लोहरदगा जिले के ग्रामीण इलाकों में जहां कभी नक्सलियों के बूटों की आवाज सुनाई देती थी वहां अब महिलाओं की कारीगरी दिखाई दे रही है.
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झारखंड में नक्सल प्रभावित क्षेत्र लोहरदगा की महिलाएं जूट के धागों को कमाई का जरिया बनाकर अपनी गरीबी सिल रही हैं. ये महिलाएं जूट के धागे से सजावट का सामान बनाकर अपनी जिंदगी का तानाबाना बुन रही हैं और लोगों को इनके उत्पाद पसंद भी आ रहे हैं. शहरी लोगों को जूट से बने इको फ्रेंडली सामान खूब भा रहे हैं, जो इनके रोजगार का जरिया बन गया है. जूट के बुने आकर्षक हैंडबैग शहरों की महिलाओं और छात्राओं की पसंद बनते जा रहे हैं.
जूट के बने हैंडबैग दिखाते हुए इस्लामनगर की 34 वर्षीया तासीमा खातून ने कहा, "इस बैग को बनाने में दो दिन लग जाते हैं. मेला में इसे साइज के हिसाब से 150-300 रुपये में बेचते हैं. अब अपने ही हाथों पर कई बार यकीन नहीं होता कि इसे हमने ही बनाया है." लोहरदगा के इस्लामनगर की 130 महिलाएं 2018 से मिलजुलकर यह काम कर रहीं हैं.
इस्लामनगर गांव में एक बड़े कमरे में बैठ कर हर दिन महिलाएं यहां जूट से कई तरह का सामान बनाती हैं. इस सामान को वह आसपास के बाजार या सरस मेले में बेचती हैं. जो उनकी आमदनी का एक जरिया है. जूट ये बाजार से खरीदती हैं और उन धागों से सजावट के अलावा दूसरे उपयोगी सामान बनाती हैं. जूट उत्पाद के निर्माण के काम में जुटी महिलाओं को कच्चे माल और बाजार में बिक्री की भी चिंता करने की जरूरत नहीं होती. नाबार्ड की ओर से इन्हें वित्तीय सहायता और खरीदार उपलब्ध कराया जाता है. महिलाओं का काम बस जूट से बैग, थैला, लावर पट, मैट व दूसरे सजावटी सामान तैयार करना होता है. समय-समय पर लगने वाले मेलों में भी इन उत्पादों की खूब मांग रहती है. छोटानागपुर क्राफ्ट डेवलपमेंट सोसाइटी भी इन महिलाओं की मदद करती है.
इन हुनरमंद महिलाओं में अधिकांश अल्पसंख्यक समुदाय से आती हैं. इन्होंने अपनी एक कंपनी भी बना ली है, जिसका नाम 'लावापानी क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड' दिया है. यह एक निबंधित कंपनी है. इस काम से जुड़ी रूखसाना खातून और अख्तरी खातून का कहना है कि उन्हें काम करने में कोई परेशानी नहीं हुई बल्कि काफी आनंद आ रहा है. घर के आसपास रह कर ही कमाई हो जाती है. अख्तरी ने बताया, "शुरुआत में सामान बनाने में बहुत समय लगता था, इतनी सफाई से बनती भी नहीं थी लेकिन अब बनाते-बनाते हाथ साफ हो गया है." इस प्रोजेक्ट की पहल करने वाले अमर कुमार देवघरिया कहते हैं कि नाबार्ड तो बस सहयोग कर रहा है, असली काम तो महिलाएं कर रही हैं. उन्होंने कहा कि लोहरदगा में पिछले दिनों 'रूरल मार्ट' भी शुरू किया गया है, जहां महिलाएं अपने हस्तशिल्प के उत्पाद बेच रही हैं.
भारतीय इतिहास में पहली बार शीर्ष स्थानों पर काबिज होने वाली महिलाएं
भारत में महिलाएं प्रधानमंत्री पद से लेकर राष्ट्रपति पद तक संभाल चुकी हैं. एक नजर भारत की उन महिलाओं पर जिन्होंने अपना नाम इतिहास में दर्ज करवाया.
