भारत में हाल ही में बैन हुई और अमेरिका में भी दबाव झेल रही कंपनी टिकटॉक के सीईओ केविन मायर ने इस्तीफा दे दिया है.
विज्ञापन
दुनिया में कई जगह विवादों में फंसी सोशल मीडिया कंपनी टिकटॉक के सीईओ केविन मायर ने अचानक इस्तीफा दे दिया है. कर्मचारियों के नाम एक चिट्ठी में मायर ने लिखा कि उन्होंने यह निर्णय "राजनीतिक माहौल के तेजी से बदल जाने" की वजह से लिया.
टिकटॉक चीनी कंपनी बाइटडांस का वीडियो साझा करने वाला ऐप है. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप इसे सुरक्षा के लिए एक खतरा बताते रहे हैं और उन्होंने आदेश दिया है कि बाइटडांस अपने अमेरिकी व्यापार को 90 दिनों के अंदर बेच दे नहीं तो सरकार उसे प्रतिबंधित कर देगी. बताया जा रहा है कि बाइटडांस टिकटॉक को बेचने के लिए माइक्रोसॉफ्ट के साथ बातचीत कर रही है.
मायर ने चिट्ठी में लिखा, "मैंने इस पर काफी विचार किया है कि किस तरह के बदलावों की जरूरत होगी और उसके उस वैश्विक भूमिका के लिए क्या मायने होंगे जिसके लिए मैं कंपनी से जुड़ा था. इस पृष्ठभूमि में मैं भारी मन से आप सबको बताना चाह रहा हूं कि मैंने कंपनी छोड़ने का फैसला ले लिया है." मायर इससे पहले डिज्नी के लिए काम करते थे और उन्होंने मई 2020 में ही टिकटॉक का दामन थामा था.
उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकटॉक ने एक बयान में कहा, "पिछले कुछ महीनों में राजनीतिक गतिविधि कुछ ऐसी रही है जिसकी वजह से भविष्य में केविन की भूमिका में महत्वपूर्ण बदलाव आ सकते थे. हम इस बात को समझते हैं और केविन के फैसले का आदर करते हैं."
बाइटडांस ने टिकटॉक को 2017 में शुरू किया था और उसके बाद म्यूजिकल.एलवाई वीडियो सेवा को खरीद कर दोनों को मिला दिया था. उसका चीनी रूप दोयिन चीनी उपभोक्ताओं के लिए अभी भी उपलब्ध है. टिकटॉक कई देशों में काफी लोकप्रिय हो गया और उस पर आम लोग तरह तरह के वीडियो अपलोड करके लोकप्रियता हासिल करने लगे.
लेकिन चीनी कंपनी होने के नाते उसे लेकर कई चिंताएं उत्पन्न हुईं, जैसे कि वीडियो क्लिपों का संभावित रूप से सेंसर होना और यूजर के डाटा का बीजिंग द्वारा इस्तिमाल करना. भारत ने हाल ही में चीन के साथ राजनैतिक झगड़े के बीच कई चीनी ऐपों को बैन कर दिया था, जिनमें टिकटॉक भी शामिल है.
कैसा है टिकटॉक को खरीदने की दावेदार माइक्रोसॉफ्ट का चीन से खास रिश्ता
अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट टिकटॉक के अमेरिकी कारोबार के सबसे अग्रणी भावी खरीदार के रूप में उभर कर आई है. अगर इन दोनों के बीच सौदा हो जाता है तो ये माइक्रोसॉफ्ट के चीन के प्रति रुख के अनुकूल ही होगा.
तस्वीर: Reuters
बाकियों से अलग
गूगल और फेसबुक जैसी दूसरी बड़ी अमेरिकी तकनीकी कंपनियां चीन में सरकारी प्रतिबंधों के आगे अपने हाथ खड़े कर चुकी हैं. माइक्रोसॉफ्ट चीन में हर साल दो बिलियन डॉलर कमाता है.
तस्वीर: Getty Images/J. Moon
चीन में माइक्रोसॉफ्ट
चीन में माइक्रोसॉफ्ट के लगभग 6,000 कर्मचारी हैं. देश में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का काफी इस्तेमाल होता है. कंपनी चीन में अपना ऐज्यूर क्लाउड कंप्यूटिंग उत्पाद भी स्थानीय कंपनी 21वायानेट के साथ मिलकर चलाती है.
तस्वीर: Reuters/F. Bensch
सर्च इंजन और सोशल नेटवर्क
चीन में माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग और सोशल नेटवर्क लिंक्डइन भी चलता है, हालांकि ये अलीबाबा, बाइडू इत्यादि जैसी स्थानीय कंपनियों के सामने छोटे खिलाड़ी हैं.
तस्वीर: Reuters/R. Galbraith
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च एशिया माइक्रोसॉफ्ट का चीन में संभवतः सबसे अहम उत्पाद है. इसकी स्थापना 1998 में जाने माने ताइवानी-अमेरिकी वैज्ञानिक कैफू ली की मदद से हुई थी.
तस्वीर: picture-alliance/Photoshot
सेंसरशिप
माइक्रोसॉफ्ट चीन में सर्च के नतीजों और दूसरी सामग्री को सेंसर भी करता है और जिस सामग्री को चीनी सरकार संवेदनशील समझती है उसे हटा देता है.
तस्वीर: picture-alliance/NurPhoto/J. Arriens
गिटहब
सॉफ्टवेयर बनाने की वेबसाइट गिटहब को माइक्रोसॉफ्ट ने 2019 में खरीदा था और वह भी चीन में उपलब्ध है. इसका इस्तेमाल चीन में सरकार द्वारा इंटरनेट पर सामग्री को सेंसर किए जाने से पहले संरक्षित करने के लिए एक्टिविस्ट भी करते रहे हैं.
तस्वीर: GitHub
सरकार से दो-दो हाथ
चीन में माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की जाली प्रतियां धड़ल्ले से बिकती हैं. इसको लेकर कंपनी ने कई बार सरकारी कंपनियों के खिलाफ भी अदालतों में मामले दर्ज किए हैं. 2014 में एक जांच के बीच सरकारी एजेंसियों ने माइक्रोसॉफ्ट के चार दफ्तरों पर छापे मारे थे. उसी साल सरकार ने विंडोज आठ पर प्रतिबंध लगा दिया था. 2015 में माइक्रोसॉफ्ट ने एक स्थानीय कंपनी के साथ मिल कर विंडोज 10 का "चीनी सरकार" संस्करण निकाला था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A.Warnecke
बिल गेट्स और चीन
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स चीन के विषय में आम तौर पर सकारात्मक शब्दों में ही बात करते रहे हैं. वो नवंबर 2019 में राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पत्नी से सार्वजनिक रूप से मिले थे. उन्होंने अमेरिकी सरकार द्वारा चीनी कंपनी हुआवे पर लगाए प्रतिबंधों की आलोचना भी की थी. उन्होंने चीनी सरकार के साथ विंडोज का सोर्स कोड साझा करने की बात भी की थी.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/G. Ehrenzeller
बिल और मेलिंडा गेट्स संस्थान
ये संस्थान चीन में सक्रिय चुनिंदा विदेशी गैर सरकारी संगठनों में से है. इसने कोविड-19 महामारी संबंधित राहत कार्य के लिए चीन को पांच मिलियन डॉलर धनराशि दान में दी है. बिल गेट्स ने महामारी के प्रति चीन की प्रतिक्रिया की सराहना भी की है, जिसके लिए राष्ट्रपति शी ने सार्वजनिक तौर पर उनका धन्यवाद भी किया था. सीके/आरपी (रॉयटर्स)