जीवन की तलाश में प्लाटो
४ मार्च २०१४![](https://static.dw.com/image/17374074_800.webp)
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ईएसए साल 2024 तक हमारे सौर मंडल के बाहर अंतरिक्ष आधारित ऑब्सरवेटरी की स्थापना करने की योजना बना रही है. इसका मकसद सौर मंडल के बाहर ग्रहों की तलाश करना है, जो इंसान के रहने के लिए अनुकूल हो. मिशन का नाम प्लाटो रखा गया है, जिसका मतलब प्लानेटरी ट्रांजिट्स एंड ऑसिलेशन ऑफ स्टार है.
जर्मनी के गोएटिंगन में माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट फॉर सोलर सिस्टम रिसर्च (एमपीएस) के सह निदेशक लॉरां गिजोन के मुताबिक, "प्लाटो धरती जैसे ग्रहों की खोज करेगा, जिसमें जीवन के लिए जरूरी चीजों की आवश्यकता है." एमपीएस के डाटा सेंटर में प्लाटो द्वारा भेजे गए डाटा का मूल्यांकन किया जाएगा. प्लाटो में 34 छोटे टेलिस्कोप और कैमरे लगे होंगे और वह धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर काम करेगा. वह आसपास के लाखों तारों की निगरानी करेगा. धरती के सौर मंडल के बाहर खोज के लिए प्लाटो तारों की चमक में छोटी और नियमित गिरावट को दर्ज करेगा, जब प्लाटो के सामने से ये ग्रह गुजरेंगे.
इसके अलावा तारों में भूकंपीय गतिविधियों की जांच की जाएगी. इससे तारों का द्रव्यमान, अर्धव्यास और आयु निर्धारित की जा सकेगी. ईएसए के विज्ञान और रोबोटिक एक्सप्लोरेशन के निदेशक के मुताबिक, "प्लाटो की खोज से हमें हमारे सौर मंडल की संरचना की तुलना दूसरी सौर प्रणाली से करने में मदद मिलेगी." मिशन को जर्मन एरोस्पेस केंद्र (डीएलआर) से चलाया जाएगा. डीएलआर की हाइके राउर कहती हैं, "हम उन ग्रहों की खोज करेंगे जो रहने योग्य हों और जो सूर्य जैसे तारों की परिक्रमा करते हैं. जहां हालात जीवन के लिए योग्य हों." उनके मुताबिक उन ग्रहों की सतह पर पानी की मौजूदगी जीवन के विकास के लिए संभव हो सकती है.
एए/एएम (डीपीए)