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जूनियर गिलानी गिरफ्तार, जमानत मिली

१४ सितम्बर २०१२

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ राज गिलानी के बेटे को एफेड्रीन ड्रग के आयात के मामले में गिरफ्तार कर जमानत पर छोड़ दिया गया है. इस ड्रग का इस्तेमाल एक्सटेसी या मेथाम्फेटेमीन ड्रग बनाने के लिए होता है.

तस्वीर: AP

सेना के नियंत्रण वाली एंटी नारकोटिक्स फोर्स एएनएफ ने अली मूसा गिलानी को तब धरा, जब वह अपनी जमानत वाले एक मामले की सुनवाई के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट की गेट पर पहुंचे. गिरफ्तारी के बाद उन्हें एएनएफ के लाहौर दफ्तर ले जाया गया और एक कमरे में हिरासत में रखा गया. पुलिस को उनकी कई हफ्तों से तलाश थी.

टीवी चैनलों के मूसा गिलानी की गिरफ्तारी की खबर प्रसारित किए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यों वाली बेंच ने उन्हें अदालत में पेश करने का आदेश दिया. एएनएफ अधिकारी उन्हें अदालत लाए और बाद में उन्हें 5 लाख रुपये के मुचलके पर 25 सितंबर तक जमानत दे दी गई.

जनरल अशफाक कयानीतस्वीर: dapd

अली मूसा गिलानी ने एंटी नारकोटिक्स अधिकारियों पर बुरी नीयत का आरोप लगाया है. अदालत के बाहर उन्होंने कहा, "मुझ पर राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप है. मेरा पास तब क्या ओहदा था? मैं न तो सांसद था, न ही मंत्री था." ड्रग अधिकारियों ने मूसा पर आरोप लगाया कि उन्होंने दो फार्मेसी कंपनियों को अतिरिक्त मात्रा में एफेड्रीन खरीदने में मदद दी. इस मामले में कपड़ा मंत्री मखदूम शहाबुद्दीन पर भी आरोप हैं.

इस साल सुप्रीम कोर्ट ने यूसुफ रजा गिलानी को अदालत की अवमानना का दोषी पाया है. इसके बाद मूसा गिलानी पिता की सीट पर संसद के निचले सदन नेशनल एसेंबली के लिए चुने गए हैं. इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनके पिता को राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा खुलवाने से इनकार करने के कारण संसद की सदस्यता के अयोग्य घोषित कर दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. गिलानी ने कहा है कि उनके बेटे को आधारहीन केस में फंसाया जा रहा है.

मुख्य न्यायाधीश चौधरीतस्वीर: AP

यह मामला सुप्रीम कोर्ट, पीपल्स पार्टी की सरकार और सेना के बीच रस्साकशी के बीच सामने आया है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी ने देश के ताकतवर लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लक्ष्य बना लिया है. आलोचकों का कहना है कि वे अदालत के अधिकारक्षेत्र से बाहर हस्तक्षेप कर रहे हैं, जिसकी वजह से राजनीतिक संकट पैदा होने का खतरा रहा है.

भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने संघर्ष के कारण मुख्य न्याधीश भी सवालों के घेरे में आए हैं. एक बिल्डर ने आरोप लगाया कि उसने मुख्य न्यायाधीश के बेटे अरसलान चौधरी को 30 लाख डॉलर से ज्यादा दिए हैं. अरसलान ने आरोपों से इनकार किया है.

एमजे/एजेए (डीपीए, रॉयटर्स, पीटीआई)

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