झारखंडः मुठभेड़ में 9 माओवादियों की मौत
२८ जनवरी २०११लातेहर के एसपी कुलदीप द्विवेदी ने बताया, "बड़वाढीह पुलिस थाने के तहत लुहुर के जंगल में हुई मुठभेड़ के बाद नौ माओवादियों के शव बरामद कर लिए गए हैं." सीआरपीएफ और जिला पुलिस ने घटनास्थल से हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया है. पुलिस ने जंगल को घेर लिया है और माओवादियों से आत्मसमर्पण करने को कहा है.
द्विवेदी ने बताया कि माओवादियों ने पुलिस पर गोलीबारी की शुरुआत की. यह मुठभेड़ पांच घंटे तक चली और शुक्रवार सुबह खत्म हुई. उन्होंने कहा कि इलाके में तलाशी जारी है. इस मुठभेड़ में कोई पुलिसकर्मी घायल नहीं हुआ.
भारत के कुल 626 जिलों में से एक तिहाई माओवादी हिंसा के शिकार हैं. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नक्सली हिंसा को देश की आतंरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं. उन्होंने राज्य सरकारों से लोगों के कल्याण के लिए और अधिक योजनाएं शुरू करने की अपील की है ताकि उनमें पनप रहे गुस्से को दूर किया जा सके.
माओवादियों का दावा है कि वे आदिवासी, भूमिहीन और गरीब लोगों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं. माओवादी हिंसा से जुड़ी घटनाओं में पिछले साल कुल 1,169 लोग मारे गए. इनमें 171 माओवादी और 713 आम लोग शामिल हैं. चार दशकों से जारी माओवादी विद्रोही पर नजर डालें तो पिछला साल सबसे घातक रहा. 2010 में 285 पुलिसकर्मी भी माओवादी हिंसा का शिकार बने.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ए कुमार
संपादन: ए जमाल