जैसा भारत में हो रहा है, वैसा नहीं होने देंगे: इमरान
२५ दिसम्बर २०१८
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने फिर से भारत और अपने देश में अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव की तुलना की है और कहा कि 'नए पाकिस्तान' में 'वैसा नहीं जैसा कि भारत में हो रहा है.'
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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री खान ने कुछ दिन पहले भी कहा था कि वह 'नरेंद्र मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव किया जाए.'
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की जयंती के मौके पर खान ने ताजा टिप्पणी की. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "नया पाकिस्तान कायद (जिन्ना) का पाकिस्तान है और सुनिश्चित करेगा कि हमारे अल्पसंख्यकों के साथ समान नागरिकों के रूप में बर्ताव हो, ना कि वैसा जैसा कि भारत में हो रहा है."
उन्होंने कहा कि जिन्ना ने पाकिस्तान की कल्पना एक लोकतांत्रिक और दयालु राष्ट्र के रूप में की थी. एक अन्य ट्वीट में भारत पर निशना साधते हुए खान ने कहा, "मुस्लिमों के लिए एक अलग राष्ट्र के लिए उनका (जिन्ना) संघर्ष उस वक्त शुरू हुआ, जब उन्हें महसूस हुआ कि मुस्लिमों के साथ हिंदू बहुसंख्यक समान नागरिकों के रूप में बर्ताव नहीं करेंगे."
पाकिस्तान के अल्पसंख्यक
इनका भी है पाकिस्तान
पाकिस्तान की अनुमानित 20 करोड़ की आबादी में लगभग 95 फीसदी मुसलमान हैं. इनमें भी बहुसंख्यक सुन्नी हैं जिनकी संख्या 75 से 85 फीसदी बताई जाती है. एक नजर पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों पर.
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शिया
शिया मुसलमान पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है जिसकी आबादी से 10 से 15 फीसदी बताई जाती है. हाल के सालों में पाकिस्तान में कई बार शिया धार्मिक स्थलों को आतंकवादी हमलों में निशाना बनाया गया है.
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अहमदी
पाकिस्तान की जनसंख्या में अहमदी मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग 2.2 प्रतिशत है. हालांकि पाकिस्तान में इन्हें मुसलमान नहीं माना जाता. 1970 में दशक में एक कानून पारित कर इन्हें गैर मुसलमान घोषित कर दिया गया था और इनके साथ कई तरह के भेदभाव होते हैं.
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हिंदू
पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग दो प्रतिशत है जिनमें से ज्यादातर सिंध प्रांत में रहते हैं. पाकिस्तान में हिंदू बेहद पिछड़े हैं और अभी तक बुनियादी अधिकारों के लिए जूझ रहे हैं.
तस्वीर: DW/U. Fatima
ईसाई
हिंदुओं के बाद पाकिस्तान में संख्या के हिसाब से ईसाई समुदाय की बारी आती है. उनकी आबादी लगभग 1.6 प्रतिशत है जबकि संख्या देखें तो यह 28 लाख के आसपास है. हाल के सालों में कई चर्चों पर हमले हुए हैं.
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बहाई
बहाई धर्म को मानने वालों की संख्या पाकिस्तान में 40 से 80 हजार हो सकती है.
सिख
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक का जन्म मौजूदा पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था. यह स्थान सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक है. पाकिस्तान में अब सिर्फ लगभग 20 हजार ही सिख बचे हैं.
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पारसी
पारसियों की आबादी दुनिया भर में घट रही है. पाकिस्तान में भी ऐसा ही ट्रेंड दिखाई पड़ता है. वहां इनकी संख्या चंद हजार तक सिमट गई है.
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कलाश
खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के चित्राल में रहने वाला कलाश समुदाय अपनी अलग संस्कृति के लिए जाना जाता है. उनकी अलग भाषा और अलग धर्म है. लगभग तीन हजार की आबादी के साथ इसे पाकिस्तान का सबसे छोटा धार्मिक समुदाय माना जाता है.
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इस मुद्दे पर विवाद तब शुरू हुआ, जब अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने गो रक्षा के नाम पर भारत में भीड़ की बढ़ती हिंसक घटनाओं पर चिंता जताई और देश में बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता को लेकर डर जताया.
इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत सरकार पर हमला बोला और कहा कि 'वह उन्हें दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा बर्ताव किया जाए.' हालांकि नसीरुद्दीन शाह ने इमरान खान से कहा कि वे अपने देश की चिंता करें.
पाकिस्तान में ऐसे मनी दिवाली
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पाकिस्तान में हिंदू, सिख और ईसाई ही नहीं बल्कि शिया और अहमदिया भी अपने साथ हर स्तर पर भेदभाव होने के आरोप लगाते हैं. पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून में ज्यादातर अल्पसंख्यकों को फंसा दिया जाता है. ईशनिंदा के आरोपों में मौत की सजा पाने वाली एक ईसाई महिला आसिया बीबी को हाल में सुप्रीम कोर्ट ने बरी दिया, बावजूद इसके उसे रिहा नहीं किया गया.