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ज्वालामुखी राख से सैंकड़ों उड़ानें रद्द

२४ मई २०११

आइसलैंड से उड़ने वाली ज्वालामुखी राख से यूरोप में 252 उड़ानें रद्द हुईं. स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड में राख के बादल छाए हैं. यूरोपीय हवाई यातायात नियंत्रक कहते हैं कि ये बादल यूरोप के दूसरे हिस्सों में भी जा सकते हैं.

Mount Sinabung spews volcanic materials into the sky in Karo, North Sumatra, Indonesia, Monday, Aug. 30, 2010. The volcano that had been dormant for more than four centuries erupted for the second day in a row Monday, spewing out towering clouds of ash and forcing the evacuation of more than 21,000 people. (AP Photo/Roone Patikawa)
तस्वीर: AP

ब्रसेल्स स्थित यूरोकंट्रोल के प्रमुख ब्राइन फ्लिन ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा है, "ज्यादातर एयरलाइंसों ने अपनी उड़ानें रद्द कर दी हैं. राख का कुछ हिस्सा स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के ऊपर उड़ रहा है." ज्वालामुखी की राख के कारण आयरलैंड के दौरे पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को एक दिन पहले ही वहां से ब्रिटेन के लिए रवाना होना पड़ा.

फ्लिन ने चेतावनी दी है कि राख के बादल फ्रांस और स्पेन की तरफ भी बढ़ सकते हैं, लेकिन अभी इस बारे में पक्के तौर पर कुछ भी कहना मुश्किल है. उनके मुताबिक दिन के खत्म होते होते राख के बाद स्कैंडेनेवियाई इलाके के दक्षिणी हिस्सों, डेनमार्क और उत्तरी जर्मनी को भी अपने चपेट में ले सकते हैं.

तस्वीर: AP

ब्रिटिश एयरवेज, केएलएम, एयर लिंग्स, ईजीजेट और रायनएयर ने स्कॉटलैंड के सारे हवाई अड्डों से विदेश को जाने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है. मंगलवार को नॉर्वे के भी दो शहरों, स्टावांगर और हाउगेसुंड में उड़ानें रद्द कर दी गई हैं. ब्रिटिश के हवाई प्राधिकरण सीएए के मुताबिक यह मामला अस्थायी है क्योंकि आइसलैंड में ग्रिम्सवोट्न ज्वालामुखी के फटने से इलाके में राख की धुंध छा गई है.

आईसलैंड में मौसम विभाग का कहना है कि ग्रिम्सवोट्न के पास मौसम खराब होने से राख की ऊंचाई का पता नहीं चल पाया है. हालांकि राडार से मिली तस्वीरों के मुताबिक राख पहले जितनी ऊंची नहीं है. इसकी ऊंचाई अब पांच से लेकर सात किलोमीटर तक है. शनिवार को ज्वालामुखी फटने से यह ऊंचाई कुछ 20 किलोमीटर के करीब थी जो सोमवार को घटकर लगभग 10 किलोमीटर हो गई.

तस्वीर: AP

सोमवार को आइसलैंड ने अपने सारे हवाई अड्डे खोल दिए और वहां से यातायात सामान्य तौर पर हो रहा है. पिछले साल एक अन्य ज्वालामुखी के फटने से यूरोप के कई देशों में हजारों हवाई उड़ानें रद्द कर दी गईं. आइसलैंड के कई गांवों और शहरों पर कई दिनों तक राख गिरती रही.

रिपोर्टः डीपीए/एमजी

संपादनः ए कुमार

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