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जुनरे बने दुनिया के सबसे छोटे आदमी

१३ जून २०११

फिलीपींस में एक कोयला खदान में काम करने वाले मजदूर का बेटा 18 साल का हुआ तो दुनियाभर की खुशियां घर में आ गईं. जिस बात को लेकर मां बाप 18 साल दुखी रहे, उसी बात ने उन्हें दुनिया में चर्चित करा दिया.

Junrey Balawing jokes with a ruler prior to being measured by the Guinness World Records at Sindangan Municipal Hall, Sindangan township, Zamboanga Del Norte province in Southern Philippines, Sunday June 12, 2011, his 18th birthday and coincidentally the Philippines' Independence Day. Balawing was officially declared "the world's shortest living man" with a measurement of 23.5 inches (59.93 centimeters) dislodging Nepal's Khagendra Thapa Magar with a measurement of 26.4 inches. (AP Photo/Bullit Marquez)
खुशी से झूमते जुनरेतस्वीर: AP

जुनरे बालाविंग को उनके 18वें जन्मदिन पर दुनिया का सबसे नाटा आदमी घोषित किया गया. वह 59.93 सेंटीमीटर या 23.5 इंच लंबे हैं. जब वह घुटनों के बल चलते थे, तब उन्होंने बढ़ना बंद कर दिया. हालांकि उनके छोटे तीन भाई बहन हैं जो बिल्कुल सामान्य हैं.

विशेष है जुनरे

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एडिटर इन चीफ क्रेग ग्लेंडे ने बालाविंग को दुनिया का सबसे छोटा आदमी घोषित किया. उससे पहले यह उपाधि नेपाल के खगेंद्र थापा मगर के पास थी. 2010 में थापा की लंबाई 26 इंच आंकी गई थी.

अपने नाटे बेटे की लंबाई से पहली बार जुनरे के पिता रेनाल्डो को खुशी मिली है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे को हमेशा विशेष मानते थे. उन्होंने रिपोर्टरों और फोटोग्राफरों की भीड़ से कहा, "मेरे बेटे को समर्थन देने के लिए आप सबका शुक्रिया." इसके बाद जुनरे ने खासतौर पर बनाए गए केक पर लगी मोमबत्ती को बुझाया और फिर अपनी पतली सी आवाज में स्थानीय जबान में कहा, "कापोय. (मैं थक गया हूं.)"

बचपन से भाग्यशाली

दुनिया के सबसे छोटे आदमी की उपाधि के साथ साथ राजनेताओं की तरफ से जुनरे के परिवार को कुछ पैसा भी मिला जो परिवार की थोड़ी सी बचत को बढ़ाने के काम आएगा.

रेनाल्डो बताते हैं कि जुनरो जब दो साल के थे, तब उन्होंने बढ़ना बंद कर दिया. स्थानीय डॉक्टरों ने उसकी जांच की लेकिन न वजह खोज पाए न इलाज.

जुनरे की मां कॉन्सेपसिओन कहती हैं कि काफी समय तक तो उनका बेटा खड़ा ही नहीं हो पाता था. लेकिन परिवार और दोस्त जुनरे का काफी ख्याल रखते थे. अंधविश्वासी समाज में जुनरे की खास हालत को भाग्यशाली माना जाता है.

अब जुनरे के गांव लौटने का इंतजार किया जा रहा है, जहां जन्मदिन और वर्ल्ड रिकॉर्ड का बड़ा जलसा होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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