चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवदी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट किए जाने के प्रस्ताव पर एक बार फिर रोक लगा दी. चीन के इस कदम पर भारत ने निराशा जताई है.
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भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम हर कोशिश करेंगे ताकि हमारे नागरिकों पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सजा मिल सके और जनता को न्याय." वहीं भारत ने उन सारे देशों को शुक्रिया किया जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उसके प्रयासों का समर्थन किया.
चीन ने मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट किए जाने के प्रस्ताव पर रोक लगाते हुए कहा कि उसे इस मुद्दे को समझने के लिए वक्त चाहिए. हालांकि इसके पहले अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि उसका रुख क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा हो सकता है.
चीन इसके पहले भी मसूद पर प्रतिबंध लगाने वाले तीन प्रस्तावों को रोक चुका है. सुरक्षा परिषद में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश प्रमुख पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया गया था. अगर यह प्रस्ताव पारित हो जाता तो मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया जाता और उसकी सारी संपत्ति जब्त कर उस पर ट्रैवल बैन भी लग जाता. मसूद अजहर का संगठन जैश-ए-मुहम्मद साल 2001 से ही संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में शामिल है.
कैसे बार बार बचता गया कश्मीर में हिंसा फैलाने वाला
मसूद अजहर - भारत की नजर में एक ऐसा आतंकवादी है जो कभी भारतीय जेल में बंद था. लेकिन करीब दो दशक पहले एक ऐसी घटना हुई कि वह अपने मंसूबे फैलाने के लिए आजाद हो गया.
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कंधार हाईजैक की फिरौती
सन 1999 में इंडियन एयरलाइंस का काठमांडू से दिल्ली जा रहा विमान हाईजैक कर अपहरणकर्ता अफगानिस्तार के कंधार शहर ले गए. विमान में सवार यात्रियों की जिंदगी के बदले हाईजैकरों ने भारत सरकार से तीन कश्मीरी आतंकियों को आजाद करने की शर्त रखी. उन्हीं आतंकियों में मसूद अजहर भी शामिल था.
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जेईएम का गठन
मसूद अजहर ने आगे चलकर जैश ए मुहम्मद (जेईएम) नाम का आतंकी गुट बनाया. यह वही गुट है जिसने कश्मीर के पुलवामा में बीते तीन दशकों में हुए सबसे बड़े हमले की जिम्मेदारी ली है. इस आत्मघाती हमले में 40 से अधिक भारतीय सैनिक मारे गए. भारत का आरोप है कि अजहर पाकिस्तान में है.
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छद्म प्रयास
पाकिस्तान से चलने वाला जेईएम वहां सक्रिय ऐसे कई संगठनों में से एक है, जो कश्मीर में लड़ रहे हैं. खुद पाकिस्तान में आधिकारिक तौर पर जेईएम समेत ऐसे गुटों पर बैन है लेकिन नई दिल्ली का आरोप है कि पाकिस्तान छद्म तौर पर इनका इस्तेमाल भारत को अस्थिर करने के लिए करता है.
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कश्मीर में कैसे घुसा
रक्षा विश्लेषक अमित राणा बताते हैं कि अजहर का जन्म 1968 में पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के एक स्कूल टीचर के घर हुआ था. पाकिस्तान के आतंकी गुटों पर विस्तृत रिसर्चर करने वाले राणा बताते हैं कि अजहर ने एक पुर्तगाली पासपोर्ट लेकर भारतीय कश्मीर में प्रवेश किया था.
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भारत में गिरफ्तारी
उसे अंगारे बरसाने वाले अपने भाषणों के लिए जाना जाता है और एक समय वह कश्मीर में रहकर तमाम अलगाववादियों का एक नेटवर्क स्थापित कर हिंसा को बढ़ावा देने का काम कर रहा था. आतंकवाद के आरोप में उसे 1994 में गिरफ्तार कर लिया गया.
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जेल से भागना
उसने दूसरे आतंकी कैदियों के साथ मिलकर जेल से भागने के लिए सुरंग खोदी थी. जब भागने का समय आया जो तथाकथित रूप से अजहर ने सबसे पहले निकलने की जिद की. लेकिन अपने भारी शरीर के कारण वह सुरंग में फंस गया और इसके बाद वह 1999 तक जेल में ही रहा.
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संसद पर हमला
2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले का आरोप भी मसूद अजहर के संगठन पर ही है. इस हमले में आतंकियों ने 10 लोगों की जान ली थी. अजहर को नजरबंदी में रखा गया लेकिन सबूतों के अभाव में लाहौर ने उसे 2002 में आजाद कर दिया. भारत और यूएन इसके संगठन जेईएम को आतंकी गुट मानते हैं लेकिन अजहर को अब तक यूएन सुरक्षा परिषद ने आतंकवादी करार नहीं दिया है.
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पाकिस्तान और प्रतिबंधित गुट
पाकिस्तान ने हाल ही में जमात उद दावा और फलहे इंसानियत फाउंडेशन को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया है. जमात उद दावा को संयुक्त राष्ट्र लश्कर ए तैयबा से जुड़ा मानता है और इस पर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का आरोप है.
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अजहर जैसे और भी कई
लश्कर ए तैयबा पर पाकिस्तान ने 2002 में ही बैन लगा दिया था लेकिन माना जाता है कि इसी संगठन ने जमात उद दावा और फाउंडेशन के रूप में खुद को बदल लिया था. अमेरिका ने जमात के नेता हाफिज सईद के सिर पर एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है. फिर भी वह पाकिस्तान में आजादी से जीता है. आरपी/ओएसजे (एएफपी)
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14 फरवरी को पुलवामा में अर्धसैनिक बलों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद ने ली थी. इस हमले में 40 जवान मारे गए थे. हालांकि इस मुद्दे पर राजनीतिक खेमों में भी बयानबाजी तेज हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में कहा, "कमजोर मोदी, चीन के शी जिनपिंग से डर गए. एक शब्द भी मुंह से नहीं निकला जब चीन भारत के खिलाफ कदम उठा रहा था."
चीन के इस रुख पर आम जनता का गुस्सा भी टि्वटर पर फूट पड़ा है. यूजर्स चीनी उत्पादों के इस्तेमाल को बंद करने की बात कर रहे हैं. चीन भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. अगर रिश्तों में तनाव आता है तो उसका असर चीन के मुकाबले भारतीय कारोबार पर अधिक होगा.
आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 देश
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2018 के आंकड़े बताते हैं कि इराक और सीरिया में आतंकवाद घटा है. वहीं आईएस अब भी सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों में बना हुआ हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि दुनिया में चरमपंथ अब भी अपने उभार पर है.