाने के लिए तैयार हैं. साथ ही जापानी कर्मचारियों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने की भी तैयारी है.'' टीसीएस के जापान में 200 कर्मचारी हैं. इनमें से करीब आधे भारतीय हैं.

विप्रो टेक्नोलॉजी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (एचआर) सौरभ गोविल ने कहा, ''हमारे सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं. वह हमारे क्लाइंट्स के साथ काम कर रहे हैं.हालांकि हमने अपने कर्मचारियों को भारत वापस आने का विकल्प दिया है. इसमें हम उनकी मदद भी करेंगे.''

भारतीय सॉफ्टवेयर उद्योग की प्रतिनिधि संस्था नैसकॉम का कहना है कि जापान भारतीय कंपनियों के लिए एक बड़ा बाजार है. भारत दो फीसदी आईटी बीपीओ निर्यात जापान को करता है. कंपनी का कहना है कि संकट की इस घड़ी में भारतीय और जापानी कर्मचारियों की पूरी मदद की जाएगी. इंफोसिस टेक्नोलॉजी और एचसीएल ने भी अपने 700 कर्मचारियों के लिए ऐसी ही योजना बनाई है.

इस बीच भारत सरकार ने कहा है कि जापान से भारतीयों की सुरक्षित वापसी को लेकर अभी कोई योजना नहीं हैं. हालात पर नजर रखी जा रही है. हर हफ्ते एयर इंडिया की चार फ्लाइट्स जापान से सीधे भारत आ रही हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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