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"टीम इंडिया के साथ तानाशाह नहीं बनूंगा"

१४ मई २०११

भारतीय क्रिकेट टीम के नए कोच डंकन फ्लेचर ने कहा है कि वह काम करने का तानाशाही रवैया नहीं अपनाएंगे. फ्लेचर के मुताबिक वह खिलाड़ियों के साथ कुछ समय बिताना चाहेंगे और फिर तय करेंगे कि रणनीति में बदलाव की जरूरत है या नहीं.

डंकन फ्लेचरतस्वीर: AP

फ्लेचर का कहना है कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कोच गैरी कर्स्टन के साथ उन्होंने बातचीत की है. भारतीय क्रिकेट टीम को वर्ल्ड कप में जीत दिलाने के बाद कर्स्टन अब दक्षिण अफ्रीका लौट गए हैं क्योंकि वह अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं.

तस्वीर: AP

कर्स्टन के जाने के बाद डंकन फ्लेचर को नया कोच चुना गया है. भारतीय टीम के सदस्य और बीसीसीआई अधिकारी कर्स्टन के शांत स्वभाव और कौशल का काफी सम्मान करते हैं और फ्लेचर का कहना है कि वह सफलता के सिलसिले को आगे बढ़ाना चाहेंगे.

"टीम अब तक जिस रणनीति के साथ खेलती आ रही है मेरी योजना उससे ज्यादा अलग नहीं है. मैंने दक्षिण अफ्रीका और वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन देखा है लेकिन खिलाड़ियों से मिलने और बात करने के बाद ही मैं आखिरी फैसला लूंगा. अगर जरूरत हुआ तो फिर रणनीति में बदलाव किया जाएगा."

फ्लेचर के मुताबिक भारत एक ऐसी जगह है जहां तानाशाही ढंग से काम नहीं होता. "यह खिलाड़ियों को बताने की जरूरत है कि मैं उन्हें कैसे खेलता देखना चाहता हूं. मैं उन्हें सलाह दूंगा और खिलाड़ियों को कैसे खेलना है यह उन्हें तय करना है."

डंकन फ्लेचर जिम्बाब्वे की ओर से खेल चुके हैं और 2005 में एशेज सीरिज जीतने में उन्होंने इंग्लैंड की कोच के रूप में मदद की. फ्लेचर आठ साल तक इंग्लैंड के कोच रहे. फ्लेचर मानते हैं कि भारतीय टीम को कोचिंग देना बड़ी चुनौती है.

"यह मेरे लिए नई चुनौती है. मुझे गैरी कर्स्टन और बॉलिंग कोच एरिक सिमंस से सलाह मिली है. मैंने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से भी बात की है. यह रोमांचकारी अनुभव होगा क्योंकि मैं विश्व विजेता टीम को कोचिंग दूंगा. यह हाई प्रोफाइल काम है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए जमाल

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