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जो बाइडेन और यूरोप की बातचीत म्युनिख से शुरू हो रही है

१९ फ़रवरी २०२१

जो बाइडेन राष्ट्रपति के रूप में पहली बार यूरोपीय नेताओं से मुखातिब होंगे. म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस से इसकी शुरुआत हो रही है. यहां कोविड की महामारी, ईरान, चीन के साथ यूरोप और अमेरिका के रिश्तों पर चर्चा हो सकती है.

Joe Biden | damaliger Vizepräsident | Münchener Sicherheitskonferenz 2015
उपराष्ट्रपति के रूप में सम्मेलन में आ चुके हैं बाइडेनतस्वीर: Olivier Hoslet/dpa/picture alliance

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार से शुरू हो रहे जी7 देशों की म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और दूसरे राष्ट्रप्रमुखों के साथ बाइडेन शुक्रवार को स्थानीय समय के मुताबित दोपहर तीन बजे कोरोना की महामारी के खिलाफ दुनिया की लड़ाई पर चर्चा करेंगे. इसके करीब एक घंटे बाद वे म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस को वीडियो कांफ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे. राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन के लिए यह पहली अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस होगी.

हर साल होने वाला यह सम्मेलन नए अमेरिकी राष्ट्रपति और प्रमुख राजनीतिक मुद्दों की वजह से इस बार खासा अहम रहेगा. बैठक में कोरोना की महामारी और दुनिया में उसके बाद उपजी परिस्थितियां छाई रहेंगी. हालांकि पेरिस जलवायु समझौते में अमेरिका की वापसी के साथ ही ईरान के साथ परमाणु बातचीत में अमेरिका के शामिल होने पर चर्चा भी महत्व के विषय होंगे.

वरिष्ठ जर्मन राजनयिक वोल्फगांग इशिंगर इस कांफ्रेंस के प्रमुख हैं. उन्होंने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि बाइडेन चीन के प्रति अपने देश के मौजूदा रुख पर बने रहेंगे. चीन के साथ अमेरिका की कारोबारी जंग पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल में पूरी दुनिया के लिए एक प्रमुख मुद्दा बनी रही है. बाइडेन ने पद संभालने के बाद ट्रंप की कई नीतियों को उलट दिया. चीन के साथ चली आ रही अमेरिका की नीतियों में यह बदलाव ना हो, ऐसी उम्मीद की जा रही है.

इसी बीच अमेरिका ने ईरान के साथ परमाणु करार पर बातचीत में वापस लौटने की भी बात कही है. डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के साथ छह देशों के इस करार से बाहर आ गए थे और ईरान पर भारी प्रतिबंध लगा दिए थे. इसके बाद से ईरान ने अपने परमाणु रिएक्टरों में गतिविधियां तेज कर दी हैं. अमेरिका के समझौते में लौटने से हालात बेहतर हो सकते हैं.

फाइलतस्वीर: Matthias Schrader/AP Photo/picture alliance

म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस में बाइडेन और मैर्केल के अलावा फ्रेंच राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों, यूरोपीय आयोग की प्रमुख उर्सुला फॉन डेय लायन, नाटो के महासचिव येंस स्टोल्टेनबर्ग और ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी होंगे. राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन पहली बार यूरोपीय श्रोताओं को संबोधित करेंगे. ट्रंप के दौर में अमेरिका के यूरोप से रिश्ते भी कई मुद्दों को ले कर टकराव की स्थिति में पहुंच गए. बाइडेन के एजेंडे में इन रिश्तों को सुधारना भी होगा और इस पहली बातचीत से इसके संकेत मिलने की उम्मीद की जा रही है.

कोरोना की महामारी के कारण म्युनिख सिक्योरिटी कांफ्रेंस इस बार ऑनलाइन हो रही है. यूरोप के ज्यादातर देशों में अब भी पूर्ण या फिर आंशिक लॉकडाउन की स्थिति है और वैक्सीन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने पर सभी देशों का ध्यान लगा हुआ है.

एनआर/आईबी (डीपीए)

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