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जाम्बिया ने जीता अफ्रीका कप

१३ फ़रवरी २०१२

जिस जगह जाम्बिया ने अपनी पूरी फुटबॉल टीम एक विमान दुर्घटना में गंवा दी थी, उसी जगह एक रोमांचक फाइनल में अफ्रीका कप जीत कर जाम्बिया के युवा फुटबॉल खिलाड़ियों ने राष्ट्र को अपार खुशी दे दी.

तस्वीर: dapd

टाइटल के फेवरिट आइवरी कोस्ट और जाम्बिया का मुकाबला शायद ही इससे ज्यादा रोमांचक हो सकता था. 120 मिनट तक बिना गोल के बराबर रहने के बाद फैसला सामान्य पेनल्टी किक से भी नतीजा नहीं निकला. सडन डेथ वाला गोल स्टोफिरा सुन्जू ने किया और जाम्बिया को 8-7 से चैंपियन बना दिया.

जाम्बिया ने अपना पहला अफ्रीकी टाइटल लिबरविल में जीता और वह भी उस जगह से सिर्फ कुछ ही किलोमीटर दूर जहां गाबोन की राजधानी में 19 वर्ष पहले जाम्बिया की लगभग पूरी राष्ट्रीय टीम विमान दुर्घटना में मारी गई. उस दुर्घटना के सदमे के बाद लिबरविल में जाम्बिया का यह पहला मैच था.

भावनात्मक क्षण

भावनाओँ के उतार चढ़ाव और हाई वोल्टेज ड्रामे वाले खेल के बाद सबसे महत्वपूर्ण क्षण था जब 19 साल पुरानी टीम के सदस्य रहे कलूशा ब्वाल्या ने मैदान पर ही एक हाथ से नेशंस ट्रॉफी कप उठाया. ब्वाल्या दुर्घटना के समय टीम के सदस्य थे, लेकिन वे दुर्घटनाग्रस्त विमान पर सवार नहीं थे. अब वे जाम्बिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष हैं.

तस्वीर: picture alliance/dpa

जाम्बिया के कोच हैर्व रेनार्ड ने मैच के बाद कहा, "नियति का संकेत था, हमारे अंदर एक ताकत थी. संभवतः यह होना था. मैं इसे बयान नहीं कर सकता, ईमानदारी से बयान नहीं कर सकता. कुछ सितारों में लिखा था. यह मेरी वजह से नहीं था."

रोमांचक मुकाबला गंवाने वाली टीम आइवरी कोस्ट के कैप्टन डिडियर ड्रोग्बा ने 70वें मिनट में एक पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलने का मौका गंवा दिया. इसके साथ खेल अतिरिक्त समय और फिर फेनल्टी किक में चला गया जिसने जाम्बिया को उत्साह दिलाया कि कप उन्हें ही जीतना है.

दृढ़ता की परीक्षा

पेनल्टी में दोनों टीमों के 7 गोल कर लेने के बाद फैसले का वक्त आ गया था. सुंजू की बारी आई तो उन्होंने कोई गलती नहीं की और बॉल गोलपोस्ट में डाल दी. रेनार्ड ने बाद में कहा, "सुंजू दृढ़ थे और उन्होंने हमें अफ्रीका कप दिलवा दिया." अंतिम कुछ पलों में घुटने के बल बैठकर और एक दूसरे का हाथ पकड़े दिखाई पड़ रहे जाम्बिया के खिलाड़ी जीत का गोल होते ही उछल पड़े और उन्होंने सुंजू को आगोश में भर लिया.

तस्वीर: dapd

जाम्बिया के गोलकीपर एमवीने ने कहा, "दुर्घटना पूरे टूर्नामेंट के दौरान हमें ड्राइव कर रही थी. हम कैंप में जाने के बाद से ही उसी के बारे में सोच रहे थे. यह उन कुछ मैचों में था जिसमें हम बड़े नामों के खिलाफ खेल रहे थे, लेकिन हमें कुछ करना था." टीम के वर्तमान खिलाड़ियों ने दुर्घटना में मारे गए 25 खिलाड़ियों और अधिकारियों के सम्मान में ट्रॉफी जीतना चाहते थे.

बाद में गाबोन के दर्शक भी जाम्बिया की खुशी में शामिल हो गए और पूरी तरह भरे हुए स्टेडियम में चिपोलोपोलो, चिपोलोपोलो के नारे लगाने लगे. चिपोलोपोलो जाम्बिया की टीम का उपनाम है. आइवरी कोस्ट के लिए बीस साल बाद फिर से कप जीतने का मौका था लेकिन हार के बाद कोच फ्रांसोआ जहूई ने कहा, "जाम्बिया को सचमुच अपनी जीत का भरोसा था. हमारे लिए बहुत बड़ी निराशा है, क्योंकि हमने उनसे इतने मुश्किल खेल की उम्मीद नहीं की थी."

रिपोर्ट: एपी/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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