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जेपीसी के लिए राजी हो सकती है सरकार

९ फ़रवरी २०११

भारत सरकार ने ऐसे संकेत दिए हैं कि 2जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराई जा सकती है. मंगलवार को सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत के बाद इस तरह के संकेत मिले.

तस्वीर: UNI

2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच के लिए जेपीसी बनाने की मांग को लेकर विपक्ष ने पिछले पूरे सत्र में संसद को चलने नहीं दिया. इस बार बजट सत्र में ऐसा न हो, इसे रोकने के लिए मंगलवार को सरकार और विपक्षी नेताओं के बीच बैठक हुई. एक घंटा चली सर्वदलीय बैठक के बाद विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि जेपीसी के मुद्दे पर सहमति बनी है और दोनों पक्ष चाहते हैं कि संसद सलीके से चले.

सुषमा स्वराजतस्वीर: UNI

लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा, "सरकार के सहयोगी दल भी कह रहे हैं कि जेपीसी से उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. हमने सरकार से कह दिया है कि जेपीसी बनाने का फैसला करे तो संसद सही तरीके से काम करेगी." हालांकि उन्होंने कहा कि अभी सरकार की तरफ से औपचारिक प्रस्ताव आना बाकी है.

सरकारी सूत्रों का कहना है कि अभी जेपीसी बनाने के बारे में कोई निश्चित फैसला नहीं हुआ है लेकिन अगर कोई प्रस्ताव लाया जाता है तो उस पर बहस तो होगी ही. लेकिन सुषमा स्वराज ने कहा कि सरकार संसद की कार्यवाही को चलाना चाहती है. उन्होंने कहा, "अगर सरकार संसद की कार्यवाही को लेकर चिंतित है और विपक्ष जेपीसी चाहता है तो फिर हमारा यह मानना लाजमी है कि सरकार जेपीसी को लेकर राजी हो जाएगी."

सर्वदलीय बैठक बुलाने वाले वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने इतना ही कहा कि बैठक में बहुत अच्छी चर्चा हुई. हालांकि सूत्रों का कहना है कि मुखर्जी ने विपक्ष को यकीन दिलाया है कि वह प्रधानमंत्री से सलाह करने के बाद उनसे बात करेंगे. एक विपक्षी नेता के मुताबिक मुखर्जी ने बैठक में कहा कि संसद के सुचारू कामकाज के लिए कोई कीमत ज्यादा नहीं है.

अब संसद सत्र शुरू होने से एक दिन पहले 21 फरवरी को एक और सर्वदलीय बैठक होनी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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