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ज्वालामुखी बने पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र

१० जून २०१०

दुनिया भर में कम से कम पचास करोड़ लोग किसी न किसी ज्वालामुखी के नजदीक रहते हैं. सालों से सोए ज्वालामुखी ही नहीं, हर समय आग उगलने वाले ज्वालामुखी से कुछ ही किलोमीटर दूर पर लोगों के घर और खेत होते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ये ज्वालामुखी दुनिया भर के पर्यटकों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं. मार्च में आइसलैंड के एक ज्वालामुखी ने कई हजार उडानों के पर कतर दिए थे लेकिन अब यह पर्यटकों के लिए एकदम हॉट स्पॉट बन गया है. लोग ज्वालामुखी का फूटना, उसकी आवाज़, उसकी गंध महसूस करना पसंद करते हैं.

तस्वीर: AP

लोग आइसलैंड, इटली, हवाई, जापान या दक्षिणी जर्मनी में आल्प्स पर्वतों पर सुप्त ज्वालामुखी देखने जाते हैं कि कैसे उनका क्रेटर, यानी विवर बना है, कितना गहरा है. ट्रैकिंग से लेकर बस, जीप, हैलिकॉप्टर टूर ज्वालामुखी के पास तक लोगों को ले जाते हैं. दुनिया भर में अनेक ट्रैवल एजेंसियां इससे मुनाफा कमाती हैं.

आइसलैंड में नवीं शताब्दी से ज्वालामुखुयों का फटना जारी है.इसी तरह इटली में 14 से भी ज़्यादा ज्वालामुखी हैं, जिनमें से सिसली का माउंट एटना, एओलियन द्वीप पर का स्ट्रोम्बोली, नेपल्स का वेसुवियस सक्रिय ज्वालामुखी हैं.बताया जाता है कि दुनिया भर में तेरह सौ से ज्यादा ज्वालामुखी सक्रिय हैं और उससे भी कहीं ज्यादा सुप्त.

तस्वीर: picture-alliance / dpa

जापान का माउंट फुजी हर साल दस करोड़ से भी ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करता है. लोग ज्वालामुखी के पास के सोतों में स्नान करने से लेकर आसो पर्वत पर ज्वालामुखी का क्रेटर यानी विवर देखने जाते हैं. स्पेन, इटली के वेसुवियस, न्यूजीलैंड के टोंगारियो नेशनल पार्क्स यानी राष्ट्रीय उद्यान में कई ऐसी जगहें हैं, जहां ज्वालामुखी वाले इलाके हैं. दस से चालीस लाख लोग इन जगहों पर जाते हैं.

लोग चाहते हैं कि वे ज्वालामुखी के पास रहें, क्योंकि उन्हें इसमें ख़तरे से ज्यादा फ़ायदे दिखाई देते हैं. एक तो यह कि एक बार आग उगलने के बाद ज्वालामुखी काफी दिनों तक शांत रहता है और इसके फिर से फूटने का अंदाज़ लगाया जा सकता है. मैक्सिको, ग्वाटेमाला, आइसलैंड, इटली में लोग ज्वालामुखी के बहुत पास रहते हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादन: एस गौड़

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