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भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति
प्रतिभा पाटिल भारत की पहली महिला राष्ट्रपति बनीं. वे 2007 से 2012 तक पांच वर्ष अपने पद पर रहीं. इससे पहले वे 1985 से 1990 तक राज्यसभा सांसद और1991 से 1996 तक लोकसभा सदस्य थीं. मूल रूप से महाराष्ट्र की रहने वाली प्रतिभा पाटिल 1962 से ही कांग्रेस से जुड़ी हुई थी. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास से संबंधित कई काम किए.
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भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बेटी इंदिरा गांधी देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं. लाल बहादुर शास्त्री जी के निधन के बाद 11 जनवरी 1966 को वह देश के सबसे शक्तिशाली पद पर आसीन हुईं थी. 1975 में देश में आपातकाल लगाने का फैसला हो या भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनकी कूटनीति रही हो, लोग इनके साहसिक फैसलों की वजह से 'आयरन लेडी' भी कहते हैं.
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भारत की प्रथम महिला आईपीएस
किरण बेदी 1972 में भारत की पहली महिला आईपीएस बनीं. मूल रुप से पंजाब की रहने वाली किरण बेदी ने संयुक्त राष्ट्र शांति प्रबंधन विभाग में पुलिस सलाहकार के रूप में भी काम किया है. तिहाड़ जेल के प्रमुख के रूप में उन्हें कैदियों के पुनर्वास के कदमों के लिए जाना जाता है. वर्तमान में किरण बेदी पॉन्डिचेरी की उप राज्यपाल हैं.
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भारत की प्रथम महिला डीजीपी
कंचन चौधरी भट्टाचार्य देश की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) बनीं थी. 1973 बैच की भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की यूपी कैडर की अधिकारी थीं. बाद में वे उत्तराखंड चली गईं. 2004 में कंचन चौधरी भट्टाचार्य को उत्तराखंड में जब पुलिस महानिदेशक बनाया गया था. वे देश की दूसरी महिला आईपीएस भी थीं.
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भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष
राजनयिक से नेता बनने वाली कांग्रेस के दलित चेहरे मीरा कुमार लोकसभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं. वर्ष 1980 के दशक के मध्य में राजनीति में शामिल होने वाली मीरा कुमार 2009 में लोकसभा अध्यक्ष पद पर चुनी गईं और 2014 तक आसीन रहीं. मीरा कुमार कांग्रेस के दिवंगत नेता जगजीवन राम की पुत्री हैं.
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भारत की प्रथम महिला मिस यूनीवर्स
सुष्मिता सेन पहली ऐसी भारतीय महिला हैं, जिन्हें मिस यूनिवर्स का खिताब मिला था. सुष्मिता सेन ने 21 मई 1994 को इस खिताब को अपने नाम किया था. सुष्मिता सेन ने बॉलीवुड में काम किया है और कई हिट फिल्में उनके नाम है.
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माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला
बछेन्द्री पाल हिमालय की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला हैं. 23 मई 1984 का दिन भारतीय इतिहास में दर्ज हो गया क्योंकि इसी दिन बछेंद्री पाल ने माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह किया था. यह उपलब्धि उन्होंने 29 साल की उम्र में अपने नाम की थी.
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अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली प्रथम अभिनेत्री
सुनील दत्त की पत्नी और संजय दत्त की मां नरगिस दत्त हिंदी सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों में से एक थीं. वे अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री थीं. वे पहली अभिनेत्री थीं, जिन्हें राज्यसभा के लिए नामांकित किया गया और पद्मश्री पुरस्कार दिया गया. वे एक ऐसी अदाकारा रहीं जिन्होंने फिल्म इंडस्ट्री को नई ऊंचाईं पर पहुंचाया.
भारतरत्न प्राप्त करने वाली प्रथम महिला गायिका
लता मंगेशकर पहली भारतीय गायिका हैं, जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया. 13 साल की उम्र में अपने करियर की शुरुआत करने वाली लता मंगेशकर 75 सालों से अपनी आवाज की बदौलत लोगों की दिलों पर राज कर रही हैं. 36 भारतीय भाषाओं में गीत गाने वाली लता मंगेशकर को 2001 में भारत रत्न से नवाजा गया. उनकी आवाज इतनी अच्छी है कि इन्हें 'स्वर कोकिला' भी कहा जाता है.