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जीतना नहीं, शान से जीतना चाहते हैं फेटल

८ अक्टूबर २०११

सेबास्टियान फेटल का लिखा इतिहास पन्नों पर उकेरा जा चुका है. बस उस पर फेटल के दस्तखत होने बाकी हैं. और फेटल चाहते हैं कि वह इस काम को खूबसूरती से अंजाम दें. रविवार को जापान में इतिहास पर उनके दस्तखत का अंदाज देखना होगा.

तस्वीर: dapd

जापान ग्रां प्री में भी फेटल पोल पोजीशन से ही रेस शुरू करेंगे. शनिवार को हुई क्वॉलिफाइंग रेस में वह सबसे आगे रहे. जर्मनी के फॉर्मूला वन ड्राइवर सेबास्टियान फेटल का लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियन बनना तय है. खिताब पाने के लिए उन्हें बस एक अंक की जरूरत है. रविवार को जापान ग्रां प्री होनी है. अगर इसमें वह 10वें नंबर पर भी आ जाते हैं तो उनका विश्च चैंपियन बनना तय हो जाएगा. और इसके साथ ही वह लगातार दो बार विश्व चैंपियन बनने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के ड्राइवर बन जाएंगे.

इस साल 14 में से अब तक नौ रेस जीत चुके फेटल के लिए यह एक अंक जुटाना मुश्किल नहीं लगता. लेकिन वह चाहते हैं कि सुजूका में जब वह इस एक अंक को जुटाएं तो पोडीयम पर खड़े हों. रेड बुल के इस 24 साल के रेसर ने कहा, "हम इसे सही तरीके से करना चाहते हैं."

तस्वीर: dapd

पिछले दो साल के जैपनीज ग्रां प्री के विजेता फेटल कहते हैं, "अगर आपके अंदर काबिलियत है, यहां बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए जरूरी हर चीज है, तो फिर आपको इसका भरपूर आनंद उठाना चाहिए. अगर आपके अंदर पहले तीन स्थानों पर आने की काबिलियत है तब आपको पोडीयम पर होना ही चाहिए."

फेटल कहते हैं कि वह अपनी जीत का जश्न 10वें नंबर पर आकर फीका नहीं करना चाहते. उन्होंने कहा, "बेशक, 10वें नंबर पर खत्म करने पर भी जश्न मनाने की वजह तो होगी, लेकिन तब उसमें वह बात नहीं होगी. इसलिए हम हमेशा की तरह कोशिश करेंगे और अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे."

लगातार दो बार चैंपियन बनने वाले फेटल इतिहास के सिर्फ नौवें ड्राइवर होंगे. और ऐसा करने से उन्हें सिर्फ एक शख्स रोक सकता है. मैकलॉरेन के जेन्सन बटन. लेकिन ऐसा करने के लिए उन्हें जैपनीज ग्रां प्री जीतनी होगी. उसके बाद भी उन्हें दुआ करनी होगी कि फेटल पहले 10 स्थानों में न आ सकें. पिछले साल अक्तूबर के बाद से 17 रेस के दौरान ऐसा कभी नहीं हुआ.

इस असंभव सी कल्पना का भी बटन पूरा आनंद उठा रहे हैं. उन्हें इसी बात की खुशी है कि वह फेटल और जीत के बीच में खड़े हैं. फेटल भी इसके लिए उन्हें पूरा मौका देना चाहते हैं. वह कहते हैं, "एक मौका तो है ही कि जेन्सन जीत जाएं और मैं न जीतूं."

तस्वीर: dapd

लेकिन इसका मतलब यह भी है कि जर्मन ड्राइवर कुछ भी पक्का मानकर नहीं चल रहे हैं. उनके पांव अब भी जमीन पर हैं. वह कहते हैं, "जैसे ही आप उड़ने का फैसला करते हैं, यह तय हो जाता है कि एक दिन आप नीचे भी आएंगे. आपको समझना होगा कि कुछ भी हमेशा के लिए उड़ता नहीं रह सकता."

इसके जवाब में बटन ने मुस्कुराते हुए कहा, "मेरे ख्याल से इस रेस में उतरना ही बड़ी बात है. क्योंकि सेबास्टियान यह सोच रहे हैं कि मेरे जीतना का कम से कम एक मौका तो है. मेरे ख्याल से ऐसा सोचने वाले वह एकमात्र इन्सान हैं. फिर अभी सब खत्म नहीं हुआ है."

रिपोर्टः रॉयटर्स/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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